खबर लहरिया क्राइम चित्रकूट- प्रेम करना गुनाह नहीं तो क्यों हो रही प्रेमी जोड़ो की मौत

चित्रकूट- प्रेम करना गुनाह नहीं तो क्यों हो रही प्रेमी जोड़ो की मौत

कहते हैं प्यार तो दो आत्माओं का मिलन है, पर ये सब बाते बस कहने तक ही हैं असलियत में प्यार करने वालो को हमेशा सजा ही मिली चाहे मौत की हो या दो प्यार करने वालो को जुदा करने की  हर प्यार करने वालो को बडी से बडी सज़ा काटनी पडी, और ये सदियों से चला रहा है, आज समाज बदल रहा है लेकिन प्यार करने वालो को सजा मिलनी नहीं बंद हुईl अगर हम चित्रकूट जिले की बात करें तो दो महीने मे तीन प्रेमी जोडो को अपनी जान गवानी पडी |

यानी की 6 लोगों ने अपने प्यार करने की सजा मे सजाए मौत पाई हैl चित्रकूट के कोतवाली कर्वी के तरौहा की रहने वाली सीमा केवट और चित्रकूट के कर्वी कोतवाली अंतर्गत भौरो पागा का चुन्नू केवट की 5 सितम्बर को मौत का मामला सामने आया था ऐसा ही मामला बाँदा जिले के मटौंध थाना क्षेत्र के करछा गांव से सामने आया था 5 अगस्त को गांव का ही भोला आरख पुत्र आशाराम गांव की 22 वर्षीय युवती के घर गया था।

पुलिस और परिजनों के मुताबिक दोनों के बीच कुछ दिनों से प्रेम प्रसंग चल रहा था। लड़की के भाई लाखन ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देखा तो आपा खो बैठा और युवक और युवती पर बरछी से कई वार किए। दोनों जान बख्शने के लिए गिड़गिड़ाते रहे। भाई ने पहले तो युवती को कमरे से बाहर निकाल लिया, लेकिन युवती ने प्रेमी को बचाने की कोशिश की तो उसको भी कमरे में बंद कर केरोसिन डालकर आग लगा दी।

भारत सहित दुनिया के अधिकांश देशों में जहां हत्या की दर पहले की तुलना में कुछ कम हो रही है, वहीं प्रेम प्रसंग के कारण हत्या के मामले दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2001 से 2017 के बीच प्रेम प्रसंग के मामलों में 28 प्रतिशत वृद्धि हुई है अब सवाल ये उठता है की क्या ‘जान’ इतनी सस्ती है? क्या इन जोड़ों को समाज में जीने का हक़ नहीं था? क्या अपनी मर्जी से अपनी जिन्दगी जीना या जीवनसाथी चुनना गुनाह है