खबर लहरिया Blog साल 2022 तक सबको आवास देने का किया था वादा फिर भी ग्रामीण आवास के लाभ से वंचित

साल 2022 तक सबको आवास देने का किया था वादा फिर भी ग्रामीण आवास के लाभ से वंचित

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत सभी को साल 2022 तक आवास देने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक सभी ग्रामीणों को आवास नहीं मिले हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत साल 2015 में हुई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य हर घर को छत देना था जिससे की गरीब और असहाय परिवारों के सिर पर भी छत हो सके। वह लोग झुग्गी झोपड़ी वा कच्चे टूटे-फूटे घरों से मुक्त हो सकें। सरकार द्वारा किये गए वादे के अनुसार इस योजना का लक्ष्य साल 2022 में पूरा होने वाला है पर आज भी बहुत से गरीब परिवार ऐसे हैं जो इस योजना से वंचित है। ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत से लोग झुग्गी झोपड़ी और पन्नी डालकर रहने के लिए मजबूर हैं। उनके पास एक बिस्वा जमीन भी नहीं है सिर्फ मजदूरी ही उनका सहारा है जिसके चलते वह लोग पेट पालन तो कर पाते हैं लेकिन घर बनवाने के लिए पैसों का जुगाड़ नहीं कर पाते।

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आवास के लिए मांग करते ग्रामीण

हमने अपनी रिपोर्टिंग के दौरान पाया कि चित्रकूट जिले के नरैनी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कटरा कालिंजर में रहने वाले बहुत से गरीब परिवारों के बारिश के कारण घर गिर गयें। उन्हें आवास भी नहीं मिला है। लोगों ने बताया कि उनके यहां लगभग 25 सौ वोटर हैं। जिनमें से सैकड़ों लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है जबकि वह पात्र लोग हैं। इसके बावजूद भी वह कच्चे और टूटे घरों में रहने के लिए मजबूर हैं।

कटरा गांव की रहने वाली महिला संपत और सुधा बताती हैं कि वह बिल्कुल भूमिहीन है। उसके पास रहने के लिए जो कच्चा घर बना हुआ था वह भी टूटा-फूटा है। वह भी बारिश में बुरी तरह गिर गया है। जिसमें वह किसी तरह से गुज़ारा कर रही हैं। उनके यहां की जो ज़मीन है वह भी उपजाऊ नहीं है। वह किसी के यहां कटाई-बिनाई का काम करके अपना भरण-पोषण करती हैं। बच्चे रोज़गार की तलाश में परदेस चले जाते हैं और वहां से कमा कर लाते हैं। उन्होंने कई बार प्रधान से प्रधानमंत्री आवास की मांग की ताकि उन्हें भी सिर ढकने के लिए छत मिल जाए लेकिन अभी तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उनके ग्राम पंचायत के प्रधान को कहो तो वह सिर्फ आश्वाशन देते हैं। वह आरोप लगाते हुए कहती हैं जिन्होंने प्रधान को पैसे दिए हैं उन्हें ही आवास मिला है। वह कहती हैं कि उन्हें नहीं पता कि जो इस बार दूसरा प्रधान बना है वह उनकी बात सुनता है या नहीं।

इसी तरह महुआ ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत शिवहद के उमेश और राजरानी बताते है कि वह लोग आवास न मिलने की वजह से किसी तरह से झोपड़ी में रह रहे हैं। न तो उनके पास आवास है और न ही शौचालय। राजरानी कहती हैं कि उनके पति दिव्यांग है इसलिए कमा भी नहीं पाते। 5 लोगों का परिवार है। वह कहती हैं कि जब पूरा दिन काम करते हैं तब जाकर शाम का भोजन हो पाता है। अगर उन्हें बराबर काम मिले तो वह एक बार को कुछ बचत कर घर बनवाने का भी सोचें। उन्होंने राशन कार्ड के लिए भी कई बार आवेदन किया, पैसे भी लगाए लेकिन कुछ नहीं हुआ। उनका नाम खाद्य सूची में तो है पर राशन कार्ड ही नहीं है।

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सबको आवास दिलाने की रहेगी कोशिश – प्रधान

कटरा गाँव के प्रधान राजेन्द्र कुमार का कहना है कि वह अभी जीत कर आये हैं। वह पूरी कोशिश करेंगे कि जो लोग आवास के पात्र हैं उन्हें आवास दिया जाए। जो भी आवास ब्लॉक स्तर से आएंगे वह पात्र लोगों को ही दिए जाएंगे। उनकी कोशिश रहेगी की कोई भी पात्र लोग न छूटे।

सर्वे सूची के अनुसार दिए जाएंगे आवास – बीडियो

नरैनी के बीडियो मनोज कुमार सिंह का कहना है कि नरैनी ब्लॉक के अंतर्गत 82 ग्राम पंचायते हैं। सभी ग्राम पंचायतों को मिलाकर लगभग 31 सौ से ऊपर आवास दिए जा चुके हैं। इनमें से ज़्यादातर आवास पूरे भी हो गए हैं कुछ अधुरे हैं, उन्हें पूरे कराने की कोशिश की जा रही है। जो पात्र लोग रह गये हैं, जिनका नाम सर्वे सूची में है उन्हें दिए जाएंगे।

इस खबर की रिपोर्टिंग गीता देवी द्वारा की गयी है। 

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