खबर लहरिया Blog मजदूरों को वापस लाने के लिए तेलंगाना से झारखंड के लिए चलाई गई पहली स्पेशल ट्रेन

मजदूरों को वापस लाने के लिए तेलंगाना से झारखंड के लिए चलाई गई पहली स्पेशल ट्रेन

मजदूरों को वापस लाने के लिए तेलंगाना से झारखंड के लिए चलाई गई पहली स्पेशल ट्रेन :लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए लाखों मजदूरों को घर लाने का काम शुरू हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की इजाजत मिलने के बाद अलग-अलग सरकारें अपने राज्य के मजदूरों को वापस लाने में जुटी हैं। तेलंगाना के लिंगमपेल्ली में फंसे मजदूरों को लाने के लिए एक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की गई, जो कि आज यानी 1 मई की रात को झारखंड पहुंचेगी। इस ट्रेन में कुल 1200 मजदूर हैं। केंद्र की गाइडलाइन के बाद बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड समेत कई राज्यों ने स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग की थी। क्योंकि मजदूर लाखों की संख्या में बाहर फंसे हैं, ऐसे में उन्हें बसों के जरिए लाना मुश्किल होगा।

केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामले के बीच मार्च में ही यात्री संचालन बंद कर दिया था। लॉक डाउन का एलान होने के साथ ही परिवहन और रेल मंत्रालय ने साफ़ कर दिया था की इसका समय ख़त्म होने तक देश में कोई भी सार्वजानिक वाहन और ट्रेनें नहीं चलेगी। लेकिन, बीच में बाहर इलाको में फसे लोगों को बसों से लाने की इजाजत दे दी थी लेकिन ट्रेने नहीं चलाई गई थी, हालाँकि राज्यों के विरोध के बाद सरकार ने ट्रेन से मजदूरों को लाने ले जाने की व्यवस्था शुरू कर दी है। बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मजदूरों की वापसी के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग को लेकर रेलमंत्री पीयूष गोयल से बात की थी। सीएम ने रेलमंत्री से कहा है कि राज्यों को विशेष ट्रेनों की जरूरत होगी ताकि दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों, प्रवासी मजदूरों को वापस लाया जा सके।

 

 

समाचार पत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार के अनुसार झारखंड के तकरीबन 9 लाख लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं, जिसमे से 6.43 लाख प्रवासी मजदूर हैं और बाकी लोग नौकरी व अन्य काम के वजह से हैं।
बीते दिन दिल्ली, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश ने अपने राज्य के मजदूरों और छात्रों को वापस लाने का काम शुरू कर दिया है। कई जगह स्पेशल बसें भेजी जा रही हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील की है कि मजदूर जहां हैं, वहां ही रुकें जल्दबाजी ना करें, राज्य सरकार की ओर से बसें वहां पर ही भेजी जाएंगी।