खबर लहरिया Blog  टीकमगढ़: पेंशन के इन्तजार में वृद्ध महिलाएं

 टीकमगढ़: पेंशन के इन्तजार में वृद्ध महिलाएं

वृद्धावस्था पेंशन की राशि ऐसे परिवारों के लिए दो जून की रोटी के लिए उम्मीद की किरण होती है जिनके घर में न खेती होती है न ही कोई नौकरी। ऐसे ही पात्र बुजुर्गों ने पेंशन के लिए कोरोना काल में आवेदन किया था लेकिन उनकी पेंशन न आने के कारण उन्हे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 

टीकमगढ़ जिले के ब्लॉक टीकमगढ़ की ग्राम पंचायत पठा में ऐसे ही कुछ वृद्ध लोगों को वृद्धा पेंशन नहीं मिल रही हैl जिससे लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया हैl ज्यादातर वृद्ध पेंशन की उम्मीद में हर दिन बैंक का चक्कर काट रहे हैं। वह इस भरोसे से आते हैं कि शायद आज उनके बैंक खाता में राशि भेज दी गई होगी। लेकिन उन्हें लगातार बैरंग वापस लौटना पड़ता है। 

समाचार पत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार गरीबों को मिलने वाली वृद्धावस्था पेंशन का दायरा और बढ़ाने जा रही है। इससे प्रदेश में और अधिक बुजुर्गों को इस पेंशन योजना का लाभ मिल सकेगा। सरकार ने 60 लाख से अधिक बुजुर्गों को पेंशन देने का लक्ष्य रखा है।

कई बार भरा फॉर्म लेकिन नहीं हुई सुनवाई 

पठा की रहने वाली शूगर बाई रैकवार ने बताया है कि उन्हें वृद्धा पेंशन नहीं मिलती है उन्होंने पेंशन के लिए कई बार फार्म भरा हैl सरपंच और सिक्रेटरी के पास जमा भी किए हैं जिसमें हजार दो हजार का खर्च भी लग गया लेकिन अभी तक कुछ पता ही नहीं चलाl

पेंशन ना मिलने के कारण कई तरह की हो रही समस्याएं

शूगरबाई

शूगरबाई आगे बताती हैं की वह बूढी हो गई हैं मजदूरी करने लायक नही हैं इस कोरोना काल में गुजारा भी नहीं चलता हैl बच्चे भी पलायन करने जाते थे जैसे दिल्ली, आगरा, ग्वालियर तो वो भी इस कोरोना काल में घर बैठे हैं उनका ही गुजारा नहीं चल रहा है तो उनका क्या खर्च देखेंगेl शूगरबाई के पास न जमीन है न ही कोई नौकरी कि उसी में कमाई करके अपना खर्च चलायें ऐसे में उनके सामने भरण-पोषण की बहुत समस्या आ गई हैl वह कहती हैं की उन्हें राशन भी नहीं मिलता है कि उससे गुजारा करेंl अगर राशन और पेंशन होती तो कभी कोई दिक्कत न होती और उनके बुढ़ापे का सहारा होता लेकिन उनके सामने खाने-पीने की बहुत समस्या आ गई हैl

बुढ़ापे का नहीं है कोई सहारा, रोटी कपड़ा की हो रही समस्या 

गांव पठा निवासी लच्छी रैकवार ने बताया है कि उनकी उम्र लगभग 80 साल हो गई है लेकिन अभी तक उनको वृद्धा पेंशन नहीं मिलती हैl इस बुढ़ापे में एक वही सहारा होती है वो भी सरकार नहीं दे रही हैl वृद्धा पेंशन ना मिलने के कारण खाने-पीने और कपड़ा राशन पानी की समस्या होती हैl आज के समय में आप सब जानते हैं कि कोई किसी का नहीं होता हैl अब उनकी उम्र मजदूरी करने लायक नहीं है इसलिए गुजारा चलाने में भी मुश्किल हो रहा हैl लड़के बच्चे हैं तो वही हमारा गुजारा चलाते हैंl

लच्छी रैकवार की शिकायत है कि उनकी उम्र की महिलाओं को पेंशन मिलती है लेकिन उन्हें नहीं मिलती हैl कई बार फार्म भरवा के सेक्रेटरी और सरपंच के पास पंचायत में जाकर जमा किया वहां से एक ही आश्वासन मिला की आपकी पेंशन बनवा देंगे लेकिन पता नहीं चलता है कि वह कागज कहाँ जमा करते हैं जो पेंशन नहीं आतीl गाँव के वृद्ध किशोरी का भी यही हाल है उनको भी पेंशन नहीं मिलतीl 

पात्र हैं तो मिलेगी पेंशन- सचिव 

सचिव शोभाराम यादव ग्राम पंचायत पठा ने बताया कि उनकी ग्राम पंचायत में 300 के लगभग वृद्धापेंशन, विधवा और विकलांग सभी पेंशन मिल रही हैl और इन महिलाओं के फार्म उन्हें नहीं मिले हैं क्योंकि उनको अभी कुछ ही महीने हुए हैं आये हुएl फिर भी अगर पात्रता की श्रेणी में होंगे तो उनका फार्म भरवा कर उनको वृद्धा पेंशन का लाभ दिया जाएगाl

इस खबर की रिपोर्टिंग रीना द्वारा की गयी है। 

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