खबर लहरिया Blog दिल्ली में प्रदूषण एक गंभीर समस्या, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली सरकार को भेजा नोटिस

दिल्ली में प्रदूषण एक गंभीर समस्या, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली सरकार को भेजा नोटिस

Pollution is a serious problem in Delhi,

देश की राजधानी में हवा की क्‍वालिटी सुधरने का नाम नहीं ले रही। जिसको देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। जिस पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने दिल्ली सरकार से नोटिस पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा है कि….. 


दिल्‍ली की एयर क्‍वालिटी अब भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है जबकि पराली जलना बंद हो गया है। केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने दिल्‍ली सरकार को नोटिस जारी किया है कि वह प्रदूषण के कारकों जैसे बायोमॉस बर्निंग और धूल को लेकर कार्रवाई करे।

प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री

दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरी नम्बर पर दिल्ली

देश की राजाधानी दिल्‍ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे नंबर पर है। हर बार की तरह दिल्‍ली की हवा एक बार फिर जहरीली हो चुकी है। दिल्‍ली में प्रदूषण इतना ज्यादा है कि लोगों का सांस लेना अभी भी दूभर हो रहा है। सुबह से शाम तक जिधर नजर घुमाओ उधर ही दूर-दूर तक सफ़ेद चादर या फिर कह सकते हैं की धुआं-धुआं दिखाई देता है।

और भी ‘गंभीर’ हो सकते हैं हालात

समाचार पत्र से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार की दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने बताया कि वायु गुणवत्ता के शनिवार तक ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बने रहने की आशंका है। उसने पहले कहा था कि चार दिसंबर से सात दिसंबर के बीच इसके ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने का पूर्वानुमान है। शहर का ‘वेंटिलेशन इंडेक्स’ (वायु संचार सूचकांक) शुक्रवार को 1,000 वर्गमीटर प्रति सेकेंड रहने का अनुमान है। वायु संचार सूचकांक 6,000 वर्गमीटर प्रति सेकेंड से कम और वायु की औसत गति 10 किलोमीटर प्रति घंटे से कम रहने से प्रदूषक तत्वों के छितराव के लिए प्रतिकूल स्थितियां होती हैं।

पराली जलना बंद होने के बाद भी नहीं कम हुआ प्रदूषण

पराली जलाने के लिए किसानों को रोंक तो लगा दी गई है लेकिन दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बजाय कम होता नहीं दिख रहा है जिससे एक गंभीर समस्या बनी हुई है। 

खुली हवा में सांस लेन मतलब बिमारियों को न्योता 

एक तरफ कोविड संक्रमण से लोग परेशान हैं तो वहीं प्रदूषण की वजह से लोगों का दम घुट रहा है। अस्पतालों में सूखी खांसी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने की खबर आ रही है। डॉक्टर खुद समझ नहीं पा रहे हैं कि खांसी कोविड की वजह से है या प्रदूषण की वजह से डॉक्टरों का कहना है कि जिस स्तर पर इस समय प्रदूषण है, उसमें अगर कोई दिन भर सांस लेता है तो वह 30 सिगरेट जितना धुआं बिना सिगरेट पिए ले रहा है। इसलिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया, बायोमास जलने और धूल जैसे प्रदूषण के कारणों पर कार्रवाई करने के लिए आदेश दिया है।