खबर लहरिया Hindi उन्नाव केस में पीड़िता का कराया गया एक्सीडेंट या था महज एक हादसा?

उन्नाव केस में पीड़िता का कराया गया एक्सीडेंट या था महज एक हादसा?

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिला का बहुचर्चित रेप मामला एक बार फिर सुर्ख़ियों में है, जिसको सुनकर, पढ़कर बहुत दुःख हो रहा है। 28 जुलाई को एक सड़क दुर्घटना में उन्नाव रेप पीड़िता एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई।  हादसे में पीड़िता की मौसी,चाची और ड्राइवर की मौत हो गई, वहीं पीड़ित महिला और उसका वकील घायल है।
रायबरेली के गुरुबक्स गंज थाना के क्षेत्र के अटौरा बुजुर्ग चौकी के पास स्विफ्ट डिजायर कार व ट्रक के आमने-सामने हुई टक्कर से हादसा होना बताया जा रहा है। उसकी नंबर प्लेट पर कालिख पोत दी गई थी। ठीक वैसे जैसे फिल्मो में दिखाया जाता है कि किस तरह अपने ऊपर आरोप लगाने वाले को ठिकाने लगाया जाता है। जिस ट्रक से हादसा हुआ उसके नंबर प्लेट को काला करना इस शक को और मजबूत करता है।

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उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिला का बहुचर्चित रेप मामला तो आप सबने सुना ही होगा, जिसको लेकर पूरे देश में गुस्से का माहौल था जगह-जगह इस मामले को लेकर प्रदर्शन हो रहे थे। साल 2017 में एक लड़की ने लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास के पास आत्मदाह का प्रयास किया था। तो मामला सबकी नजर में आया। इसके बाद लड़की के पिता की कुछ लोगों ने पिटाई की जिससे उनकी अस्पताल में मौत हो गई थी। इस मामले में विधायक के भाई और कुछ अन्य लोग आरोपी हैं जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया। बताया जाता है कि पुलिस ने उनकी बेटी के साथ रेप का मुकदमा नहीं लिखा था, इससे परेशान होकर वो कोर्ट की शरण में चले गए थे। कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किए जाने से नाराज विधायक के भाई ने अपने लोगों के साथ मिल कर पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटा था। जिससे उनकी मौत हो गई थी।

 

https://twitter.com/AAPVed/status/1155491719187783680

 

 

 

जानकारी के मुताबिक इस केस के बाद रेप पीड़िता को दो सुरक्षा कर्मी दिए थे बताया जा रहा है कि नियमित तौर से सुरक्षा के लिए रहने वाले सुरक्षा कर्मी भी दो दिन से साथ नहीं थे। रायबरेली जाते समय कार में जगह न मिलने के कारण सुरक्षा कर्मी साथ नहींगये थे

 

 

हालाकिं पुलिस अभी रेप पीड़िता, वकील और उनके एक सहयोगी को बेहतर इलाज देने की बात कर रही है। बाद उनके बयान से मामला साफ़ हो पायेगा कि ये हादसा था या साजिश का अन्देशा तो नहीं है उनके बयाँन के बाद ही आगे की कार्यवाही होगी।लेकिन सवाल ये उठता है कि अभी तक रेप पीड़िता को न्याय क्यों नहीं मिला? कहाँ गया सरकार का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा? इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होना चाहिए था जो अब तक नहीं हो पाई क्या इस मामले का खुलासा हो पायेगा या बाकी केस की तरह इसकी तस्वीर भी धुंधली हो जाएगी?