खबर लहरिया Blog यूपी के गोंडा में 3 बहनों पर सोते समय हुआ एसिड अटैक

यूपी के गोंडा में 3 बहनों पर सोते समय हुआ एसिड अटैक

एसिड अटैक से जुड़ा एक नया केस लगभग हर दिन सुनने या देखने को मिलता है। कभी किसी के ऊपर शादी का प्रस्ताव न मनाने पर एसिड फेंक दिया जाता है, तो कभी किसी को रंजिश के चलते शिकार बनाया जाता है। एसिड हमले के बाद पीड़ित (चाहें वो महिला हो या पुरुष) के निजी, सामाजिक और आर्थिक जीवन पर इसका बेहद बुरा प्रभाव पड़ता है। देश में एसिड की बिक्री को लेकर कानून तो बनें लेकिन उन्हें जमीनी स्तर पर नहीं उतरा जा सका। 

यूपी के गोंडा जिले में तीन बहनों पर एसिड अटैक की बड़ी घटना सामने आई है। इस घटना को  उस वक्त अंजाम दिया गया, जब तीनों बहनें देर रात घर में सो रही थीं। तीनों लड़कियां नाबालिग हैं। उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने इस मामले की शिकायत मिलते ही आईपीसी की धारा 326ए के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। पुलिस ने देर शाम एक मुठभेड़ में आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया।फिलहाल अभी घटना के पीछे की वजहों का नहीं पता चल सका है।

 ये है पूरी घटना

थाना परसपुर क्षेत्र के पसका गांव में रहने वाले दलित गुरई की बड़ी बेटी खुशबू (17 वर्ष), मंझली बेटी कोमल (12 वर्ष) व छोटी बेटी आंचल (8 वर्ष) 12 अक्टूबर दिन सोमवार रात अपने घर में सो रही थीं। तभी देर रात कुछ लोग छत पर चढ़ आए और खुशबू पर एसिड फेंक दिया। जिससे वह झुलस गई।

एसिड से झुलसी बेटियां शोर मचाते हुए नीचे भागीं। जब तक मामला पिता गुरई की समझ में आता बेटियां दौड़कर उनसे चिपक गईं और एसिड की जलन से तड़पने लगीं। एसिड की चपेट में आने से कोमल व आंचल भी गंभीर रूप से झुलस गईं थीं। एसिड के प्रभाव से पिता की बनियान भी जल गई। तीनों बेटियों को फौरन जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

ऐसा बताया जा रहा है कि बड़ी बेटी खुशबू को ही लक्ष्य बनाकर एसिड फेंका गया था, क्योंकि वह बुरी तरह से झुलसी है। घटना के बाद मंगलवार सुबह गुरई के घर के पीछे पुलिस को बांस की एक बल्ली मिली है। आशंका है कि एसिड फेंकने के आरोपी इसी बल्ली के सहारे घर की पहली मंजिल तक पहुंचे होंगे। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं की बारीकी से पड़ताल कर रही है। 

पिता ने कहा किसी से नहीं थी कोई रंजिश

पीड़ित पिता का कहना है कि घटना के बाद उन्हें लगा कि शायद सिलिंडर की आग में बेटियां झुलस गई हैं। लेकिन बाद में पता चला कि किसी अज्ञात शख्स ने तेजाब से हमला किया है। पिता का कहना है, ‘जब तेजाब पड़ा तो बेटी चिल्लाई। आवाज सुनकर मैंने दरवाजा खोला तो हमारी बेटियां तड़प रही थी। पीड़ित पिता का यह भी कहना है कि उन्हें किसी पर शक नहीं है। आज तक गांव में किसी से रंजिश नहीं रही है।

एनकाउंटर में आरोपी गिरफ्तार

गोंडा के अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र कुमार ने बताया कि एसिड कांड का आरोपी आशीष मंगलवार की देर शाम एक मुठभेड़ के दौरान पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस घटना के बाद से ही उसकी तलाश कर रही थी। इसी दौरान आशीष के बाइक पर करनैलगंज हुजूरपुर रोड की तरफ जाने की सूचना मिली। पुलिस ने उसका पीछा किया। उसे रुकने के लिए कहा, लेकिन उसने फायरिंग शुरु कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलीबारी की। जिसमें आशीष घायल हो गया और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके कब्जे से एक बाइक और तमंचा बरामद किया गया है।

रानी लक्ष्मीबाई सम्मान कोष से मिलेगी मदद 

डीएम डॉ. नितिन बंसल का कहना है कि तीनों बेटियां खतरे से बाहर हैं और अधिकारियों की निगरानी में उनका इलाज कराया जा रहा है। पीड़ित परिवार को रानी लक्ष्मीबाई सम्मान कोष से आर्थिक मदद की संस्तुति भेजी गई है। जल्द ही सहायता दिलाई जाएगी।

सख़्त कानून के बावजूद क्यों नहीं रुक रहे एसिड अटैक?

देश में एसिड की बिक्री को लेकर नए कानून आने के बावजूद जमीनी स्तर पर हालातों में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिला है। देश में एसिड बिक्री को लेकर जो कानून हैं, उन्हे सख्ती के साथ जमीन पर उतारा जाना बेहद जरूरी है।

आईपीसी की धारा 326A

आईपीसी की धारा 326A के अनुसार यदि किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति के शरीर पर नुकसान पहुंचाने के इरादे से एसिड फेंका गया है और पीड़ित पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से जख्मी हुआ है, तो यह कृत्य गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आयेगा। इसके तहत दोषी को कम से कम 10 साल की सजा और अधिकतम उम्रकैद के साथ ही जुर्माने साथ दंडित किए जाने का प्रावधान है।

इस धारा का संबंध एसिड अटैक के प्रयास से है। इस कानून के मुताबिक किसी व्यक्ति ने अगर किसी दूसरे व्यक्ति पर तेजाब फेंकने का प्रयास किया है तो यह एक संगीन अपराध है। यह अपराध भी गैरजमानती है। इसके लिए दोषी को कम से कम पांच साल तक की सजा हो सकती है। दोषी को जुर्माना भी देना पड़ सकता है।