एमपी पंचायत चुनाव 2022 में कांग्रेस पार्टी ने छतरपुर जिले के वार्ड नंबर-1 से पार्षद पद के लिए महिला प्रत्याशी के रूप में आस्था गोस्वामी को चुनावी मैदान में खड़ा किया है।
एमपी पंचायत चुनाव 2022 में 25 जून 2022 व 1 जुलाई 2022 को दो चरणों पर चुनाव हो चुका है। तीसरे चरण का चुनाव 8 जुलाई 2022 को होना है। चुनाव में खड़े प्रत्याशी मतदान से पहले लोगों को लुभाने की पूरी कोशिश कर रहें हैं। वहीं इस बार के चुनाव में यह भी देखा गया कि महिलाओं ने इस एमपी चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है और अपनी भागीदारी जताई है।
छतरपुर जिले से कांग्रेस पार्टी ने वार्ड पार्षद पद के लिए वार्ड नंबर-1 से आस्था गोस्वामी को प्रत्याशी के रूप में उतारा है। बता दें, छत्तरपुर जिले में कुल मिलाकर 40 वार्ड हैं।
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जनता दे विकास करने का मौका – पार्षद प्रत्याशी आस्था गोस्वामी
खबर लहरिया से बातचीत के दौरान वार्ड पार्षद पद की प्रत्याशी आस्था गोस्वामी का कहना था कि वह वार्ड के विकास के मुद्दों को लेकर खड़ी हुई हैं। यह उनका राजनीति में पहला कदम है। इस नए सफर में उन्हें अपने पति और ससुराल वालों का पूरा सहयोग है। इस चुनाव में उनका चुनाव चिन्ह पंजा है।
आगे कहा, अगर जनता उन्हें मौका देती है तो वह अपने वार्ड का विकास करने का काम करेंगी। उन्होंने घर-घर जाकर निरीक्षण करके देखा है कि वार्ड में किसी भी तरह का विकास नहीं हुआ है। लोग परेशान हैं। पहले के जो पार्षद थे उन्होंने कोई भी काम नहीं करवाया है। वह जब भी वार्ड में जाती हैं तो उनसे कहा जाता है, “दीदी मुझे आपसे बहुत उम्मीद है।” वह भी यही चाहतीं हैं कि जनता द्वारा उन्हें काम करने का मौका दिया जाए।
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कांग्रेस प्रत्याशी आस्था गोस्वामी का घोषणा पत्र
कांग्रेस प्रत्याशी आस्था गोस्वामी ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि जितनी भी योजनाएं हैं, वह उन योजनाओं का वार्ड वासियों को लाभ दिलाने का काम करेंगी। इसके साथ ही महिलाओं को आजीविका मिशन के तहत लोन दिलवाने का काम करेंगी ताकि महिलाएं अपना खुद का बिज़नेस शुरू कर सकें। वह बेरोज़गारी की समस्या पर काम करेंगी।
राजनीति में आने का उनका मुख्य मतलब, महिला होने के नाते दूसरी महिलाओं के हितों के लिए काम करना है और वह इसे करेंगी भी। आखिर में उनका कहना था कि अगर वार्ड वासियों का उन्हें साथ मिला तो वह घोषणा में कही गयी सारी बातों पर ज़रूर से खड़ी उतरेंगी।
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पूर्व पार्षद ने नहीं करवाया कोई काम, चुनाव से है उम्मीद
वार्ड नंबर-1 के लोगों से बात करने पर पता चला कि पिछले सात सालों से उनके यहां विकास का कोई कार्य नहीं हुआ है। वहीं यह बात किसी से भी छिपी नहीं है कि तकरीबन 7 सालों बाद राज्य में चुनाव हो रहा है जिसकी वजह से अधिकतर काम ठप्प पड़े हुए हैं। लोगों के अनुसार, वह जब पार्षद के पास जाते हैं तो उनसे कहा जाता है कि, “शासन की कोई भी योजनाएं नहीं है तो हम यहां का विकास कैसे करवा दें।”
वार्ड में रहने वाली आरती का कहना है कि बरसात में सड़कों पर इतना पानी भर जाता है कि वह पानी घरों के अंदर घुस जाता है। लेकिन पूर्व पार्षद द्वारा कोई काम नहीं कराया गया। वह इस चुनाव का बेसब्री से इंतज़ार कर रहीं थीं।
इस बार हो रहे एमपी पंचायत चुनाव से लोगों को अपने क्षेत्रों में विकास होने की उम्मीद है क्यूंकि पिछले कई सालों से चुनाव में देरी होने की वजह से विकास की चाल धीमी हो गयी है। विकास की ये धीमी गति लोगों की परेशानियों का सबब है। कहीं सड़क नहीं है तो कहीं पानी तो कहीं लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिला। वहीं चुनाव में खड़ी महिला प्रत्याशी भी चुनाव में अपना पूरा योगदान देते हुए दिख रही हैं। सबको आखिर में बस चुनाव में खड़े प्रत्याशियों से उनके क्षेत्रों में विकास करने की उम्मीद है।
इस खबर की रिपोर्टिंग अलीमा द्वारा की गयी है।
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