खबर लहरिया Blog अयोध्या: अबतक नहीं मिला आवास, ठंड में कच्चे घरों में नहीं हो रहा गुज़ारा

अयोध्या: अबतक नहीं मिला आवास, ठंड में कच्चे घरों में नहीं हो रहा गुज़ारा

जब प्रधान पद के चुनाव हो रहे थे, तब प्रत्याशियों ने ये वादा तो किया था कि सभी लाभार्थियों को आवास दिया जाएगा लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई यहाँ दर्शन देने भी नहीं आता।

जिला अयोध्या के ब्लॉक तारुन के श्रीरामपुर, जाना बाजार और कुरैया भारी गाँव के रहने वाले लोगों का कहना है कि कई साल बीत गए हैं लेकिन उनके गाँव में लोगों को न आवास मिला है और न ही लिस्ट में नाम आया है। कुरैया भारी की रहने वाली संगीता का कहना है कि उनका परिवार किसी तरह पन्नी और साड़ियां लगाकर छप्पर में गुजारा कर रहा है। जब प्रधान पद के चुनाव हो रहे थे, तब प्रत्याशियों ने ये वादा तो किया था कि सभी लाभार्थियों को आवास दिया जाएगा लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई यहाँ दर्शन देने भी नहीं आता।

ये भी देखें – ललितपुर : आवास की सूची से 35 पात्र लोगों के काटे नाम

ठंड में बर्फ की तरह ठंडा रही कच्ची झोपड़ियां-

शकुंतला ने हमें बताया कि ठंड के मौसम में बहुत दिक्कत होती है, ये लोग कच्चे घरों में रहते हैं और रात में ओस के कारण कच्ची दीवारें काफी ठंडाती हैं, जिससे बच्चों के बीमार होने का खतरा भी बढ़ गया है।

गाँव की महिलाओं ने बताया कि कच्चे घरों में ये लोग जमीन पर किसी तरह पैरा (धान का पौधा) डाल कर सोते हैं, फिर भी रात भर ठंड लगती है। इसके अलावा गाँव के बच्चे इन ठंडी झोपड़ियों के अंदर पढ़ाई करने से भी कतराते हैं। महिलाओं ने यह भी बताया कि कच्चे घरों के अंदर रखी लकड़ियां भी ठंड और ओस के कारण अब गीली हो चुकी हैं, जिसके चलते इन महिलाओं को खाना बनाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जहाँ एक तरफ बरसात के मौसम में चारों तरफ पानी भर जाता है और इन झोपड़ियों से भी पानी टपकने लगता है, वहीँ अब सर्दी के मौसम में भी लोगों को राहत नहीं है। यह लोग चाहते हैं कि जल्द से जल्द इन्हें आवास मिल जाए ताकि इन्हें कुछ राहत मिले।

सालों से लगा रहे हैं विभाग के चक्कर-

गाँव के लोगों का कहना है कि पिछले 5 सालों में इन लोगों ने कई बार जन सेवा केंद्र पर जा जाकर प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन भी किया है। लेकिन अभी तक सूची में किसी का नाम नहीं आया है। लोगों की मानें तो विभाग की तरफ से बस आश्वासन मिलता है और आवास मिलने की उम्मीद तो अब इन लोगों ने छोड़ ही दी है। इन गावों में रह रहे ज़्यादातर परिवार गरीब वर्ग से हैं और रोज़ मज़दूरी करके परिवार का पेट पालते हैं। ऐसे में आए दिन अधिकारियों और विभाग के चक्कर लगाना इन लोगों के लिए काफी मुश्किल हो जाता है।

जाना बाजार की प्रधान किरण वर्मा कहती हैं कि वो पूरी तरह से महिलाओं का दर्द समझ पा रही हैं। उन्हें अभी चार-पांच महीने ही हुए हैं प्रधान पद संभाले हुए और वो अपनी पूरी कोशिश कर रही हैं कि हर एक पात्र व्यक्ति को आवास मिल सके। उन्होंने बताया कि वो खुद गाँव जाकर लाभार्थियों का नाम पता नोट करके लाई हैं और यह सूची उन्होंने कुरैया भारी श्रीरामपुर, जाना बाजार से भेजा भी है। अब विभाग से जैसे ही लिस्ट आती है इन लोगों को सूचित कर दिया जाएगा।

ब्लॉक तारुन के खंड विकास अधिकारी अमित जायसवाल का कहना है कि जितने भी ऑनलाइन फॉर्म उनके पास आए थे, उन्होंने सभी आगे के कार्य के लिए भिजवा दिए हैं। जैसे ही सूची आती है, वो लोगों को आवास की क़िस्त देने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। जब उनसे अयोध्या के श्रीरामपुर, जाना बाजार और कुरैया भारी गाँव के बारे में पूछा गय, तो उन्होंने बताया कि निम्न गावों से भी पात्र परिवारों को आवास देने की प्रक्रिया चालू है। लिस्ट आते ही लोगों को आवास दिलवाए जाएंगे।

इस खबर की रिपोर्टिंग कुमकुम यादव द्वारा की गयी है।

ये भी देखें – मज़दूरी से बचत नहीं होती की आवास बनवा पाएं – ग्रामीण

(हैलो दोस्तों! हमारे  Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)