खबर लहरिया क्राइम बलिया- कोटा आवंटन के विवाद में चली गोली एक की मौत कई घायल

बलिया- कोटा आवंटन के विवाद में चली गोली एक की मौत कई घायल

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर और बलिया में हुई हत्या के मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी घटना पर चिंता जाहिर करते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।


  पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस घटना पर ट्वीट कर कहा, ‘बलिया में सत्ताधारी भाजपा के एक नेता के, एसडीएम और सीओ के सामने खुलेआम, एक युवक की हत्या कर फरार हो जाने से उप्र में कानून व्यवस्था का सच सामने आ गया है। अब देखें क्या एनकाउंटर वाली सरकार अपने लोगों की गाड़ी भी पलटाती है या नहीं।’

‘यूपी में दम तोड़ चुकी है कानून व्यवस्था’

मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘यूपी में बलिया की हुई घटना अति-चिन्ताजनक है और अभी भी महिलाओं व बच्चियों पर आयेदिन हो रहे उत्पीड़न से यह स्पष्ट हो जाता है कि यहां कानून-व्यवस्था काफी दम तोड़ चुकी है। सरकार इस ओर ध्यान दे तो यह बेहतर होगा। बीएसपी की यह सलाह।’

क्या0 है पूरा मामला 

बलिया के ग्राम सभा दुर्जनपुर और हनुमानगंज की कोटे की दो दुकानों के आवंटन के लिए गुरुवार 15 अक्तूबर को पंचायत भवन पर बैठक बुलाई गई। इसमें एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ बैरिया चंद्रकेश सिंह, बीडीओ बैरिया गजेन्द्र प्रताप सिंह के साथ ही रेवती थाने की पुलिस फोर्स मौजूद थी। दुकानों के लिए चार स्वयं सहायता समूहों ने आवेदन किया। इसमें भी वहां दुर्जनपुर की दुकान के लिए आम सहमति नहीं बन सकी। ऐसे में दो समूहों मां सायर जगदंबा स्वयं सहायता समूह और शिव शक्ति स्वयं सहायता समूह के बीच मतदान कराने का निर्णय लिया गया। वहां मौजूद एसडीएम सुरेश कुमार पाल व सीओ चंद्रद्रकेश सिंह ने कहा कि वोटिंग वही व्यक्ति कर सकता है जिसके पास आधारकार्ड अथवा अन्य पहचान पत्र होगा।

  इसमें एक पक्ष के लोग आधार कार्ड लेकर आए थे लेकिन दूसरे पक्ष के लोग कोई पहचान पत्र लेकर नहीं आए थे। इसी को लेकर हंगामा शुरु हो गया। हालात बिगड़ते देख एसडीएम के निर्देश पर बीडीओ बैरिया गजेंद्र प्रताप सिंह ने बैठक की कार्रवाई स्थगित कर दी विवाद के दौरान चले ईंट पत्थर में चार महिलाएं समेत आधा दर्जन लोग घायल हो गए। दबंगों ने पुलिस के सामने ही फायरिंग शुरू कर दी। इसमें जयप्रकाश पाल को चार गोलियां लगीं और वह जमीन पर गिरकर छटपटाने लगे। उन्हें तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान चिकित्सकों ने  मृत घोषित कर दिया।

लापरवाह अधिकारी हुए सस्पेंड

इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए एसडीएम सुरेश कुमार पाल और सीओ चंद्रकेश सिंह समेत वहां ड्यूटी पर मौजूद सभी पुलिसकर्मियों को तत्‍काल प्रभाव से सस्‍पेंड कर दिया गया है। लेकिन मुख्य आरोपी भाजपा नेता धीरेंद्र सिंह अभी भी फरार है।

विधायक का करीबी है आरोपी धीरेन्द्र सिंह 

समाचार पत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार आरोपी बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह का करीबी है और बीजेपी के फ्रंटल संगठन से जुड़ा हुआ है। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर धीरेंद्र को मौके से पकड़े जाने के बाद भगा देने का आरोप लगाया है। 

गाजीपुर में पेट्रोल पंप कर्मी की गोली मारकर हत्या

ऐसा ही मामला गाजीपुर के सैदपुर थाना क्षेत्र से सामने आया है यूपी के गाजीपुर में सैदपुर थाना क्षेत्र के देवचंदपुर गांव स्थित पेट्रोल पंप पर मौजूद पेट्रोल पम्प संचालक के मित्र 55 वर्षीय त्रिभुवन नारायण सिंह को बुधवार की रात हिस्ट्रीशीटर ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। साथ ही दूसरे चौकीदार को भी असलहे की मुठिया से मारकर घायल कर दिया।

उनका इलाज वाराणसी स्थित निजी नर्सिंग होम में चल रहा है। रात में ही सूचना पाकर पुलिस कप्तान ओमप्रकाश सिंह व एसपी सिटी गोपीनाथ मुंडे समेत कई थानों की पुलिस पहुंच गई। इस घटना को लेकर पुलिस ने टीम बनाकर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है।

क्योंकि गाजीपुर और बलिया दोनों ही बिहार के सीमावर्ती जिले हैं। बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर बॉर्डर के जिले भी अलर्ट पर हैं। ऐसे में एक ही दिन में दोनों जिलों में मर्डर से कानून-व्यवस्था कठघरे में है। और तरह -तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं