खबर लहरिया कोरोना वायरस ललितपुर: लॉकडाउन में आदिवासीयों के घरो में एक हफ्ते से नहीं जला चूल्हा

ललितपुर: लॉकडाउन में आदिवासीयों के घरो में एक हफ्ते से नहीं जला चूल्हा

जिला ललितपुर ब्लाक महरौनी गाँव खुडन यहां पर आदिवासियों के 100 परिवार रहते हैं और मजदूरी करते हैं  लॉक डाउन में  हफ्ते से नहीं जला चूल्हा इनके पास ज्यादा जमीन नहीं है किसी के पास 50 डिस्मल किसी के पास 1 एकड़ से ज्यादा जमीन नहीं है 12 माह मजदूरी करते हैं लॉक डाउन होने के कारण कई तरह की दिक्कत आ रही है इन लोगों के दो-दो दिन से चूल्हे नहीं जले खाने के लिए कुछ नहीं है पहले मजदूरी करते थे दिन भर और रात में राशन पानी लाते थे हम लोग के कारण बहुत से देखते आ रही हैं भूखी प्यासी मर रहे हैं एक तू सरकार घर से बाहर नहीं निकलने दे रही है और दूसरी तरफ कोई भी सुविधा नहीं मिल रही है मजदूरी करने जाते हैं तो पुलिस भगा देती है गांव में कोई सामने वाला भी नहीं है गरीब लोगों की कौन सुनेगा हम लोग तो मजदूरी से ही पेट पालते थे अब मजदूरी भी नहीं कर पा रहे हैं और ऊपर से महंगाई भी हो गई है हर चीज हम लोग बहुत परेशान हो रहे हैं अगर सरकार घर से बाहर नहीं निकलने दे रही है तू हम लोगों को खाने पीने की व्यवस्था की जाए जिस लोग वेट कर सकते हैं पैसा वाली थोड़ी है कि रखा होगा तो खाते रहेंगे बैठे-बैठे हम लोग की सरकार को कुछ सुनाई पड़ेगी अगर मजदूरी करने नहीं जाएंगे तो पेट कैसे पा जाएंगे बच्चों की हम अपने हम लोग बहुत परेशान हो रहे हैं ये चाहते हैं कि घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं तो उसके घर आने के लिए कुछ दे जिससे हम लोग परेशान नहीं हो राजबिन्द सिंह पद प्रधान ने ऑफ कैमरा बताया है कि ऐसा तो पूरा गांव परेशान है हम किस-किस को मदद दे और किस किस की मदद के लोगों की मदद करने में हम खुद परेशान हो जाएंगे जो मदद बनेगी करेंगे लेकिन हर घर के लिए नहीं जो सच में परेशान हैं और में गरीब लोगों के लिए कुछ मदद करें वाइट देने से मना कर दिया था कि हम वाइट नहीं देंगे