31 जुलाई की खबर इस वर्ष किसानों के लिए मनरेगा योजना के तहत पेड़ दिए जा रहे हैं यह पेड़ उन किसानों को दिए जाते हैं जिन किसानों के पास उनकी जमीन का पता होता है ग्राम पंचायत के द्वारा स्टीमेट तैयार की जाती है और फिर किसानों को जितने पौधे लगाने होते हैं उतने पौधे लगा सकते हैं जबकि किसानों को फ्री में पौधे दिए जाते हैं और पेड़ को लगाने के लिए जो गड्ढे करवाए जाते हैं |
उनके लिए मनरेगा योजना की तरह ही ₹190 प्रति मजदूर की मजदूरी दी जाती है उनके द्वारा बताया गया कि अभी तक 32 ग्राम पंचायतों में पौधे पहुंचा दिए गए हैं और हितग्राहियों ने अपने खेतों में पेड़ लगाना चालू कर दिए वहीं किसानों का कहना है कि जो सरकार ने इस वर्ष पेड़ लगाने की सुविधा दी है इसमें सरकार को और किसान दोनों को फायदा है|
क्योंकि वन संपदा नष्ट होते हुए दिखाई दे रही थी और अब जब किसानों के खेतों में पेड़ लगे होते हैं तो किसानों को फल प्राप्त और लकड़ी स्वस्थ हवा प्राप्त होगी वही पेड़ कभी रखरखाव अच्छे से होता रहेगा और पेड़ लगाने की विधि भी खाद्यान्न की विभाग के द्वारा किसानों को बताई जाती है कि किस प्रकार आपको पेड़ लगाना है और समय-समय पर खाद डालना है जिससे पेड़ जल्दी से जल्दी फल देने लगे और उद्यानिकी विभाग के द्वारा बताया गया कि जितने फलदार वृक्ष हैं वह सारे 2 से 3 वर्ष के अंतर्गत में फल देने लगते हैं और जितने पेड़ यहां से दिए जाते है |
उनमें से 75 पर्सेंट पर तैयार हो जाते हैं और 15 परसेंट बाहर से आते आते थे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं खराब हो जाते हैं जबकि सरकारी रेट आम के पेड़ों का ₹50 प्रति पर है लेकिन मनरेगा योजना के तहत फ्री में पेड़ दिए जाते हैं