सामूहिक बलात्कार के बाद जब नाबालिग घटना की शिकायत करने थाने पहुंची तो पाली थाने के एसएचओ ने भी नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।
अपहरण और सामूहिक बलात्कार के बाद जब 13 साल की नाबालिग लड़की ललितपुर जिले के पाली थाने में शिकायत दर्ज़ कराने पहुंची तो वहां के थाना अध्यक्ष ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। नाबालिग का आरोप था कि चार लोगों द्वारा उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया है जिसकी शिकायत के लिए वह अपने रिश्तेदार के साथ थाने गयी थी।
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आरोपी एसएचओ गिरफ्तार
अपहरण और बलात्कार के एक मामले में रेप के आरोपी एसएचओ तिलकधारी सरोज को प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक (एसपी) निखिल पाठक ने कहा कि, एसएचओ तिलकधारी सरोज को निलंबित कर दिया गया है।
24 घंटे में रिपोर्ट हो पेश – एडीजी
मामले में एडीजी (अतिरिक्त महानिदेशक) जोन ने एक्शन लेते हुए 29 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है और 24 घंटे में डीआईजी झांसी को जांच पूरी करके रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
इस मामले में चाइल्ड लाइन की काउंसलिंग के दौरान नाबालिग ने सारी बातें बताई थी जिसमें यह बात सामने आई कि थाने के एसएचओ ने भी उसके साथ बलात्कार किया था।
आरोपियों को पकड़ने हेतु हुआ टीम का गठन
इसके अलावा सामूहिक बलात्कार के सभी आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए एक टीम का गठन किया गया है। मामले में अभी तक दो आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है।
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यह है पूरा मामला
नाबालिग की मां की शिकायत के अनुसार, चंदन, राजभान, हरिशंकर और महेंद्र चौरसिया नाम के आरोपियों ने 22 अप्रैल को उसकी बेटी का अपहरण किया था। यह चारों आरोपी उसे भोपाल ले गए, जहां चारों आरोपियों ने नाबालिग के साथ कई बार बलात्कार किया। इसके बाद वह नाबालिग को 26 अप्रैल के दिन पाली थाने के सामने छोड़कर चले गए।
इसके बाद, पुलिस इंस्पेक्टर ने नाबालिग को उसकी मौसी को सौंप दिया। मौसी ने बच्ची के माता-पिता को बताए बिना अपने घर पर रखा था। इस घटना के संबंध में नाबालिग को अगले दिन अपना बयान दर्ज कराने के लिए पाली थाने बुलाया गया। उसे वहां पूरे दिन वहीं रखा गया। इसके बाद शाम को नाबालिग की मौसी उसे पाली के एसएचओ तिलकधारी सरोज के सरकारी आवास पर ले गई, जहां नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया गया।
फिर नाबालिग अपनी मौसी के साथ अपने घर लौट आई। हैरान करने वाली बात यह थी कि नाबालिग की मौसी ने घटना के बारे में एक भी बार उसके माता-पिता को भी नहीं बताया। 30 अप्रैल 2022 को नाबालिग फिर थाने गई, जहां से उसे चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया। चाइल्ड लाइन में काउंसलिंग के दौरान नाबालिग ने पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया जिसके बाद उसके माता-पिता से संपर्क किया गया।
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महिला राजनेताओं ने भी की कार्यवाही की मांग
बसपा की राष्ट्रिय अध्यक्ष मायावती मामले को लेकर ट्वीट करते हुए लिखती हैं, ” यू.पी. के जिला ललितपुर के पाली थाना में पुलिस द्वारा की गई एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप की घटना अति शर्मनाक। सरकार इस मामले को गम्भीरता से ले। तथा दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही करे। बी.एस.पी. की यह मांग।”
प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी बलात्कार की घटना को लेकर ट्वीट किया और घटना को राजनीति से जोड़ते हुए वर्तमान सरकार पर तंज कसा। प्रियंका लिखती हैं,
“ललितपुर में एक 13 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप और फिर शिकायत लेकर जाने पर थानेदार द्वारा बलात्कार की घटना दिखाती है कि “बुलडोजर” के शोर में कानून व्यवस्था के असल सुधारों को कैसे दबाया जा रहा है।
अगर महिलाओं के लिए थाने ही सुरक्षित नहीं होंगे तो वो शिकायत लेकर जाएंगी कहां?”
“क्या उप्र सरकार ने थानों में महिलाओं की तैनाती बढ़ाने, थानों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने के लिए गंभीरता से सोचा है?
कांग्रेस पार्टी ने अपने महिला घोषणा पत्र में महिला सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदु रखे थे।
आज ललितपुर है..”
“ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए महिला सुरक्षा और महिला हितैषी कानून व्यवस्था के लिए गंभीर कदम उठाने ही होंगे।”
यूपी सरकार कहती है कि राज्य महिलाओं के लिए सुरक्षित है वहीं कुछ-कुछ समय में राज्य में सामूहिक बलात्कार जैसी घटनाएं बड़े पैमाने पर सामने आती ही रहती हैं। इसके अलावा दोषी एसएचओ तिलकधारी सरोज को दुष्कर्म की घटना की सज़ा में सिर्फ ड्यूटी से निलंबित किया गया।फिर यूपी सरकार कहती है कि वह नाबालिगों के साथ हुए दुष्कर्म की घटनाओं पर कड़ी कार्यवाही करेगी। क्या यही है कड़ी कार्यवाही करना? क्या यही होता है महिलाओं से जुड़े मुद्दे में उन्हें इन्साफ दिलाना? क्या यही होता है सुरक्षा प्रदान करना? क्या इन्हीं वादों की बातें सरकार हमेशा बड़े दांवे के साथ करती है?