खबर लहरिया Blog कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों पर असर का कोई प्रमाण नहीं – डॉ. गुलेरिया

कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों पर असर का कोई प्रमाण नहीं – डॉ. गुलेरिया

दिल्ली के एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर का बच्चों पर प्रभाव पड़ने का कोई भी पुख्ता सबूत नहीं है।

शुरू में कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर कहा जा रहा था कि इसका सबसे ज़्यादा प्रभाव बच्चों पर पड़ेगा। सभी एक्सपर्ट्स की इस पर अलग-अलग राय भी देखने को मिल रही थी। जिसे देखते हुए दिल्ली के एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि तीसरी लहर का बच्चों पर कितना असर होगा, इसका कोई प्रमाण नहीं है।

उन्होंने कहा कि दुनियाभर में किसी भी सर्वे से ऐसी बात नहीं निकली है। जो यह बता सके कि तीसरी लहर कब आ सकती है या बच्चों पर इसका क्या असर होगा। इसे लेकर कोई भी कहीं भी वैश्विक डाटा नहीं है कि इससे बच्चे प्रभावित होंगे। अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि बच्चों को तीसरी लहर से जटिल संक्रमण होगा।

बच्चों को खतरा नहीं

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी जो बच्चे संक्रमित हुए हैं। वे कम ही बीमार पड़े हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि भविष्य में बच्चों में किसी भी गंभीर संक्रमण का खतरा देखने को मिलेगा।

कोरोना के मामलों में आयी गिरावट

एनडीटीवी की 9 जून को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार दो महीनों से भी ज़्यादा समय के बाद मंगलवार 8 जून को पूरे देश में एक लाख से भी कम कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज़ किये गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार सुबह ज़ारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में देश में कोविड-19 संक्रमण के 86,498 नए मामले दर्ज किए गए हैं। यह पिछले 66 दिनों में सबसे कम दैनिक मामले हैं। जिसके बाद भारत में कोरोना से सक्रिय मरीजों की संख्या 13 लाख के आंकड़े पर पहुंच गई है। पिछले 24 घंटों में एक्टिव मरीजों की संख्या में 97,907 की गिरावट आई है। वहीं कुल सक्रिय मामलों की संख्या 13,03,702 हो गई है।

कोरोना रोधी टीकों का दिया गया आर्डर

केंद्र सरकार ने मंगलवार 8 जून को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई टीका निति की घोषणा के बाद उनके द्वारा कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 44 करोड़ खुराकों का आर्डर दिया गया है। प्रधानमंत्री ने सोमवार 7 जून को घोषणा की थी कि केंद्र राज्यों के खरीद कोटे को अपने हाथों में ले लेगा। साथ ही 18 साल से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए राज्यों को टीके मुफ्त उपलब्ध कराए जाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि विनिर्माताओं द्वारा कोविड रोधी टीकों की इन 44 करोड़ खुराकों की आपूर्ति दिसंबर तक उपलब्ध कराई जाएगी जिसकी शुरुआत अब से हो रही है।

देश में फ़िलहाल कोरोना के मामले कई राज्यों में कम देखने को मिले हैं। वहीं कुछ राज्यों में अब भी लॉकडाउन लगा हुआ है। सरकार द्वारा कोरोना वैक्सीन ड्राइव तो चलाई जा रही है। लेकिन इसके साथ ही देश में वैक्सीन की बेहद ज़्यादा कमी भी देखी गयी है। यहां तक की पिछले दिनों खबरों में यह भी था कि सरकार केंद्र सरकार को कम दाम में और राज्य सरकार ज़्यादा दाम में वैक्सीन दे रही है। जिनके पास पैसे हैं वह तो वैक्सीन लगवा ले रहें हैं लेकिन सामान्य लोग अब भी सिर्फ इंतज़ार कर रहे हैं क्यूंकि उनके लिए वैक्सीन खरीद पाना मुमकिन नहीं है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कुछ समय पहले टीकाकरण उत्सव भी बनाया गया था। लेकिन यह उत्सव लोगों को बेवकूफ बनाने से ज़्यादा कुछ नहीं था। राज्यों में ज़रूरत के अनुसार वैक्सीन तक की सप्लाई नहीं की जा रही है और सरकार कहती है कि वह सबको वैक्सीन मुहैया करा रही है।

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