शराब की दुकाने खुलने पर देखिए किस प्रदेश ने की कितने की बिक्री? 22 मार्च से शुआ लॉकडाउन की तारीख अब बढ़ कर 17 मई हो गई है ऐसे में सभी परिवहन के साथ ही दुकाने (जरुरी खाद्यान के सामान को छोड़ कर) भी बंद है. लेकिन अब 4 मई से सभी राज्यों में शराब की दुकानें खुल गई हैं. इसके खुलते ही दुकानों पर भीड़ उमर गई है. हलाकि शराब के दामों पर 35 से 70 प्रतिशत टेक्स लगाया गया है. मतलब जिस शराब के दाम 100 रुपए है उसके लिए 170 रुपए देने होंगे लेकिन उसके बाद भी भीड़ कम नहीं है.
दरअसल, शराब और पेट्रोल ये दो ऐसे उत्पाद हैं जिन पर राज्य सरकारें अपनी ज़रूरत के हिसाब से टैक्स लगाकर सबसे ज़्यादा टेक्स वसूलती हैं.लॉकडाउन तीन में शुरू हुई शराब की बिक्री ने एक दिन में सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए। एक अनुमान के मुताबिक उत्तर प्रदेश में लगभग 300 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई। अकेले राजधानी लखनऊ में आठ करोड़ रुपये की शराब बिक गई जबकि दर्जन भर जिले ऐसे रहे जहां पांच करोड़ रुपये या उसके आसपास शराब बिकी। माना जा रहा है कि राज्य सरकारों को हो रहे राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए ही लॉकडाउन के बावजूद शराब की दुकानें खोली गई हैं.40 दिन बाद खुले दुकानों से राज्य सरकारों के आमदनी में जबरदस्त बढ़ौतरी हुई है. कई राज्यों में शराब की रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की गई है.
आपको बता दे कि साल 2018-19 में उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब की बिक्री से 23,918 करोड़ रुपए का टैक्स वसूला था. इस समय उत्तर प्रदेश में ही शराब की 18 हज़ार से अधिक दुकानें हैं. राजस्व बढ़ाने के लिए यूपी सरकार ने जनवरी 2018 में नई आबकारी नीति भी लागू की थी.
जिन राज्यों में शराब बिकती हैं वहां सरकार के कुल टेक्स का पंद्रह से पच्चीस फ़ीसदी हिस्सा शराब से ही आता है. यही वजह है कि लॉकडाउन के बावजूद राज्य सरकारों ने शराब बेचने में जल्दबाज़ी दिखाई है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो लॉकडाउन में शराब की बिक्री रुकने से हर रोज करीब 700 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
देश के सोलह बड़े राज्यों ने वित्त वर्ष 2020-21 के अपने बजट अनुमान में बताया था कि वो शराब की बिक्री से कुल मिलाकर 1.65 लाख करोड़ रुपए टेक्स हासिल करना चाहते हैं.