खबर लहरिया Blog लखनऊ : 74 नौकरशाहों ने यूपी सरकार के खिलाफ लिखा पत्र, कहा सरकार कर रही है कानून का उल्लंघन

लखनऊ : 74 नौकरशाहों ने यूपी सरकार के खिलाफ लिखा पत्र, कहा सरकार कर रही है कानून का उल्लंघन

यूपी के 74 नौकरशाहों ने सरकार के खिलाफ खुला पत्र लिखते हुए लोकतंत्र के पतन होने की बात कही है। "Teeka Utsav" to be celebrated from 11 to 14 April

यूपी के 74 पूर्व नौकहशाहों और पुलिस अधिकारियों ने यूपी प्रशासन के खिलाफ खुला खत पत्र लिखा है। पत्र में उत्तर प्रदेश में ‘शासन पूरी तरह से खत्म’ और “कानून का खुले तौर पर उल्लंघन” का आरोप लगाया गया है। इस खत का 200 से अधिक प्रतिष्ठित नागरिकों ने समर्थन किया है। चार पन्नों के इस खत में आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अधिकारियों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की मनमाने ढंग से हिरासत,प्रताड़ना और पुलिस हमलों का आरोप लगाया है। साथ ही न्यायिक हत्याओं को खत्म करने की मांग की है। इसके आलावा “लव जिहाद” के खिलाफ कानून के जरिए मुस्लिमों को निशाना बनाए जाने का आरोप भी लगाया गया है। यह कहा गया कि गोहत्या के नाम पर आलोचना करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम का दुरुपयोग किया जा रहा है।

पत्र में राज्य की चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था की ओर इशारा किया गया। यह कहा कि कोरोना संकट को सही तरह से संभाला जाना चाहिए।

खत के अनुसार “लोकतंत्र का होगा पतन”

पत्र में कहा गया, ‘उत्तर प्रदेश में वर्तमान सत्तारूढ़ शासन ने सरकार चलाने के लिए एक नए मॉडल की शुरुआत की है, जो कि संविधान के मूल्यों और कानून के शासन से हर रोज़ दूर जा रहा है। इससे साफ़ है कि कार्यकारी मजिस्ट्रेट और पुलिस सहित प्रशासन की सभी शाखाएं ध्वस्त हो गई हैं। हमें डर है कि यदि अभी नहीं देखा गया तो राज्य में शासन-विधि और संस्थानों को नुकसान होगा, जो लोकतंत्र के पतन और विनाश की ओर लेकर जाएगा।’

पत्रकारों के खिलाफ हिंसा की कही गयी बात

पत्र में हर एक मुद्दें से जुड़ा डाटा और उदाहरण भी दिया गया है। शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्यवाही का आरोप लगाते हुए केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन के मामले का उल्लेख किया गया। कप्पन को हाथरस में एक दलित महिला के साथ गैंगरेप की घटना को कवर करने जाते समय यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था।

खत में कहा गया, ‘कप्पन को जेल में 200 से ज़्यादा दिन हो गए हैं। इसके साथ ही यूपी में चरमराई हुई स्वास्थ्य व्यवस्था की कमियों को उजागर करने वालों के खिलाफ भी इन दमनकारी उपायों का इस्तेमाल किया जा रहा है।’

विधानसभा चुनाव की तरफ किया गया इशारा

अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों की ओर इशारा करते हुए, पत्र में दावा किया गया है: “सत्ता में आने के बाद से, मुसलमानों के खिलाफ यूपी की वर्तमान सरकार का पूर्वाग्रह खुलकर सामने है। आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए, हम मानते हैं कि यूपी सरकार की इस तरह की कार्यवाहियों को अगर नियंत्रित नहीं किया गया तो सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और अशांति पैदा हो सकती है। ‘

पिछले दिनों एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इण्डिया ने भी यूपी सरकार की आलोचना की थी। हाल ही में यूपी के उन्नाव ज़िले में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान मियांगंज ब्लॉक के मुख्य विकास अधिकारी दिव्यांशु पटेल को एक लोकल पत्रकार के साथ मारपीट करते देखा गया था, जिसके बाद एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पत्रकार पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा की थी। हालाँकि, इस पत्र का अभी तक कोई जवाब नहीं आया है लेकिन यूपी की चरमराती हुई न्याय और दयनीय स्वास्थ्य व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है जो सरकार और उसकी कार्यशैली पर सवाल उठाने के लिए काफी है।

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