हर सुबह जब हमारे घरों में चाय की खुशबू उठती है, तब उसके पीछे छिपी होती है एक अनदेखी मेहनत। पटना जिले के नदवा स्टेशन के पास बसे गांवों में सैकड़ों परिवार सालों से दूध के कारोबार से जुड़े हैं। ये लोग सुबह 3 बजे उठते हैं, गांव-गांव जाकर दूध इकट्ठा करते हैं, फिर साइकिल या गाड़ियों से नदवा स्टेशन तक पहुंचाते हैं, जहां से यह दूध पटना शहर की डेयरियों में पहुंचता है। खुले आसमान के नीचे दूध को सुरक्षित रखना, गर्मी-सर्दी-बरसात में भी इसे सही सलामत ग्राहक तक पहुंचाना, और बदले में समय पर भुगतान ना मिलना—इन सब चुनौतियों के बीच भी ये लोग कभी नहीं रुकते। यह सिर्फ एक व्यापार नहीं, बल्कि सेहत से जुड़ी हुई एक जिम्मेदारी है, जो रोज निभाई जाती है।
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