खबर लहरिया Blog 2 साल से खराब पड़ा हैंडपंप, कैसे हो पानी की पूर्ती

2 साल से खराब पड़ा हैंडपंप, कैसे हो पानी की पूर्ती

2 साल से खराब पड़ा  सरकारी हैंडपंप , कैसे हो पानी की पूर्ती 

जैसा की पता ही होगा आज के समय में दिन पर दिन स्तर तेजी से कम कम हो रहा है चाहे वो बात करे सहर  ग्रामीण इलाको इलाको की इसी वजह से हैंडपंपों ने या तो पानी देना कम कर दिया है या तो पूरा तरह से सुख गया है और इस समय तो बुंदेलखंड के कई इलाको में पानी की समस्या से जूझ रहे है ग्रामीण यहाँ तक की हर मौसम में पानी की समस्या बनी रहती है लेकिन मई जून यानी जब गर्मी ज़्यादा बढ़ जाती है तो बहुत ही परेशानी से लोग जूझ रहे होते है !

कई इलाको में सरकारी जलबोर्ड के तरफ से सरकार दद्वारा टैंकर भी भेजवाये जाते है लेकिन लोगों को पूर्ति नहीं हो पाती है   क्यूंकि  या तो  गाँव की जनसँख्या बढ़ी होती है या तो पानी की आवश्यता ज़्यादा होती इस अनुसार लोगो को पानी की किल्ल्त पूरी नहीं हो पाती है टैंकरों से जलापूर्ति की जाने के बावजूद भी ग्रामीणों को आवश्यकता अनुसार पानी नहीं मिल पाता है !


जिला ललितपुर ,ब्लाक महरौनी गाँव छायन,मुहल्ला राजा स्टेन्ड| इस मोहल्ले के सरकारी हैंडपंप 2 साल से खराब है,जिसके कारण लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है|  ऐसे में ग्रामवासियों को दूर तक पानी लेने जाना पड़ रहा है 

 ग्रामीणों ने मिलकर कई बार ग्राम प्रधान से लेकर एसडीएम तक को ज्ञापन दे कर पेयजल समस्या का समाधान करने की मांग की है.

इस क्षेत्र के  गाँव छायन,मुहल्ला  में लोग सिंचाई के साथ, साथ पिने के पानी की समस्या  से झुज रहे है गर्मी की सीजन शुरू होते ही बुंदेलखंड के ग्रामीण इलाके में पानी पिने के लिए इलाको में  हाहाकार मच जाता है सभी लोग पिने के पानी के लिए लोग जगह जगह ढूंढते फिरते नजर आने लगते है चाहे वो बच्चे हो या बूढ़े यहाँ तक की बच्चे की स्कूल तक नहीं जा पाते है पानी के वजह से कारण ये है की जब पानी लेने दूर जाते है वही इतना समय लग जाता है और उनका स्कूल का समय निकल जाता है फिर उनका पढ़ाई का असर उनके भविष्य पर पड़ता है.

यही बात करे महिलाओ की तो महिलाये भी पुरे दिन पानी भरती नजर आती है वो भी अपने घर के बच्चों को छोड़ कर और अपने अन्य काम छोड़ कर पानी भरती रहती है यही कहना है की  गाँव छायन, की महिलाओं का की हम ज़्यादातर पानी की ही तलाश में रहते है क्या करे पानी के बिना जीवन अधूरा है पानी से ही हर काम करना पड़ता है  

 लोगों का कहना है कि हमारे मोहल्ला में दो ही हैंडपंप है सरकारी एक चालू है पर उसमें फर्श नहीं है और एक खराब है| जिन लोगों के घरों में खुद के हैंडपंप लगे हैं उन्हें कोई दिक्कत नहीं है| पर उन लोगों के पास इतना पैसा नहीं है कि घर में खुद का हैंडपंप लगवा सकें, वह तो उन्ही सरकारी हैंडपंपो के सहारे रहते हैं| पानी भरने के लिए रोड पर पहले एक हेडपंप सुधारा गया     था और पास था तो पानी भरने में कोई दिक्कत नहीं थी अब वह खराब हो गया है तो उन लोगों को कम से कम 1 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है पानी भरने के लिए जिससे काफी नुकसान होता है और उसमें भी फर्श नहीं है| एक बार पानी भर के जाते हैं, तो एक घंटा का समय लगता है| इस कारण कभी-कभी तो टाइम पर मजदूरी के लिए भी नहीं जा पाते हैं| क्योंकि हमारा आधा दिन पानी भरने में ही चला जाता है कई बार हैंडपंप सुधराने के लिए ज्ञापन दे चुके हैं पर कोई नहीं सुनती जिससे तीन सौ परिवार पानी कि इस समस्या से जुझ रहे हैं, कारवाई के नाम पर सिर्फ भरोशा देते है !

अभी तो फिलहाल कम दिक्कत है गर्मियों में सबसे ज्यादा दिक्कत आती है क्योंकि जो भी लोग निकलते हैं यहां से वह पानी ढूंढते हैं और मेन हाईवे पर यही हैंडपंप है, जो खराब है| इस लिए चाहते हैं कि गर्मियों तक सुधर जाए अगर नहीं सुधर रहा तो यहां दूसरा हैंडपंप लगाया जाए| जिससे आने जाने वाले लोगों की समस्या दूर हो सकती है| लोगों ने कई बार ब्लॉक प्रमुख से भी कहा कि यह हैंडपंप चालू करवा दिया जाए क्योंकि ब्लाक प्रमुख रोज वहीं से निकलते हैं और गांव कि इस समस्या को देखते हैं पर उन्हें भी कोई सुनवाई नहीं है|

राकेश कुमार रावत प्रधान का कहना है कि हैंडपंप 2 साल से नहीं है खराब अभी खराब हुआ है| कई बार वह उस हैंडपंप को सुधरा चुके हैं| पर सामान पुराना होने के कारण जल्दी जल्दी खराब हो जाता है| इस जगह के लिए दुसरे हैंडपंप कि मांग कि है| कोशिश कर रहे हैं कि लोगों कि समस्याएं जल्दी निपट जाएं|

देवेंद्र कुमार परमार ब्लाक प्रमुख महरौनी का कहना है कि अभी तक उनके संज्ञान में नहीं आया वह मामला न ही गांव के लोगों ने बताया अगर ऐसा है,तो इसकी जांच करवा कर हैंडपंप सुधराएं और अगर नहीं सुधरा तो नया लगवाएं गे|

 

-रिपोर्टर सुषमा