खबर लहरिया Blog आवास की आस में झोपड़ी में गुजारा कर रहे कई परिवार

आवास की आस में झोपड़ी में गुजारा कर रहे कई परिवार

बांदा जिले में रहने वाले ग्रामीण परिवारों को नहीं मिला प्रधानमंत्री आवास का लाभ।

बांदा जिला के ब्लॉक तिंदवारी के पैलानी से आवास के नाम पर पैसा वसूलने का मामला सामने आया है। यहाँ की महिलाओं ने आरोप लगाया है कि सूची में नाम होते हुए भी उनसे पैसों की मांग की जा रही है। यही हाल वाराणसी का भी है लोग छप्पर के मकान में इस ठण्ड में ठिठुर रहे हैं।

“मैं आवास के लिए पात्र महिला हूं और 50 साल से कच्चे मकान में गुजर-बसर बसर कर रही हूं। इस तरह की बारिश में मेरा घर टपकता है जिससे मेरे घर में दलदल मचा रहता है। मैंने कई बार प्रधान से कहा है कि मुझे आवास दीजिए मेरा नाम आवास की सूची में है लेकिन प्रधान दबंगई दिखाता है। कहते हैं नहीं दूंगा जो करना है करो। पिछले साल राकेश चौरसिया प्रधान थे और वर्तमान में भी उन्हीं की प्रधानी है। इस कारण से उनकी दबंगई बहुत ज्यादा बढ़ गई है। जो गरीब हैं किसी तरह उनका आवास आ भी गया तो उन लोगों से ₹10,000 की मांग की जाती है। गरीब पात्र लोग कहां से पैसा दे पाएंगे? जब सरकार गरीबों के लिए आवास देती है तो उसमें प्रधानों का पैसा मांगने का कोई हक नहीं बनता है। लेकिन इसी बल पर गरीबों के आवास छीन लिए जाते हैं। और आवास दूसरों को बीच दिए जाते हैं।” यह शब्द हैं ममता देवी के जो पैलानी की रहने वाली हैं।

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अर्चना देवी बताती हैं सूची में नाम आ गया है लेकिन कालोनी नहीं मिल रही है, कहते हैं तुम्हें कालोनी नहीं मिलेगी। उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं मजदूरी करके उनका पालन-पोषण करती हैं। अर्चना देवी के पति का 5 साल पहले देहांत हो गया था उनके सामने बहुत सी जिम्मेदारियां आ खड़ी हैं। लेकिन वह कहाँ से और बिना पैसो के क्या करें। वह अपने हक़ की लड़ाई लड़ेंगी और आवास लेंगी। छोटे से बच्चे को गोदी में लिए वह पैलानी एसडीएम को ज्ञापन देने आई थी। पैलानी एसडीएम सुरभि शर्मा को ज्ञापन देते हुए उन्होंने अपनी समस्या बताई हैं कि उनका आवास दिलाया जाए।

पैसे लेने के आरोप को बताया झूठा

राकेश चौरसिया पैलानी प्रधान का कहना है कि अभी आवास के लिए पैसा नहीं आ रहा है इस कारण से लोगों को आवास नहीं मिले हैं। महिलाएं पैसे लेने का झूठा आरोप लगा रही हैं। कोई पैसा नहीं माँगा गया है। आवास आएगा तो दिया जाएगा। सुरिभ शर्मा पैलानी एसडीएम के अनुसार उनके पास महिलाओं ने शिकायत की है। अगर इन महिलाओं के नाम आवास आ गए हैं और इनके सूची में नाम है तो जांच कराई जाएगी और इनको आवास दिलाया जाएगा।

छप्पर में गुज़र गया 70 साल

वाराणसी जिले के गांव टिसैरा रामप्रसाद जिनकी उम्र लगभग 70 वर्ष है उनका आरोप है कि उन्हें आवास नहीं मिला है। छप्पर में गुजारा करते आये हैं। जिन्दगी के 70 साल बीत गये लेकिन आवास नसीब नहीं हुआ है। कच्चा घर गिर जाता है फिर छप्पर रखते हैं ऐसे में जैसे-तैसे गुजारा हो रहा है। उनका भी सपना है कि वह पक्के छत के नीचे रहें लेकिन वह सपना आज तक पूरा नहीं हो सका है।

मंहगाई ने बढ़ाई चिंता

टिसैरा निवासी रामजीत का कहना है कि आवास की तो बहुत जरुरत है लेकिन किससे कहें कौन सुनेगा? प्रशासन के पास जाए वह आश्वासन देते हैं कहीं मीटिंग में कहिए तो वहां भी आश्वासन ही मिलता है। इतनी गरीबी में जीवन गुजर रहा है कि शाम को पेट भर डाल रोटी नशीब हो जाए वाही बहुत है तो पक्का मकान कैसे बनवाएं। ईट, बालू, मोरंग की इतनी महंगाई है की आम आदमी सोच भी नहीं सकता है ख़रीदेगा कैसे। बारिश में रात में बैठकर गुजारा करना पड़ता है। प्लास्टिक लगाये हुए हैं लेकिन फिर भी पानी घुस आता है। सूची में भी नाम है लेकिन आवास का कुछ पता नहीं चला है।

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चुनावी दावे रह गये खोखले

पूजा कहती हैं कि चुनाव के समय बहुत वादा करते हैं जीतने के बाद सारी समस्याएँ दूर की जाएगी। दिखावे के लिए घर-घर जाकर सर्वे भी किया जाता है लेकिन जीतने के बाद जनता ख़ास से फिर आम बन जाती है। फिर से उसका कोई महत्त्व नहीं रह जाता है। लालमणि जिनकी बातों से लग रहा था की वह आवास न मिलने से काफी गुस्से में थे उन्होंने कहा कि आप हमारी उम्र देख रही हैं कितना वर्ष होगी लेकिन मुझे घर नहीं मिला है। इसी मड़ई में रहकर गुजारा कर रहे हैं। कहने के लिए तो बहुत कहते हैं हाथ जोड़ेंगे पाव पड़ेगे लेकिन जीत गये तो दूर से सलाम करते हैं। 5 साल की प्रधानी में क्या सरकार बजट नहीं पास करती है गाँव के विकास के लिए? प्रधान क्यों नहीं अपने गाँव का विकास करते?

2022 तक आवास दिलाने की है पूरी कोशिस

बिंदु टिसैरा ग्रामसभा की प्रधान के अनुसार 10 आवास आए हैं जिनका निर्माण हो रहा है। बाकी लोगों का नाम दिया गया है जैसे आयेगा लोगों को उनके नाम से जारी किया जायेगा। कुछ आवास पिछली पंचवर्षीय के अधूरे पड़े हैं अभी उनके लिए भी दूसरी क़िस्त की मांग की गई है। वह पूरी कोशिस कर रहें हैं की आवास पास हो और अगली बरसात तक सबके पक्के घर बन जाएँ, और लोग पक्के घर में रह सके।

इस खबर की रिपोर्टिंग शिव देवी द्वारा की गयी है।

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