एमपी नगर निकाय चुनाव 2022 हेतु 6 जुलाई 2022 को पहले चरण के लिए मतदान होगा। लोग उम्मीदवारों से उनके वादों को पूरा करने के पुख़्ता सबूत मांग रहें हैं। लोग चुनाव बहिष्कार करने के लिए भी तैयार हैं।
नगर निकाय चुनाव 2022 के पहले चरण का मतदान 6 जुलाई 2022 को होना है। इसमें 11 नगर निगम, 36 नगर पालिका और 86 नगर परिषद के लिए 13 हज़ार 148 मतदान केंद्रों पर वोटिंग होगी। मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक रहेगा। मतदाता ईवीएम के ज़रिये अपना वोट डालेंगे। वहीं पहले चरण के चुनाव का प्रचार सोमवार 4 जुलाई शाम 5 बजे रुक जाएगा।
चुनाव में खड़े उम्मीदवारों ने प्रचार के दौरान लोगों से उनकी परेशानियों को दूर करने के बहुत वादे किये हैं। यह वादें हर चुनाव के साथ होते हैं और चुनाव के खत्म होने के साथ-साथ गायब भी हो जाते हैं। वहीं लोगो ने भी यह ठान लिया है कि अगर विकास नहीं तो चुनाव का बहिष्कार होगा।
खबर लहरिया ने अपनी रिपोर्टिंग के दौरान पाया कि एमपी के छतरपुर जिले के लोग पानी की समस्या से ग्रस्त हैं। यूँ तो एमपी तालाबों और झीलों के लिए काफ़ी मशहूर है लेकिन राज्य में आने वाले पन्ना और छत्तरपुर जिले में हमेशा से पानी की कमी की समस्या देखी गयी है। चुनावी माहौल में उम्मीदवार जनता से एक मौके के लिए दलीले देते नहीं थक रहें। वहीं इन हवाई बातों के बावजूद भी लोग अव्यवस्थाओं व असुविधाओं की चिंता से उभर नहीं पाए हैं।
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पहले समाधान नहीं तो ‘चुनाव बहिष्कार’
रिपोर्टिंग के दौरान हमने देखा कि छतरपुर जिले के पहाड़िया मोहल्ले में तीन दिनों तक सप्लाई का पानी नहीं आया। अब ऐसे में लोग पानी के लिए मोहल्ले के हैंडपंप पर निर्भर रहते हैं। सुबह 4 बजे ही पानी के डब्बों के साथ लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लग जाती है। पानी का लोग बेसब्री से इंतज़ार करते रहते हैं।
लोगों की इस चुनाव मुख्य मांग यही है कि पहले उन्हें पानी और फिर बिजली की समस्या से निजात दिलाया जाये।
छतरपुर जिले के शुक्ला मोहल्ला वार्ड नंबर-27 के लोगों ने पानी की समस्या से परेशान होकर अपने घरों के दरवाज़ों पर चुनाव बहिष्कार के पोस्टर चिपका दिए। पोस्टर्स पर लिखा था कि जो उनकी समस्याओं का समाधान करेगा वह उन्हीं को वोट करेंगे।
लोगों की मांग है कि पहले प्रत्याशी आयें और उनके साथ बैठक करें। उन्हें पक्का सबूत दें तभी वह लोग विश्वास करेंगे क्यूंकि कहने को तो हर प्रत्याशी यही कहता है कि हमें जिताओ, काम होगा।
पन्ना जिले के बस स्टॉप के पास चूड़ी की दुकान लगाई हुई महिला सिया प्यारी का कहना था कि सप्लाई का पानी तो हफ़्तों से नहीं आया। अगर आता है तो कभी आधे या सवा घंटे के लिए आता है, वह भी दो दिन में एक बार। जिनके घर ऊंचाई पर है, उन्हें दो बाल्टी पानी मिल जाता है लेकिन इतना पानी काफ़ी नहीं होता। अगर पानी के लिए झगड़ा हो जाए तो कई बार पानी तक नहीं भरने दिया जाता।
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एमपी में लगभग सात सालों बाद हो रहे चुनाव से लोगों को काफ़ी उम्मीद है। वहीं एमपी पंचायत चुनाव के दो चरणों पर मतदान भी हो चुका है। सालों से ग्रसित पानी और विकास की दिक्कतों से लोग अब छुटकारा पाना चाहते हैं। लोगों द्वारा चाहें वह चुनाव बहिष्कार करना हो या प्रत्याशी द्वारा उनकी बात को साबित करने की मांग करना, वह हर तरह से कोशिश कर रहें हैं कि इस बार तो उन्हें उनकी परेशानियों से निजात मिले। सवाल वही है, कब तक?
इस खबर की रिपोर्टिंग गीता देवी द्वारा की गयी है।
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