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कभी हमारी जमीन और घर वापस मिलेगें

सेवा में

मुख्यमंत्री कमलनाथ जी,

मध्य प्रदेश के पन्ना जिला के कुंवरपुर के किसानों की जमीन को लेकर के नाम खुला खत|
मेरा नाम अशोक कुमार दिवेदी है। मैं मुख्यमंत्री जी को अपने गांव वासियों के तरफ से यह खुला ख़त लिख रहा हूं। मेरे गांव कुंवरपुर में 2013-2014 से बांध बनाने का काम किया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा जो मझगाँव माध्यम सिचाई परियोजना के तहत बांध बनवा रही है जो कि मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा बांध है जिसकी लम्बाई 10 किलो मीटर है जो अपने आप में सब से बड़ा बांध है इस बांध को बनानें के लिये गरीब किसानों की जमीन और मकानों को डूब क्षेत्र में दिखा कर कब्जा कर लिया गया है, जिनकी जमीनें और घर सरकार ने लिया है।

उनके रहनें के लिये दूसरी जगह नहीं दी गई है, जिससे लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। आखिर सरकार ऐसा क्यों कर रही है? गरीब जनता को सता कर सरकार क्या हासिल करना चाहती है? लोगों ने कितनी परेशानी से तिनका तिनका जोड़ कर घर बनाये हैं। आज सरकार घरों को डूब में दिखाकर गिरानें को कह रही है आखिर क्यों? कुंवरपुर गांव में लगभग 300 किसान और जनता बेघर होने के कगार में हैं। मैनें इसके लिये कलेक्टर, कमिश्नर, विधायक, सांसद आदि के चक्कर लगाये हैं, पर किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार क्यों ऐसा कर रही है? जिनके पास खाने को दो जून की रोटी नहीं है।

वह अपना घर दुबारा से कैसे बना पाएंगें? एक तरफ केंद्र सरकार लोगों को आवास देने की बात कर रही है, तो दूसरी तरफ लोगों के घर उजाड़ने में लगी है। यह किस तरह का न्याय है? सरकार क्यों बाँध बनाने के लिये हमेशा गरीबों के साथ ही अन्याय करती है? क्या हम लोगों को जमीन का मुआवजा या जमीन हमें वापस मिलेगी? हम तो चाहते हैं की हमारी जमीने और घर हमें मिल जाये मुआवजा मिलने से भी हमे कोई फायदा नहीं होने वाला है| क्या हम दर-दर भटकते रहेंगें, अपने परिवार के साथ। मुख्यमंत्री जी आपको अगर मेरी यह बात समझ में आये, तो जरूर से हमारी जमीन के बारे में सोचिए नहीं, तो सैकड़ों लोग बेमौत मर जायेंगें। अपनी जमीन और घर जाने के चक्कर में।