हैलो दोस्तों! भोजपुरी काउंट डाउन शो में एक बार फिर से आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है। हम सभी को घूमना फिरना तो बहुत पसंद आता है और बहुत अच्छा भी लगता है लेकिन घूमने से पहले हमारे दिमाग में एक ख्याल जरूर आता की कौन-से ऐसी पर्यटन स्थल हैं जहां हम घूमने जा सकते हैं। मैं अपने इस बार के शो में बिहार के मशहूर पर्टयन स्थलों के बारे में बात करुँगी। जिनके इतिहास और उनकी रहस्य्मयी कहानियों को आप जानें बिना नहीं रह पाएंगे।
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वैसे तो बिहार अपनी अनोखी भाषा, पारंपरिक त्योहारों, और अनोखे रीति-रिवाज़ों के लिए देश भर में जाना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि बिहार में कुछ ऐसी रहस्मयी जगहें भी हैं जिनके पीछे की कहानी भी काफी रोमांचक है। बिहार की कुछ घूमने की मशहूर जगहों में से एक है बोधगया, महाबोधि मंदिर, विष्णुपद मंदिर, मगला गौरी तीर्थ, डुंगेश्वरी गुफा मंदिर आदि। पर आज हम आपको जिस पर्यटन स्थल के बारे में बताने जा रहे हैं वो बिहार की बाकी जगहों से थोड़ी अलग है। हम बात कर रहे हैं ‘सोन भंडार गुफा‘ की।
बिहार के राजगीर शहर में स्थित है। इस गुफा के अंदर कई रहस्य छुपे हुए हैं। मौर्य शासक बिंबिसार ने राजगीर में एक बड़े पहाड़ को काटकर अपने खजाने को छुपाने के लिए यह गुफा बनाई थी।
तो चलिए जानते हैं ‘सोन भंडार गुफा’ की 5 खास बातें
5. मौर्य शासक बिंबिसार ने अपने शासन काल में राजगीर में एक बड़े पहाड़ को काटकर अपने खज़ाने को छुपाने के लिए यह गुफा बनाई थी। जिस कारण इस गुफा का नाम “सोन भंडार” पड़ गया।
यह खजाना मोर्ये शासक बिम्बिसार का बताया जाता है, हालांकि कुछ लोग इसे पूर्व मगध सम्राट जरासंघ का भी बताते है। हालांकि इस बात के ज्यादा प्रमाण है कि यह खजाना बिम्बिसार का ही है, क्योकि इस गुफ़ा के पास उस जेल के अवशेष है जहाँ पर बिम्बिसार को उनके पुत्र अजातशत्रु ने बंदी बना कर रखा था।
4. नालंदा ज़िले में मौजूद राजगीर जो की एक छोटा-सा शहर है प्राचीन समय में मगध की राजधानी था। ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने मगध के सम्राट बिम्बिसार को यहीं पर धर्मोपदेश दिया था।
सोन भण्डार गुफा में प्रवेश करते ही 10.4 मीटर लम्बा, 5.2 मीटर चौड़ा तथा 1.5 मीटर ऊंचा एक कक्ष (Room) आता है, इस कमरा खजाने की रक्षा करने वाले सैनिकों के लिए था। इसी कमरे की पिछली दीवार से खजाने तक पहुंचने का रास्ता जाता है। इतिहास के अनुसार इस गुफा को सोने को सहेजने के लिए बनवाया गया था, जिसे आजतक कोई नहीं खोल पाया है।
3. तोपों की गोलियों से भी नहीं टूट पाई गुफा
गुफा के एक कमरे में सिपाहियों के ठहरने की व्यवस्था की जाती थी। वहीं, दूसरे कमरे में खज़ाना छुपाया जाता था। खज़ाने की भनक किसी को न लगे, इसके लिए कमरे को एक बड़ी चट्टान से ढंका गया था। गुफा के आसपास रह रहे लोगों द्वारा बताई गई कहानियों से यह भी सामने आया है कि जब अंग्रेज़ों ने भारत पर शासन किया था तब कई बार उन्होंने इस गुफा को तोप से उड़ा कर यहाँ मौजूद सोने को बाहर निकालने की कोशिश करी, लकिन उनकी हर कोशिश नाकाम हुई। आज भी इस गुफा पर तोपों की गोलियों के निशान देखे जा सकते हैं।
2. सोन भंडार गुफा का यह रहस्य और इसकी चमकदार चट्टानें पर्यटकों को खूब प्रभावित करती है। लेकिन आज तक चट्टानों के पीछे की चमक के बारे में कोई पता नहीं लगा पाया है।
1. गुफा के सोने से मिट सकती है गरीबी, अफवाह या सच?
बिहार के साथ-साथ दूर-दराज़ के राज्यों से भी लोग इस गुफा को देखने आते हैं। इसके साथ ही भारतीय एवं अंतराष्ट्रीय पुरातत्त्वज्ञ भी इस गुफा के पीछे छिपे राज़ का पता लगाने यहाँ आते हैं। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि आज जब साइंस और टेक्नोलॉजी इतनी उन्नति कर चुकी है, उसके बावजूद भी इस गुफा के कमरों को खोला नहीं जा सका। कुछ पौराणिक लोगों ने यह दावा भी करा है कि गुफा के अंदर मौजूद सोना इतनी भारी मात्रा में है कि उससे भारत से गरीबी और भुखमरी को मिटाया जा सकता है।
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तो देखा आपने कितनी रहस्यमयी और अलग-अलग कहानियों से भरी है सोन भंडार गुफा। तो अगली बार आप बिहार या राजगीर आइएगा तो इस गुफा और यहाँ के पीछे छिपी कहानी को जानना मत भूलिएगा। हमारे भारत में ऐसी ही अन्य कई जगहें हैं जिसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं, लेकिन आप चिंता मत करिए हम आप को ऐसी अनोखी और खूबसूरत जगहों से रूबरू कराते रहेंगे। इसलिए जुड़े रहिए खबर लहरिया के साथ।
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