खबर लहरिया Blog गड्ढामुक्त सड़कों की असलियत से जूझ रहे ग्रामीण

गड्ढामुक्त सड़कों की असलियत से जूझ रहे ग्रामीण

जब भी चुनाव आता है तमाम राजनैतिक पार्टियाँ ग्रामीणों की समस्याओं को जल्द ही ख़त्म करने का दावा करती हैं ऐसे ही एक दावा सरकार बनते ही यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी किया था और वह है गड्ढा मुक्त सड़क का। पर क्या सड़कें गड्ढामुक्त हो पाई हैं?

जिला चित्रकूट, ब्लॉक मऊ गांव, चकौड से रेडी भूसौली, हन्ना बिनैका, बरगढ से दूबी‌ रोड की लगभग पांच किलो मीटर सड़क में पानी भरा हुआ है। लोगों का आरोप है कि वह निकलते हैं तो फिसल के गिर जाते है। पैदल चलने वालों का कपड़ा ख़राब हो जाता है। रेडी भूसौली के निजाम अहमद और बबलू‌ का कहना है कि लगभग दस साल से ऐसी स्थिति बनी हुई है। सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हैं उसमें पानी भरा है। लोगों को समझ नहीं आता है कि कितना गहरा गड्ढ़ा है और अचानक गड्ढ़े में गिरने से हादसे हो रहे हैं।

रेडी भूसौली की निवासी अनीता और कुसुमकली ने बताया कि हर दिन हजारों वाहन निकलते हैं। पैदल चलने वाले लोग गाड़ियों के बराबर में निकल रहे हैं तो सारा कपड़ा ख़राब हो जाता है। यह सब कब तक झेलेंगे? सरकार तो बहुत दावे करती है कि सब सड़के बन जाएंगी लेकिन कब? क्या सिर्फ ग्रामीणों को ऐसा बोलकर शांत बैठाने के लिए है? ताकि लोग आवाज न उठायें?

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प्रशासन के खिलाफ लोगों में बढ़ रहा आक्रोश

लोगों ने बताया कि टूटी सड़कों पर हर दिन बड़ी-बड़ी गाड़ियां निकलने से गड्ढ़े और बड़ा रूप ले रहे हैं। जो लोग साइकिल से चलते हैं उनकी साइकिल पंचर हो जा रही हैं। कब तक साइकिल की पंचर बनवाते रहें? इस सड़क को लेकर लोगों में प्रशासन के खिलाफ बहुत आक्रोस देखा जा रहा है।

सड़क खराब होने से आये दिन होती दुर्घटनाएं

मवई‌कलां और रामनगर हन्ना बिनैका की सड़कों का भी यही हाल है। यहाँ के दिनेश और अनीता ने बताया कि सड़कें इतनी खस्ता हालत में हैं कि पैदल चलना मुश्किल हो रहा है। सड़क पर पानी भरने का कारण यह है कि गाँव में नाला या नाली नहीं हैं। सबके घरों का पानी सड़क पर ही भरता है। गन्दा पानी आने-जाने लोगों के ऊपर पड़ता है या लोग पानी में घुसकर रास्ता पार करते हैं तो बिमारी फैलने का भी डर बना रहता है।

तय समय पर मानक के हिसाब से हो काम- सीएम योगी आदित्यनाथ

गाँव कनेक्शन की 11 सितम्बर की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर सड़कों की मरम्मत एवं गड्ढा मुक्ति अभियान के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक कर रहे थे। जिसमें सड़क निर्माण से सम्बन्धित सभी विभाग- लोक निर्माण, सिंचाई, नगर विकास, आवास विकास, यूपीएसआईडीसी, ग्राम्य विकास, आरईएस, मण्डी परिषद, गन्ना विकास आदि शामिल थे। सीएम ने कहा कि सड़कों की मरम्मत एवं गड्ढा मुक्ति अभियान में मानक के अनुसार गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।

इनसे सम्बन्धित कार्यों में किसी भी प्रकार की शिकायत या गुणवत्ता में कमी नहीं मिलनी चाहिए। ऐसा होने पर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों की मरम्मत/अनुरक्षण एवं गड्ढा मुक्ति का कार्य सम्बन्धित विभाग 15 नवम्बर, 2021 तक हर हाल में पूरा करें।

बाढ़ से महीनों तक गाँव से बाहर नहीं निकल पाते लोग रामबाबू, रूची, मीना और माया का कहना है कि सड़क में इतना गड्ढा है की अस्पताल नहीं पहुँच पाते हैं। कोई बीमार व्यक्ति है या डिलेवरी होनी है तो समय पर नहीं पहुँच पाते हैं। अधिकारी इस पर ध्यान नहीं देते हैं। पिपरौध तिराहा से हन्ना बिनैका तक लगभग
पांच किलो मीटर सड़क इस तरह से खराब हैं की बरसात के सीजन में पानी भरा रहता है कि निकलना मुस्किल हो जाता है। इसी तरह मऊ क्षेत्र के कई गांव की सड़कें खस्ता हालत पर आंसू बहा रही हैं। पर विभाग सिर्फ कागजी दावे करता है। हाल ही में जमुना जी बाढ़ आई थी तो भी कई गाँव महीनों तो गाँव में ही कैद होकर रह गये थे। गाँव से बाहर नहीं निकल पाए थे।

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साल भर के अंदर सड़कों का होगा निर्माण- अधिकारी

वीरेन्द्र प्रताप सिंह अधिशाषी अभियंता पीडब्लूडी विभाग चित्रकूट से जब इस मामले में बात की गई तो उन्होंने बताया कि जो भी सड़क खराब हैं उनका सर्वे करके लिस्ट भेज दी गई है। जैसे बजट आयेगा सड़क निर्माण कार्य शुरू होगा। यह प्लान बनाकर चल रहे हैं कि साल भर के अन्दर सड़कों को गड्ढामुक्त बनाया जा सके। सड़कों का ठेका दिया जाता है कई बार ठेकेदार ख़राब मैटेरियल लगा देते हैं और सड़कें जल्दी टूट जाती हैं। इन सब बातों का ख़ास ख्याल रखकर सड़कों का निर्माण कराया जाएगा।

इस खबर की रिपोर्टिंग सुनीता देवी द्वारा की गयी है।

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