खबर लहरिया Blog कोरोना के बाद बच्चों में हो रहा MIS-C सिंड्रोम, एक्सपर्ट बता रहे बचने का तरीका | Fact Check

कोरोना के बाद बच्चों में हो रहा MIS-C सिंड्रोम, एक्सपर्ट बता रहे बचने का तरीका | Fact Check

कुछ बच्चों में कोविड होने के बाद MIS-C देखा गया है. इसमें शरीर की इम्यूनिटी शरीर के खिलाफ ही काम करने लग जाती है.

कोरोना (Corona) अभी गया नहीं है. कुछ बच्चों में कोविड के चलते मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS-C) देखा गया है. MIS-C क्या होता है और इससे किस तरह से छुटकारा पा सकते हैं? इसका कोरोना से क्या संबंध है? ऐसे सवालों के जवाब के लिए हमने डॉ. संजय वज़ीर से बात की. इस वीडियो में उन्होंने बच्चों में कोरोना संक्रमण और उसके बाद होने वाली MIS-C जैसी परेशानियों के कारण और समाधान के बारे में बताया है.

ये भी देखें – लॉन्ग COVID क्या है, Corona के ठीक होने के बाद क्यों हो रहा, इसका इलाज क्या है? | Fact Check

क्या होता है MIS-C?

जैसे कि इसका नाम है मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम, डॉ. वज़ीर बताते हैं कि नाम से ही इसका मतलब समझ आता है

मल्टी से मतलब बहुत सारे, सिस्टम से मतलब हमारी बॉडी के सिस्टम जैसे कि रेस्पिरेटरी सिस्टम, नर्वस सिस्टम, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम. इन सिस्टम में हमें इन्फ्लेमेशन हो जाता है यानी इन सिस्टम में कुछ डैमेज सा हो जाता है. ये कोविड इनफेक्शन के बाद होता है. ऐसा सीधा वायरस की वजह से नहीं होता है, बल्कि वायरस की वजह से जो बहुत ही सूक्ष्म केमिकल्स रिलीज होते हैं, उनकी वजह से होता है.

डॉ. वज़ीर ने आगे बताया कि, इन केमिकल्स की वजह से इम्यून सिस्टम ठीक से काम नहीं कर पाता और शरीर की इम्यून सिस्टम अपनी ही बॉडी के खिलाफ काम करने लग जाता है. इसे ही MIS-C कहते हैं.

ऐसा नहीं है कि हर बच्चे को जिसे कोविड हुआ है उसे ये सिंड्रोम हो ही. लेकिन फिर भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब बच्चों को कोविड ठीक होने के कुछ हफ्तों बाद बुखार, लूज मोशन्स और आंखों में इनफेक्शन जैसी समस्याएं देखी गई हैं. डॉ. के मुताबिक, जब कई बार इसका असर दिल पर पड़ता है तो इसकी वजह से पूरी बॉडी में ब्लड की सप्लाई कम हो जाती है, जिसका असर दिमाग, किडनी जैसी जगहों पर देखने को मिलता है.

क्या है इलाज और माता-पिता को क्या सावधानियां जरूरी?

अगर आपके बच्चे को कोविड हुआ है और ठीक होने के 4 से 6 हफ्ते के बाद दोबारा से बुखार आता है और 2 से 3 दिन तक रह रहा है. आंखों में रैशेज या फिर आंखें लाल हो रही हैं तो ऐसे में आपको तुरंत डॉ. को दिखाना चाहिए.

डॉ. वज़ीर ने बताया कि कोविड नॉर्मल होने के बाद, खसरे जैसी गंभीर बीमारियां सामने आ सकती हैं, जो कोविड से कहीं ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि इससे ग्रसित 10 में से 1 बच्चे की मृत्यु हो जाती है. इसलिए, कोविड की वजह से बहुत से लोग बच्चों के दूसरे वैक्सीनेशन कराना भूल गए हैं, जिससे दूसरी बीमारियों का खतरा बढ़ा है.

उन्होंने बताया कोविड की वजह से लाइफस्टाइल चेंज हुआ है. जैसे कि बड़े लोग छोटे बच्चों को टीवी लगा के बिठा देते हैं. ऐसे में वो समाज से कट जाता है और वही सुनता है जो टीवी में दिख रहा है इससे बच्चों में बोलने में या कम्यूनिकेशन में समस्या आती है. और बच्चों में एंग्जायटी बढ़ सकती है.

ये भी देखें – बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन कितना सेफ, एक्सपर्ट बता रहे सारे सवालों के जवाब | Fact Check

MIS-C से बचा सकती है कोरोना वैक्सीन?

ऐसी कोई मेडिकल स्टडी नहीं है जिससे साबित होता है कि वैक्सीनेशन से MIS-C से बचा जा सकता है. लेकिन हां वैक्सीनेशन जरूरी है क्योंकि इससे कोविड से होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है.

जिन्हें कोविड नहीं हुआ, उन्हें भी हो सकता है MIS-C?

इस सवाल के जवाब में कि जिन्हें कोविड नहीं हुआ था क्या उन्हें भी MIS-C हो सकता है? डॉ. वज़ीर ने बताया कि MIS-C पोस्ट कोविड ही होता है. इसलिए, ये नॉन कोविड पेशेंट को नहीं होता. इसके अलावा, अगर किसी मां को कोविड है तो उसके हाल में ही पैदा हुए बच्चे को भी इन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

यह लेख खबर लहरिया और द क्विंट की पार्टनरशिप का हिस्सा है। 

 

ये भी देखें – कोरोना अब ‘महामारी’ नहीं है? एक्सपर्ट बता रहे क्या होता है एंडेमिक | Fact Check

 

यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें
If you want to support our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our premium product KL Hatke