खबर लहरिया Blog आस में बैठे दुकानदारों को नहीं मिलीं दुकानें, अब कैसे होगा गुजारा

आस में बैठे दुकानदारों को नहीं मिलीं दुकानें, अब कैसे होगा गुजारा

Shopkeepers sitting in the neighborhood could not find shops,

जिला महोबा, ब्लाक जैतपुर कस्बा कुलपहाड़ गल्ला मंडी में छोटे दुकानदारों को सब्ज़ी लगाने की जगह नहीं मिली है जिससे दुकानदार काफी नाराज़ हैं। उनका आरोप है कि एक साल से मंडी बन रही थी बोला गया था की सबको दुकान लगाने के लिए जगह दी जायेगी लेकिन जब बनकर तैयार हो गई तो  हम गरीबों को नहीं दी जा रही है। बल्कि मुनादी कराकर पैसे वालों को दी गई है।

कैसे होगा परिवार का भरण-पोषण 

पार्वती बताती हैं कि मैं 10 साल से सब्जी की दुकान लगाती थी। और उसी सब्ज़ी की दुकान से 5 बच्चों का भरण पोषण करती थी, सब्ज़ी मंडी से तो निकाल दिया गया। अब मैं कहाँ दुकान लगाने। अगर कहीं सड़क पर लगाती भी हूँ तो भी लोग भगा देंगे।

सिर पर मंडरा रहा रोजी रोटी का संकट

रमेश जो सिलाई करते हैं उनका कहना है कि जहाँ नगर पंचायत के तरफ से दुकाने बनवाई गई हैं वहां पर हम अपनी मशीन रखकर फटे पुराने कपड़े सिलते थे। अब वहां पर जबसे दुकान बन गई है तो हम लोगों को हटा दिया गया है। हमें आशा थी की दुकान बन जायेगी तो हमें एक निश्चित जगह मिल जायेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उल्टा हमें वहां से भगा दिया गया है। अब तो हम इधर उधर भटक रहे हैं और जो बड़े व्यापारी, बड़े दुकानदार हैं उन्हीं को मिली है इससे हम लोग बहुत परेशान हैं।

जो सिक्योरिटी भरेगा उसी को मिलेगी दुकान

Shopkeepers sitting in the neighborhood could not find shops,

कल्लू कहते हैं की हमारी यह उम्मीद थी कि हम लोग को भी जगह मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नगर पंचायत वालों ने बड़े आदमियों को दे दिया है। कभी रास्ते में हम अपनी दुकान लगा लेते हैं तो कभी नगर पंचायत के अधिकारी तो कहीं पुलिस आकर हम लोगों को भगा देती है। कहती है कि यहां पर तुम ठीलिया ना लगाओ। आखिरकार हम गरीबों की कौन। हमारे सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। यह बात हमने नगर पंचायत में भी बोला था कि इतनी बड़ी रकम की सिक्योरिटी लगाए हो तो गरीब आदमी कहां जाएगा? लेकिन नगर पंचायत वालों ने सुनी भी नहीं। 

30 साल के लिए बुक हो गई हैं दुकाने, अब कहाँ जाये छोटे दुकानदार  

नगर पंचायत के अधिशाषी अधिकारी निर्दोष कुमार ने बताया है कि 7 दुकान बनकर तैयार हो गई थी। 1 जनवरी को उद्घाटन भी हो गया था और उसमें बोली लगाई गई थी जो उन बोलियों को स्वीकार किया है उन्हीं को दुकानें मिली हैं। इन दुकानों का 30 साल के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया गया है जिससे दुकानदारों को कोई भगा न सके। 3लाख 5 हजार रुपया 30 साल के लिए सिक्योरिटी जमा करवाया है। जिसने जमा किया है उन्हीं को दुकानें मिली हैं। दुकानदार 15 सौ रुपया महीना के हिसाब से सिक्योरिटी की भरपाई करेंगे। 

दुकान उठने के 8 दिन पहले मुनादी करवाई गई थी कि जिनको दुकानों की आवश्यकता हो वह यहां पर ले सकते हैं। जिन लोगों ने लिया है दुकान अब उन्हें 30 साल तक कोई हटा नहीं सकता। जो दुकान लेने की स्थिति में नहीं हैं उनको जहां भी जगह दिखे वहां पर लगा सकते हैं।