खबर लहरिया Blog सवर्ण हिंसा करे और दोष जाति को दे, दलित महिला पर टोटके का आरोप लगा पीटा फिर जलाया

सवर्ण हिंसा करे और दोष जाति को दे, दलित महिला पर टोटके का आरोप लगा पीटा फिर जलाया

बुज़ुर्ग महिला ने पुलिस रिपोर्ट में बताया कि, ‘गांव के केजऊ राठौर, उसके बेटे, उसके परिवार के सदस्य और दो अन्य व्यक्ति जो बैगाई करने आये थे मुझे मेरे घर से रात में ज़बरदस्ती उठाकर ले गए। उनसे कहा, तुम टोनही हो, हमारे घर वालों को भूत-प्रेत धराकर परेशान करती हो कहकर मुझे खूब मारा। मुझे मरा हुआ समझकर मुझे फेंक कर भाग गए।’

in chhattisgarh, Dalit woman is accused of sorcery, beaten and then burnt.

पुलिस द्वारा मामले में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफतारी के बाद थाने में ली गई फोटो ( तस्वीर – दैनिक भास्कर)

छत्तीसगढ़: ‘क्योंकि वह दलित समाज से आती है तो जादू-टोना वही करती होगी’– यह समाज की और इस मामले में आरोपियों की अवधारणा रही है। इसी अवधारणा का फायदा उठाते हुए छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के मस्तूरी क्षेत्र, ग्राम भदौरा के राठौर परिवार ने 11 जनवरी को गाँव की 70 वर्षीय दलित बुज़ुर्ग महिला पर जादू-टोने का आरोप लगाते हुए उन्हें क्रूरता के साथ मारा। अपने अंधविश्वास में बुज़ुर्ग महिला को आग लगा दी और मरा हुआ समझकर फरार हो गए। मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। महिला इस समय गंभीर स्थिति में अस्पताल में हैं।

इस आरोप में जो शक था वह यह था कि महिला दलित जाति से आती है और समाज के अनुसार पिछड़े जाति के माने जाने वाले लोग जादू-टोने का काम करते हैं। यह आरोप लगाने के लिए उन्हें किसी सबूत की ज़रूरत नहीं है क्योंकि सामाजिक धारणा ही इसका सबसे बड़ा रूप और पुष्टिकरण है।

महिला के बेटे ने खबर लहरिया को बताया कि उनकी माँ के बचने की गुंजाईश कम है।

टोना-टोटके का आरोप लगा कि जान से मरने की कोशिश

बुज़ुर्ग महिला ने पुलिस रिपोर्ट में बताया कि, ‘गांव के केजऊ राठौर, उसके बेटे, उसके परिवार के सदस्य और दो अन्य व्यक्ति जो बैगाई करने आये थे मुझे मेरे घर से रात में ज़बरदस्ती उठाकर ले गए। उनसे कहा, तुम टोनही हो, हमारे घर वालों को भूत-प्रेत धराकर परेशान करती हो कहकर मुझे खूब मारा। मुझे मरा हुआ समझकर मुझे फेंक कर भाग गए।’

आरोपियों ने महिला को उसके घर के पास फेंक दिया। जब अगली सुबह लोगों ने महिला को देखा तो वह उन्हें अस्पताल लेकर गए।

रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी केजऊ राठौर घटना के दो दिन पहले भी बुज़ुर्ग महिला के मोहल्ले में जाकर बिना किसी का नाम लिए यह कह रहा था कि ‘टोनही लोग मेरे घर में भूत-प्रेत भेजकर परेशान कर रहे हैं।’ यह कहकर उसने काफी गाली-गलौच भी की।

12 जनवरी को महिला की बेटी ने थाने में मामले को लेकर रिपोर्ट दर्ज़ करवाई थी लेकिन पुलिस द्वारा कार्यवाही घटना के तीन दिनों बाद की गई।

आरोपी गिरफ्तार, लगी ये धाराएं

                                                                              आरोपियों के खिलाफ लिखित एफआईआर की कॉपी

पूरे मामले में कुल 9 लोग शामिल थे। केजउ राठौर और उसके परिवार को मिलाकर सात और दो बैगा। सभी आरोपियों के नाम कुछ इस प्रकार हैं:-
केजउ राठौर, सुरेश राठौर, लाला राठौर, संतोष राठौर, विशाल नाथ व दो बैगा देवी कहरा और धरम कहरा।

पुलिस ने मुख्य आरोपी केजऊ राठौर और उसके रिश्तेदारों को कोरबा जिले के बालको और दो बैगाओं को जांजगीर से गिरफ्तार किया। सभी आरोपियों पर टोनही प्रताड़ना और हत्या के प्रयास को लेकर मुकदमा दर्ज़ किया गया।

सभी आरोपियों पर धारा 363,294,323,307,34 व छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनयम 2005 (5) के तहत मामला दर्ज़ किया गया।

यह मामला एक अन्य जातिगत हिंसा व सवर्ण समाज को मिली शक्ति के दृश्य को साफ़ करता है। जहां सवर्ण को समाज में इतनी शक्ति है कि वह सिर्फ शक के साथ किसी की भी जान ले सकता है और यह भी कह सकता है कि ये दूसरे की ही गलती है।

राठौर जाति से आने की वजह से आरोपियों के पास समाज द्वारा दी गई शक्ति है जो उन्हें किसी पर भी आरोप लगाने, उन्हें मारने की आज़ादी और विचारधारा पेश करती है। यह विचारधारा पीढ़ी दर पीढ़ी, दशक दर दशक सवर्णो द्वारा इस्तेमाल की जाती रही है।

 

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