खबर लहरिया Blog होली के लिए सद्भावना और ‘रमज़ान’ के लिए पाबंदी! संभल अधिकारी ने कहा, ‘होली एक बार आती है और जुम्मा 52 बार’

होली के लिए सद्भावना और ‘रमज़ान’ के लिए पाबंदी! संभल अधिकारी ने कहा, ‘होली एक बार आती है और जुम्मा 52 बार’

अधिकारी ने अपनी बात को दोबारा दोहराते हुए कहा, “अगर मुसलमानों को लगता है कि होली के रंग से उनका धर्म ख़तरे में पड़ जाएगा, तो उस दिन वह अपने घर से बाहर क़दम न रखें।”

"Harmony for Holi and Restrictions for Ramadan! Sambhal Officer Says, 'Holi Comes Once a Year, Jumma 52 Times'"

सांकेतिक तस्वीर (फ़ोटो साभार – सोशल मीडिया)

“अगर मुसलमान होली में रंग लगना स्वीकार नहीं कर सकते तो उन्हें घर के अंदर ही रहना चाहिए” – यह भेदभावपूर्ण और असंवेदनशील बयान यूपी के पुलिस अधिकारी अनुज चौधरी द्वारा दिया गया, जो संभल सर्कल अधिकारी हैं। विपक्ष ने इस बयान को पक्षपाती और ‘एक अधिकारी के लिए अनुचित’ बताया।

यह बयान तब आया जब एक शान्ति समिति की बैठक हुई थी, क्योंकि इस साल होली और जुम्मा (शुक्रवार) एक ही दिन पड़ रहे हैं। यह रमज़ान का महीना चल रहा है और इस दौरान जुम्मा की एहमियत और भी ज़्यादा बढ़ जाती है।

संभल अधिकारी ने कहा, “साल में जुम्मा (शुक्रवार) 52 बार आते हैं, लेकिन होली सिर्फ़ एक ही दिन होती है। हिंदू लोग पूरे साल होली का इंतज़ार करते हैं, जैसे मुसलमान ईद का इंतज़ार करते हैं।”

ये भी पढ़ें – बांदा: नरैनी तहसील में सामने आये आत्महत्या के दो मामले, दोनों थे युवा

कथित सांप्रदायिक सद्भावना का हवाला और पाबंधी

अधिकारी ने अपनी बात को दोबारा दोहराते हुए कहा, “अगर मुसलमानों को लगता है कि होली के रंग से उनका धर्म ख़तरे में पड़ जाएगा, तो उस दिन वह अपने घर से बाहर क़दम न रखें।”

आगे कहा,” और अगर वे घर से बाहर निकलना चाहते हैं, तो उन्हें अपना दिल बड़ा करना चाहिए कि अगर उन पर रंग गिर भी जाए तो वह उसे लेकर कोई आपत्ति न जताए। अगर आप बाज़ार जाते हैं और कोई आपको रंग लगा देता है तो यह सिर्फ इसलिए है क्योंकि कभी-कभी लोग भांग पीकर रंग खेलते हैं, उन्हें पता नहीं होता।”

अधिकारी ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि उनके सुझाव कथित तौर पर सांप्रदायिक सद्भावना और क़ानून-व्यवस्था को बनाये रखने के लिए हैं। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी सांप्रदायिक सद्भावना को बिगाड़ने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ़ सख़्त कार्यवाही की जाएगी।

और यहां अधिकारी अपनी कही बातों में खुद ही फंसते चले गए। जहां वे सिर्फ़ एक समुदाय की भावना व उल्लास को देख रहे हैं व अन्य समुदाय के पर्व व उम्मीदों को नकारते हुए उन्हें बाध्य कर रहे हैं, अपने घरों में रहने के लिए।

विपक्षी पार्टियों ने की बयान की आलोचना

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुरेंद्र विक्रम सिंह ने संभल अधिकारी के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा, अधिकारी बस “वही कह रहे हैं जो वह मुख्यमंत्री से सुनते हैं ताकि उनके साथ उनका अच्छा व्यव्हार बना रहे।”

उन्होंने अधिकारी के खिलाफ़ सख़्त कार्यवाही की मांग करते हुए कहा कि वह “अपना पक्षपाती व्यवहार दिखा रहे थे। यह निंदनीय है, और अधिकारियों को बीजेपी के एजेंट के रूप में काम नहीं करना चाहिए।”

यूपी कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष मनीष हिंदवी ने भी अधिकारी के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि, “कोई भी अधिकारी, चाहें वह कोई भी हो, उसका धर्मनिरपेक्ष होना ज़रूरी है ; तभी इस देश से सही तरह से शासन चल सकता है। नहीं तो यह सिर्फ़ अराजकता का कारण बनेगा।”

आगे कहा कि “अगर किसी विशेष धर्म के लोगों ने रंग खेलने को लेकर असहजता जताई है, तो यह अधिकारी का कर्त्वय है कि वह यह सुनिश्चित करें कि वहां डर या असुरक्षा का माहौल न हो।”

उन्होंने दबाव डालते हुए कहा कि, “ऐसा इंतज़ाम होना चाहिए जहां शांति से होली भी मनाई जा सके और नमाज़ भी अदा की जा सके।”

आगे कहा कि अधिकारी द्वारा दिया गया बयान, एक राजनीतिक बयान है। “जो लोग वोट की राजनीति करते हैं, वे ऐसे बयान देते हैं। एक अधिकारी के रूप में, वह इस तरह के बयान नहीं दे सकतें; नहीं तो वे कल यह भी कह सकते हैं कि वे सिर्फ़ हिंदुओं की सुरक्षा करेंगे, मुसलमानों की नहीं। इस पुलिस अधिकारी का बयान बहुत निंदनीय है। मुझे लगता है कि उनके खिलाफ़ अधिकारियों के आचार संहिता के अनुसार कार्यवाही की जानी चाहिए।”

 

‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’

If you want to support  our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our  premium product KL Hatke

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *