खबर लहरिया आवास महोबा: किसान ने दिखाई समझदारी, रिश्वत लेने वाले लेखपाल को रंगे हाथों पकड़वाया

महोबा: किसान ने दिखाई समझदारी, रिश्वत लेने वाले लेखपाल को रंगे हाथों पकड़वाया

महोबा जिले में एक किसान ने एंटी करप्शन टीम (भ्रष्टाचार निवारण संगठन) के साथ मिलकर रिश्वत लेने वाले लेखपाल को पकड़वाने में मदद की। टीम ने लेखपाल को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया।

रिपोर्ट – श्यामकली 

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में भ्रष्टाचार निवारण संगठन इकाई बांदा की टीम ने कस्बा कुलपहाड़ से एक लेखपाल देवेंद्र राजपूत को किसान सुरेंद्र सिंह सेंगर की मदद से पकड़वा दिया। 11 जून मंगलवार को भ्रष्टाचार निवारण संगठन टीम बांदा के प्रभारी राजेश सिंह यादव, एसआई ओमप्रकाश और सनोज कुमार यादव टीम के साथ कस्बा कुलपहाड़ पहुंचे। खबर लहरिया की रिपोर्ट के अनुसार, तहसील कुलपहाड़ के सतारी गांव के किसान सुरेंद्र सिंह सेंगर का जमीनी विवाद चल रहा था। किसान सुरेंद्र सिंह सेंगर ने आरोप लगाया कि लेखपाल ने मामले को सुलझाने के लिए 20000 रुपए की मांग की थी। 

किसान ने समझदारी दिखाई 

सुरेंद्र सिंह ने किसान होकर ऐसे में बड़ी समझदारी से काम किया। उसने योजना बनाई और सीधा भ्रष्टाचार निवारण संगठन से बात की। सुरेंद्र सिंह ने बताया कि उसके मकान की जमीन पर बाजार बनवाया जा रहा है इसको लेकर उन्होंने लेखपाल से बात की। सुरेंद्र सिंह ने कहा कि “लेखपाल इसके लिए पैसा मांग रहा थाकि पैसा दे दोगे तो तुम्हारी पैमाइश हो जाएगी। मैंने सोचा कि मैं लेखपाल को तो पैसे नहीं दूंगा और बाँदा की एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया। टीम के साथ मिलकर योजना बनाई और पैसे लेकर लेखपाल से मिलने अनपुरमा रेस्टोरेंट पहुंच कर लेखपाल को पैसे दिए। छिपे हुए भ्रष्टाचार निवारण संगठन टीम ने लेखपाल को रंगे हाथों पकड़ लिया। मैंने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए ऐसा किया क्योंकि ये किसान भाई डरते रहते हैं उनके खिलाफ कुछ आवाज नहीं उठाते, किसानों से ही लेखपालों की घूसखोरी चलती है।”

कई साल से थे परेशान 

सुरेंद्र सिंह सेंगर बताते हैं कि “मैंने लेखपाल से बोला था कि हमारे मकान की जमीन आबादी (सरकार की जमीन जिसकी कोई रजिस्ट्री नहीं होती) पूर्वज से है। लेखपाल ने बोला – हाँ, मैं सुधार दूंगा। आप पैसों की व्यवस्था बना लीजिए। इसी तरह से लगभग सात-आठ महीने बीत गए।

2023 में अपनी जमीन को बचाने का किया था प्रयास 

सुरेंद्र सिंह ने बताया कि “इस गांव में सब आबादी की ही जमीन है लेकिन मेरे ही घर पर 2023 में एसडीएम के आदेश पर बुलडोजर चलवा दी गई थी। इसमें लगभग 4 लाख तक का नुकसान भी हुआ था जिसको लेकर मैं उच्च न्यायालय हाई कोर्ट से 15 सितंबर 2023 को स्टे ऑडर ले आया था लेकिन 16 मई 2024 को खारिज हो गया था। एसडीएम ने जानकारी दी कि आबादी की जमीन में कोई भी कब्जा नहीं कर सकता है ये सार्वजनिक होती है। 

 

पुलिस से मांगी थी मदद 

सुरेंद्र सिंह सेंगर ने आगे कहा कि मैंने अपने जमीन के बारे में कई बार पुलिस से भी बोला था कि जो वहां पर काम लगा हुआ है उसको रुकवाया जाए पुलिस भी कुलपहाड़ कोतवाली को धमका रही थी कि आप अगर उस जमीन में हस्तक्षेप करोगे तो आपके खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही की जाएगी। 

सीओ कुलपहाड़ हर्षिता गंगवार ने बताया कि पहले के इंस्पेक्टर से जो भी बात होती रही हो मुझे नहीं है पता और न ही मेरे यहां तक यह मामला संज्ञान में आया है यह राजस्व का काम होता है और राजस्व को जहां पुलिस की आवश्यकता पड़ती है वहां पर भिजवाई जाती है। 

कुलपहाड़ के कई वकीलों ने बताया है जो सतारी के किसान थे वह जागरूक थे और ऐसे ही किसानों को जागरूक होना चाहिए। यहां एक लेखपाल ऐसा नहीं कर रहा है जितने भी लेखपाल, अधिकारी है सब पैसा ले-देकर ही काम करते हैं। अगर पैसा नहीं दिया जाता है तो काम ही नहीं करते हैं। 

प्रधान ने लगाया आरोप कहा जबरदस्ती किया जमीन पर कब्जा 

सतारी गांव के प्रधान संदीप कुमार ने सुरेंद्र सिंह सेंगर ने बताया कि 20 साल से किसान सुरेंद्र ने जबरदस्ती कब्जा कर रखा है और वह भी बंजर जमीन है। गांव में जनता के लिए सब्जी का बाजार लगता है इसलिए हमने फैसला किया था कि  बाजार बनेगा। जिससे लोगों को सुविधा हो लेकिन इन्होनें विरोध किया और कोर्ट से स्टे ऑर्डर ले आए फिर भी इनका स्टे ख़ारिज हुआ। अब जो भी हो हम काम करवा कर रहेंगे क्योंकि जनता ने हमें इसलिए ही चुना है।

 

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