खबर लहरिया Blog बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त, कई कच्चे घर गिरे

बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त, कई कच्चे घर गिरे

लगातार हप्ते भर की बारिश लोगों के लिए कहर लेकर आई। पन्ना जिले के कई गाँव में घर गिरने से लोग खुले आसमान में रहने को मजबूर हो गये हैं। बारिश से जगह-जगह जलभराव होने से लोग घरों में कैद हो गए और गृहस्थी का सामान भी बर्बाद हो गया।

पन्ना: हफ़्ते भर से हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। लोगों के घरों में पानी भर गया है और कई लोगों के रहने का आशियाना भी बारिश में गिर गया। अजयगढ़ ग्राम पंचायत के मजरा बीहर सरवरिया में दो लोगों के खपरैल के मकान गिर गये हैं उनके रहने के लिए बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। मौके पर पुलिस प्रशासन ने पहुंचकर 5,000 की सहायता राशि दी है जिससे लोग पन्नी डालकर किसी तरह अपना गुजारा कर रहे हैं। प्रशासन ने अभी कोई आश्वासन नहीं दिया है।

सोते समय गिरा घर बाल-बाल बचे लोग

जुगल किशोर पाल जो किसानी करते हैं उनके पास सिर्फ मिटटी का घर ही रहने का सहारा था। बीती बुधवार की रात लगभग 8 बजे भरभरा कर गिर गया। परिवार के लोग तो बच गये लेकिन उनके रहने का आशियाना छिन गया है जिससे उनके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया है। जुगल किशोर पाल ने बताया कि अब इस क्षतिग्रस्त मकान को बनाना उनके बूते की बात नहीं है और यह घर जिसमें यह लोग रहते थे पूरी तरह से धंस चुका है और ऐसी मूसलाधार बारिश में इसको बनाना संभव नहीं है।

पन्नी डालकर कर रहे हैं गुजारा

बाबूलाल ने बताया कि उनका घर भी मिट्टी और लकड़ी का बना हुआ था। अब उनके सिर के ऊपर से छत हट गई है। ऐसी बारिश में अगर वह इस मिट्टी के घर को वापस से बनाते हैं तो ना तो इतनी जल्दी लकड़ियों का इंतजाम हो पाना है और ना ही मिट्टी थम पाएगी। अब सवाल यह उठ रहा है कि जहां प्रधानमंत्री आवास योजना जोरों से चल रही है वहीँ देखा जा रहा है कि जिन लोगों को वाकई में लाभ मिलना चाहिए वह इन योजनाओं से वंचित हैं।

क्या यह योजनाएं कागजों तक ही सीमित है या वाकई किसी जरूरतमंदों को इन योजनाओं का लाभ मिल पाता है। गांव में कई लोग ऐसे हैं जिनका लिस्ट में नाम आने के बावजूद भी उन्हें आवास नहीं दिया जा रहा है। लोगों को पता ही नहीं चलता कि उनका नाम आया है लिस्ट में या नहीं। और पूछने पर उनको भी यही बताया जाता है कि उनका लिस्ट में नाम नहीं है। लोगों का यह भी आरोप है कि वह पहले से आवास की मांग करते रहे हैं अगर उन्हें आवास दे दिया गया होता तो शायद ऐसी नौबत ही न आती। आज लोग अपने घर में रह रहे होते।

हरचरन पटेल सचिव ने बताया कि जिनके नाम से आवास आया है उन्होंने अपनी कागजी कार्यवाही पूरी नहीं की है इसलिए उनको आवास नहीं मिल पाया है। वह लोगों के आवास के लिए विभाग से बात करेंगे ताकि लोगों को आवास मिल सके। पटवारी सरिता वर्मा ने बताया कि बारिश में जो लोगों के घर गिरे हैं उनको शासन के द्वारा एक दीवाल का 2500 रुपया मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने अपनी तरफ से लिस्ट प्रशासन को भेज दिया है।

इस खबर की रिपोर्टिंग अनीता शाक्या द्वारा की गयी है। 

ये भी पढ़ें :

ललितपुर: आवास मिलने की उम्मीद में पन्नी डालकर रह रहे ग्रामीण

(हैलो दोस्तों! हमारे  Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)