खबर लहरिया Blog पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई राज्यसभा जाएंगे, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नामित किया

पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई राज्यसभा जाएंगे, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नामित किया

देश के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा के लिए नामित (नाम दिया गया ) किया है. गोगोई के राज्यसभा भेजे जाने के फैसले पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. हालांकि, गोगोई ने कहा था कि वह शपथ लेने के बाद हर सवाल का जवाब देंगे.
आपको बता दें कि 16 मार्च को भारत सरकार की एक अधिसूचना जारी हुई थी जिसमें बताया गया था कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए चुना है.जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा भेजने को लेकर राजनीतिक लोगों के भी सवाल उठने लगे हैं. पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बुधवार को ट्विटर पर लिखा, ‘ रंजन गोगोई कृपया यह भी बताएं कि अपने ही केस में खुद निर्णय क्यों? लिफाफा बंद न्यायिक प्रणाली क्यों? चुनावी बॉन्ड का मसला क्यों नहीं लिया गया? राफेल मामले में क्यों क्लीन चिट दी गई? सीबीआई निदेशक को क्यों हटाया गया?’

 

इससे पहले समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा था कि यही जस्टिस गोगोई ने सीजेआई रहते रिटायरमेंट के बाद पद ग्रहण करने को संस्था पर धब्बा जैसा बताया था और आज खुद ग्रहण कर रहे हैं. हमें इस मामले में कानूनी पहलू पर जाने की जगह पब्लिक परसेप्शन पर ध्यान देना चाहिए. हमें सोचना चाहिए कि इससे ज्यूडिशियल सिस्टम को लेकर जनता में क्या संदेश जा रहा है.
जस्टिस गोगोई 13 महीने के कार्यकाल के बाद पिछले साल नंवबर में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से रिटायर हुए थे. गोगोई अहम मामलों पर फैसला सुनाने के लिए तो याद किये ही जाते हैं, साथ ही नौकरी में रहते हुए एक और मामले में उन्होंने इतिहास बनाया था। उन्होंने तीन जजों के साथ मिलकर मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। ये तीन जज थे- जस्टिस चेलामेश्वर, जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस मदन बी लोकुर। ऐसा शायद भारत में पहली बार हुआ था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार जस्टिस गोगोई ने कहा है, ”संसद में मेरी मौजूदगी न्यायपालिका के पक्ष को रखने के लिए एक मौक़े की तरह होगी. मैंने राज्यसभा की सदस्यता को इसलिए स्वीकार किया क्योंकि राष्ट्रनिर्माण में विधायिका और न्यायपालिका को साथ मिलकर काम करना चाहिए.”