खबर लहरिया Blog महोबा : 15 दिनों से बंद है सामुदायिक शौचालय, यात्री और स्थानीय लोग कहां जाएं शौच के लिए?

महोबा : 15 दिनों से बंद है सामुदायिक शौचालय, यात्री और स्थानीय लोग कहां जाएं शौच के लिए?

महोबा जिले के जैतपुर ब्लॉक में लगभग 15 दिनों से सामुदायिक शौचालय बंद है। जिसकी वजह से यात्री व स्थानीय दुकानदारों को काफ़ी परेशानी आ रही है।

ब्लॉक जैतपुर कस्बा कुलपहाड़ मोहल्ला गोंदी चौराहा पर सामुदायिक शौचालय

जिला महोबा ब्लॉक जैतपुर कस्बा कुलपहाड़ मोहल्ला गोंदी चौराहा पर लगभग दो साल पहले सामुदायिक शौचालय बनवाया गया था। यह शौचालय नगर पंचायत के द्वारा बनवाया गया था। जिस चौराहे पर सामुदायिक शौचालय बना हुआ है। वह सड़क महोबा, झांसी,बेलाताल और भटवेरा सड़क को जोड़ती है।

पहले तो शौचालय पूर्णरुप से कार्य में था। लेकिन लगभग 15 दिनों से शौचालय में ताला लगा हुआ है। जिससे आने-जाने वाले यात्रियों को परेशानी हो रही है। इसके साथ-साथ जो छोटे दुकानदार और ठेले वाले चौराहे पर अपनी दुकान लगाते थे। उन्हें भी काफ़ी दिक्कतें हो रही हैं।

यात्री और स्थानीय दुकानदारों ने बतायी दिक्कतें

दुलारी कहती हैं कि उन्होंने रहने के लिए एक कमरा किराये पर लिया था। लेकिन उसमें शौचालय की व्यवस्था नहीं थी। इसलिए वह सामुदायिक शौचालय में ही जातीं थीं। लेकिन जब से शौचालय बंद हुआ है,उन्हें बस्ती से 1 किमी. दूर शौच के लिए जाना पड़ता है। कई बार नगर पंचायत में शिकायत भी की। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।

महोबा के रहने वाले लाल दीवान का कहना है कि वह बेलाताल से आये हैं। जब उन्होंने स्थानीय लोगों से शौचालय के बारे में पूछा तो उन्हें पता चला कि जो शौचालय है। वहां ताला लगा हुआ है। वह कहते हैं मार्किट इतनी व्यस्त है कि कहीं और भी शौच के लिए नहीं जा सकते।

मुन्नी नाम की महिला अपनी सहेली की परेशानी बताते हुए कहती हैं कि शौचालय बंद होने की वजह से उसे खुले में शौच करना पड़ा। जिसके बाद पुरुष उसे लेकर तरह-तरह की बातें बनाने लगे। अगर शौचालय खुला होता तो यह सब नहीं होता। उनकी यही मांग है कि सरकार की तरफ से एक स्थायी शौचालय होना चाहिए ताकि महिलाओं और पुरुषों को शौच के लिए दिक्कत ना हो।

गोंदी चौराहे पर बैठने वाले लल्ला की चौराहे पर पान की दुकान है। वह बुजुर्ग है। वह कहते हैं कि दुकान छोड़कर शौच के लिए दूर नहीं जा सकते। ऐसे में दुकान देखने वाला कोई नहीं। इधर-उधर शौच के लिए भी आस-पास जगह नहीं है। दूर जाते हैं तो समय की बर्बादी भी होती है।

कुलपहाड़ के रहने वाले गोविंद का कहना है कि वैसे तो सरकार ने जगह-जगह सुविधाओं का इंतजाम किया है। लेकिन इनकी देख-रेख करना तो कर्मचारियों का ही काम है। उनको ही देखना चाहिए।

पानी की पाइपलाइन लगने के बाद खुलेगा शौचालय – सफ़ाई नायक

कुलपहाड़ नगर पंचायत के सफ़ाई नायक संतोष कुमार कहते हैं कि पहले समरसीवर कुएं में डाला गया था। कुएँ का पानी सूख जाने की वजह से शौचालय में रखी पानी की टंकी में पानी नहीं जा रहा है। जिसकी वजह से सामुदायिक शौचालय में ताला लगाया गया है।

जल निगम से पाइप लाइन बढ़ाने की मांग की गयी है ताकि टंकी तक पानी पहुंच पाए। जब पानी टंकी में जाने लगेगा तो शौचालय भी खुलवा दिया जाएगा। अब यहां आस-पास कोई हैंडपम्प भी नहीं है कि समरसीवर के ज़रिए पानी की व्यवस्था हो।

शौचालय की समस्या को दूर कर पाना, ग्रामीण क्षेत्रों में बेहद मुश्किल प्रतीत होता है। पहली बात तो यह कि कई क्षेत्रों तक योजना का पहुंच जाना ही बड़ी बात लगती है। वहीं जब योजनाओं के तहत लोगों के लिए सुविधाएं शुरू हो जाती है तो कुछ समय बाद उसमें भी अड़चने आने लगती है। यहां व्यवस्था और रख-रखाव में कमी कहना ज़्यादा बेहतर लगेगा। जैसा की हमने महोबा जिले में सामुदायिक शौचालय की समस्या को देखा। अब नगर पंचायत द्वारा कब तक पानी की व्यवस्था की जाती है और तब तक स्थानीय लोग और यात्री शौच के लिए कहाँ जाएंगे। जैसे सवाल सामने खड़े हैं।

इस खबर को खबर लहरिया के लिए श्यामकली द्वारा रिपोर्ट किया गया है।