देश के ग्रामीण इलाकों में आज भी महिलाओं को पढ़ने-लिखने, उठने बैठने की आज़ादी नहीं है। उन्हें अपने मूलभूत हक़ को पाने के लिए भी रोज़ाना समाज से, परिवार से जंग लड़नी पड़ती है, संघर्ष करना पड़ता है। लेकिन इसी सबके बीच आज हम आपको चित्रकूट ज़िले के खटवारा गाँव की एक ऐसी जा रहे हैं जिन्होंने ये साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से अगर कोई काम किया जाए तो जीत मुमकिन है। ज्योति द्विवेदी ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत डिजिटल मशीनों और इलेक्ट्रॉनिक मशीनों से बिजली का बिल निकालकर एवं बिलिंग का काम करके अपना घर चला रही हैं।
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जिला चित्रकूट ब्लॉक रामनगर गाँव खटवारा दो सालों से अजीब का समूह काम कर रहा है। इनके लगभग 11 समूह है। इन लोगों को गाँव के लोगों की मदद के लिए ट्रेनिंग दी गयी थी। समूह में काम कर रहे लोगों को 6 महीने कमीशन के तौर पर पैसे मिलेंगे। इन्हें एटीएम मशीन भी दी गयी है।
समूह की ज्योति देवी कहती हैं कि उन्हें बचपन से ही लैपटॉप चलाने का शौक था। वह लोगों का फोन रिचार्ज, बिल जमा करना आदि करने का काम करती हैं। 2 महीने हो गए लेकिन उन्हें वेतन नहीं मिला है।
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