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पत्रकारिता स्वतन्त्र है देखिए राजनीती रस राय के इस एपिसोड में

मिर्ज़ापुर के शिऊर गांव के प्राथमिक विद्यालय में 22 अगस्त 2019 को परोसा गया नून रोटी मामला देश में आग की तरह फैल गया। मौके में प्रशासन ने पहुंच कर इस मामले को सही ठहराते हुए स्कूल के टीचरों समेत शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों के ऊपर कार्यवाही की। हालांकि गुप्त सूत्रों से पता चला कि सरकार की छवि खराब न हो इसके चलते प्रशासन ने इस मामले पर उल्टी चाल चली। और कवरेज करने गए पत्रकार पवन जायसवाल और गांव के राजकुमार पाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर अपने को पाक साफ करना चाहा, लेकिन पाक साफ होगा कैसे एक तो टेक्नोलॉजी का जमाना ऊपर से प्रशासन पहले देखकर इसमें सहमति जता दी थी। इसीलिए मीडिया पत्रकार के खिलाफ रची गई साज़िश में न्याय के लिए लगातार धरना प्रदर्शन कर रही है तो उधर गांव वाले प्रधान के सहयोगी को गलत फंसाये जाने का आरोप लगाते हुए जेल से रिहा करने की बात कर रहे हैं। लोगों को रिझाने मनाने के लिए प्रशासन गांव में कैम्प लगाकर सरकारी योजनाएं और स्वास्थ्य की सुविधाएं देने की कोशिश कर रहा है।

लोग जिस तरह से बता रहे थे उससे ऐसा लग रहा था कि मिडडेमील में अनियमतता बहुत पहले से चल रही थी। पत्रकार ने ये बात बताई कि पहले भी कई बार सहायक मास्टर को हिदायत दी जा चुकी थी। स्कूल के बगल से सड़क है और स्कूल सड़क से बहुत खाली में है तो लोगों को आते जाते दिख ही जाता है। लोग देख रहे थे कि मिडडेमील में रोज क्या बन रहा है। सहायक मास्टर मुरारी को भी लगा कि प्रधान अनपढ़ है या फिर आदिवासी है तो क्या कर लेगा। मिडडेमील के कंवर्जनकास्ट से अब प्रधान से कोई लेना देना है नहीं। ऊपर से हेड मास्टर बहुत कम स्कूल आती है मतलब कि गांव और स्कूल में सिर्फ और सिर्फ सहायक मास्टर की तानाशाही, क्या कर लेंगे लोग, शायद इसीलिए मनमानी करता रहा।

ये मामला मिडडेमील तक सीमित नहीं है मैंने देखा कि स्कूल की बिल्डिंग खस्ता हाल है। न लाइट न पंखा रंगाई पोताई का कोई आता पता नहीं। बाउंड्री भी नहीं है, शौंचालय टूटे फूटे और गंदगी से भरे। बरसात में स्कूल बंद हो जाता होगा क्योंकि बारिश का पानी भरता होगा। इतना ही नहीं सबसे बड़ा खतरा तो 33 हज़ार पावर की बिजली लाइन का है। खैर लोग जब कहते कहते ऊब गए तो कुछ करने की सोची, अपने अधिकार को पाने के लिए प्रधान को बुलाया। प्रधान के सहयोगी ने अपने दिमाग को चलाते हुए मीडिया को बुलाया और फिर पूरा प्रशासन गांव में मौजूद हो गया। डीएम मौके पर पहुंचे और मामला सही पाया।