खबर लहरिया आओ थोड़ा फिल्मी हो जाए शेरशाह: ऐसी फिल्म जो रुलाकर मानेगी, आओ थोड़ा फ़िल्मी हो जाए

शेरशाह: ऐसी फिल्म जो रुलाकर मानेगी, आओ थोड़ा फ़िल्मी हो जाए

हैल्लो दोस्तों कैसे है आप सब? उम्मीद करती हूँ सब सुरक्षित होंगे। अभी हाल ही में कई देशभक्ति फिल्मे रिलीज़ हुई है. जैसे भुज, बेलबॉटम वगैरह लेकिन जिसने सबके आँखों में आंसू ला दिए वो थी शेरशाह। सच कहती हूँ बहुत टाइम बाद किसी फिल्म को देखते वक्त मैं इतना रोइ हूँ वो भी तब जब मुझे पहले से से पता था की इसका अंत क्या होने वाला है. वैसे आप सोच रहे होंगे की मैं इतने दिनों बाद इस फिल्म के बारे में क्यों बात कर रही हूँ तो आपको बता दूँ कि मैं थोड़ा सा बीजी थी और जैसा की की मैंने पहले बताया मुझे ये कहानी पहले से पता थी तो मेरा मन नहीं किया कि मैं अपना टाइम बर्बाद करूँ। लेकिन सबने इस फिल्म की इतनी तारीफ़ की के मैं खुद को रोक नहीं पाई और कल रात मैंने ये फिल्म देखि तो फिर करें कुछ फ़िल्मी बातें।

शेरशाह सत्य घटनाओं से प्रेरित है और करगिल युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा के पराक्रम को दर्शाती है. मोटी-मोटी कहानी तो सभी को पता है. हर कोई जानता है कि विक्रम बत्रा ने करगिल युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाई थी. फिल्म ने बस इतना कर दिया है कि हमे विक्रम बत्रा की पूरी कुंडली बता दी है. उनके जन्म से लेकर IMA में ट्रेनिंग तक, उनके सपनों से लेकर उन्हें पूरा करने की दिलेरी तक, सबकुछ बताया गया है. कैसे बचपन में आर्मी में जाने का सपना देखा और फिर खुद को 13 जम्मू कश्मीर राइफल्स के साथ जोड़ा. डिंपल संग विक्रम की प्रेम कहानी की भी झलक मिलती है जो परवान तो चढ़ी लेकिन कभी पूरी नहीं हो पाई. वैसे फिल्म की रिव्यू तो अब तक आपने बहुत देख और सुन लिया होगा पर आज मैं थोड़े कैमरे के पीछे की कहानी भी बताती हूँ.

आपको बतादूँ कि शेरशाह फिल्म की काफी शूटिंग करगिल में हुई वो भी 14 हजार फीट की ऊंचाई पर. एक इंटरब्यू के दौरान खुद सिदार्थ मल्होत्रा जो इस फिल्म में बिक्रम बत्रा का किरदार निभा रहे है उन्होंने बताया कि यहां शूटिंग करना काफी मुश्किल था क्योंकि इतनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी हो रही थी. खास बात ये थी कि शूटिंग केवल एक कैमरे और एक कैमरामैन के साथ हुई. जिससे शूटिंग काफी रीयल लग रही थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि जहां 14 हजार फीट की ऊंचाई पर ही शूटिंग करना काफी मुश्किल हो रहा था वहीं असली लड़ाई 17 हज़ार फीट की ऊंचाई पर लड़ी गई थी. तो हमारे जवानो का क्या हाल हुआ होगा। खैर हम उनकी बराबरी के बारे में तो सोच भी नहीं सकते है.

ई टाइम्स के मुताबिक कियारा ने बताया कि फिल्म शेरशाह के क्लाइमेक्स सीन को शूट करने के दौरान पूरा क्रू इतना इमोशनल हो गया था कि कोई अपने आंसू नहीं रोक पाया। – ‘उस दिन सेट पर कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वा भाई विशाल बत्रा भी आए थे। सीन पढ़ने के बाद मैं काफी इमोशनल हो गई थी।’ वैसे इस फिल्म को देखते हुए शायद ही कोई होगा जो इमोशनल नहीं हुआ होगा।

जैसा की मैंने पहले ही बताया था की इस फिल्म की कहानी कहूं या कैप्टन विक्रम बत्रा की कहानी सबको पता है और मुझे भी पता थी पर फिल्म जैसे जैसे आगे बढ़ रही थी जैसे बिक्रम का मिलनसार नेचर हसमुख अंदाज और डायलॉग सुन रही थी तो मेरे आंसूं अपने आप ही बहे जा रहे थे जैसे उनका एक डायलॉग है जब घर से अपने छुट्टियां कैंसिल कर कारगिल युद्ध के लिए वापस आते हुए विक्रम अपने दोस्त से कहते हैं, “या तो मैं तिरंगा लहराकर आऊंगा, या तिरंगे में लिपटा हुआ आऊंगा, पर मैं आऊंगा जरूर..”। तब मानो दिल बैठ सा जाता है. उफ़ मैं अगर बताती रहूं तो पूरा दिन ख़तम हो जाएगा पर बातें ख़तम नहीं होंगी। ऐसे जाबाज फौजी को हमारा दिल से सलाम है.

इस फिल्म की भी तारीफ़ करनी बनती है सिदार्थ और क्यारा की ऐक्टिंग ऐसी थी जैसे हम सच में बिक्रम और डिम्पल को महसूस कर पा रहे हो. तो आप भी जाइये और ये फिम देखिये और हमें कमेंट कर के जरूर बताइये की फिल्म आपको कैसी लगी। वैसी अगर आपको ये वीडियो पसंद आई हो तो लाइक और दोस्तों के साथ शेयर जरूर कर दें और हम अगर आपने अभी तक हमारा चैनल सब्स्क्राइव नहीं किया है तो अभी कर लें। मिलते है अगले एपिसोड में तब तक के लिए नमस्कार।

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