जिला महोबा ब्लॉक पनवाड़ी तहसील कुलपहाड़ थाना महोबकंठ में रहने वाली 32 साल की महिला का आरोप है कि गाँव के महेश गुप्ता ने उसके साथ बलात्कार किया है। घटना 19 सितंबर 2021 की है। महिला का कहना है कि 19 तारीख को भी वो रोज़ की तरह सुबह 4 बजे झाड़ू लगा रही थी। उसी समय आरोपी महेश आया और उसे पीछे से पकड़ लिया। उसका मुंह दबाकर उसे बरामंदे में ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। काफ़ी देर तक चिल्लाने के बाद उसका भतीजा आया और उसने आरोपी को पकड़ लिया। वह उसके परिवार से माफ़ी मांगने लगा। महिला ने बताया कि आरोपी उसे धमकी दे रहा था कि अगर उसने किसी को कुछ कहा तो वह उसे
जान से मार देगा।
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जिस दिन घटना हुई उस दिन उसका पति घर पर नहीं था। जब 21 तारीख को उसका पति आया तो उसने उसे सारी घटना के बारे में बताया। फिर वह अपने पति के साथ महोबकंठ थाने में रिपोर्ट लिखवाने गयी। वह लोग 21 सितंबर को पूरे दिन इंतज़ार करते रहे लेकिन पुलिस द्वारा किसी तरह की कार्यवाही नहीं की गयी। इसके बाद 22 सितंबर को वह लोग कुलपहाड़ क्षेत्रीय अधिकारी के पास अपनी समस्या को लेकर गए। उनसे घटना को लेकर कार्यवाही करने की मांग की। महिला कहतीं हैं कि अगर नहीं हुआ तो वह आत्महत्या कर लेगी और इसका ज़िम्मेदार शासन-प्रशासन ही होगी।
महिला का कहना है कि आरोपी मुकेश की उम्र 35 साल है। वह शादीशुदा नहीं है। वह खुलेआम गाँव में रहता है। उसकी तो आरोपी से कभी बातचीत भी नहीं हुई है।
कुलपहाड़ के क्षेत्रीय अधिकारी तेज बहादुर से जब हमने बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कुछ कहने से मना कर दिया। कहा कि कप्तान साहब और एसपी ही बाइट देते हैं। वह आगे कहते हैं कि उन्हें महिला का शिकायत पत्र प्राप्त हो गया है। बलात्कार की घटना को लेकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
एक तरफ सरकार महिला हिंसा के खिलाफ तुरंत कार्यवाही करने की बात करती है। यहां तो पुलिस द्वारा घटना को लिखा भी नहीं जा रहा। महिला को इन्साफ मांगने के लिए जान की धमकी देनी पड़ रही है। अधिकारी मामले को लेकर सीधी तौर पर कोई बात कहने को तैयार नहीं होते। ये कैसी शासन व्यवस्था है? क्या इस तरह से प्रदेश सरकार महिलाओं को न्याय देगी?
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