उत्तर प्रदेश। वाराणसी जिले के नगर क्षेत्र लालपुर में मिट्टी के घड़ा में बनने वाले मुर्गे का मीट और बकरे का मीट बहुत दी फेमस है| उस मीट को खाने और खरीदने के लिए वहा पर रोज सैकडों लोगों की भीड़ की लाइन लगी रहती है|
इस होटल में मीट बनाने वाले बावर्ची राजू पटेल का कहना है कि मिट्टी के घड़े में बनने वाला मीट बनाने से बहुत ही सोंधा बनता है और इस समय तो ज्यादातर लोग को मिट्टी के बर्तन में मीत बनते देख थोडा अचंभित होते है लेकिन यहाँ पर इसी मिट्टी के घड़े में मुर्गा बनता देख खुद को रोक नहीं पते क्युकी इस का स्वाद तो एक अलग सा होता है और इसके सोंधेपन वाले स्वाद के चलते एक दिन में सौ गाहक आ जाते हैहोटलों की अपेक्षा घरों में बनता है अधिक स्वादिष्ट खाना
बकरे और मुर्गे दोनों का मीट मिट्टी के बर्तन में बनता है और एक बार में एक घड़ा ही बिकता है और इसका दाम तो आठ सौ से एक हजार है। और मुर्गे के मीट का एक घड़ा 600 रुपए के दाम में बिकता जिसको लोग बड़े चाव से खाते है
पहले के ज़माने के लोग तो मिट्टी के बर्तनों में ही खाते थे लेकिन जब से स्टील के बर्तन बाज़ार में आ गए तो लोगो ने उसका इस्तेमाल शुरू कर दिया और उसमे ही पकने वाले खाने का स्वाद ले लिया लेकिन मिट्टी के बर्तनों में खाना बनने का स्वाद उस स्वाद से यह बहुत अलग है और खासबात है कि मीट भी आप को मिट्टी के बर्तन में ही मेलेगा और जो लोग बहुत पसन्द भी करते हैं
राजू का कहना है कि शाम के समये भीड़ बहुत होती है और लोग मिट्टी के बर्तन में ही मीट मागते है। उनका कहना है जो स्वाद इस मिटटी के बर्तन वाले मुर्गे में है वो और कहीं नही