खबर लहरिया Blog मोमबत्ती नहीं चूल्हे जलाइए

मोमबत्ती नहीं चूल्हे जलाइए

देशभर में कोरोना वायरस को लेकर कोहराम मचा हुआ है। इसी बीच 3 अप्रैल को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर लोगों से बात किया। पीएम मोदी ने सुबह 9 बजे एक वीडियो संदेश जारी कर लोगों से आने वाले रविवार का कुछ समय मांगा। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए लोगों को अपनी एकजुटता दिखानी होगी। इसके लिए 5 अप्रेल को रात 9 बजे 9 मिनट अपने घर की सारी लाइट बुझा कर अपने-अपने घर के बाहर बालकनियों में या छत पर जाकर मोमबत्ती जलाएं। पीएम ने कहा, जरूरी नहीं कि आप मोमबत्ती ही जलाएं आप चाहें तो घर पर रखी टॉर्च, मोबाइल की टॉर्च या फिर दिया भी जला सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उजाले से कोरोना का अंधकार मिटने का मंत्र दिया है. अब 5 अप्रैल को 130 करोड़ घरों में मनाई जाएगी दिवाली और कोरोना को हारने का सन्देश दिया जायेगा

इससे पहले 22 मार्च को क्रोरोना कमांडो यानी इस दौरान जो लोग काम कर रहे हैं जैसे डॉक्टर, पुलिस, प्रेस इत्यादि को थाली बजा कर धन्यबाद किया. यहाँ मैं ये सोचने को मज़बूर हो गई के जहाँ लोगों के घर चूल्हे नहीं जल रहें वहां हम मोमबत्ती जलाने की बात कर रहें है. आपको बता दें कि इस लॉकडाउन में कई मज़दूर है जो सड़को पर है, कई तो जहाँ काम करते थे वहां से भी निकल गए और रास्ते में उन्हें रोक कर रखा गया है. न खाने का ठिकाना न सोने का. अपने बांदा जिले में ही देख लीजिये 500 से 700 किलोमीटर चल कर लोग अपने जिले तो पहुँच गए लेकिन अपनों के पास नहीं। यहाँ के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में 28 मार्च को 331 मज़दूर बंद कर दिए गए और गेट पर ताला डाल दिया गया। ऐसे लगता है इन्होंने बहुत बड़ा अपराध किया हो। बन्द मज़दूरों ने बताया कि 28 मार्च से 1 अप्रैल तक खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। इससे परेशान होकर एक लड़का भाग निकला। ये बात मीडिया में आने से 2 अप्रैल को खाने की व्यवस्था की गई। रोज पूड़ी खाना पड़ रहा हैI। खाना की क़्वालिटी बहुत खराब होती है। बहुत देर से खाना मिलता है। कोई साफ सफाई नहीं है। पीने का पानी बहुत गंदा आता है, रात में मच्छर काटते हैं,सोने के लिए बिस्तर न ओढ़ने के लिए चादर देते हैं।

इसके उत्तर में पीएम मोदी जी मन की बात में जनता से माफ़ी मांगते है. उन्होंने मन की बात कार्यक्रम के दौरान देशवासियों से कहा, ‘मुझे कुछ ऐसे फ़ैसले लेने पड़े हैं, जिनसे ग़रीबों को परेशानी हुई. सभी लोगों से क्षमा मांगता हूं.’ वह माफी मांगकर ही नहीं रुके, आगे उन्होंने कहा, ‘मैं आप सबकी परेशानी को समझता हूं, लेकिन कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में इसके सिवाय कोई चारा नहीं था. किसी का ऐसा करने का मन नहीं करता, लेकिन मुझे आपके परिवार को सुरक्षित रखना है. इसलिए दोबारा क्षमा मांगता हूं.’ मोदी जी माफ़ी माँगना काफी नहीं है क्योकि आपको भी ये एहसास होगा के आपने लॉकडाउन करने से पहले कोई तैयारी नहीं की थी।