द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं जो सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला और स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं।
भारत की 15वीं राष्ट्रपति और पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति पद की शपथ ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने उन्हें शपथ दिलाई। बता दें, द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। साथ ही सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला और स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं।
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राष्ट्रपति पद की शपथ के बाद द्रौपदी मुर्मू ने यह कहा
देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने कहा, “मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं। आपकी आत्मीयता, आपका विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि,” मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूं जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है।” आगे कहा, “हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने आजाद हिंदुस्तान के हम नागरिकों से जो अपेक्षाएं की थीं, उनकी पूर्ति के लिए इस अमृतकाल में हमें तेज गति से काम करना है। इन 25 वर्षों में अमृतकाल की सिद्धि का रास्ता दो पटरियों पर आगे बढ़ेगा- सबका प्रयास और सबका कर्तव्य।”
इसके साथ ही उन्होंने कल 26 जुलाई कारगिल विजय दिवस के रूप में भी सबको बधाई दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपनी जीवन यात्रा को किया संबोधित
अमर उजाला की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मैंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गांव से शुरू की थी। मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूं, वहां मेरे लिये प्रारंभिक (शुरूआती) शिक्षा प्राप्त करना भी एक सपने जैसा ही था। लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी।
अपने सफर के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “मैं जनजातीय समाज से हूँ, और वार्ड कौन्सिलर से लेकर भारत की राष्ट्रपति बनने तक का अवसर मुझे मिला है। यह लोकतंत्र की जननी भारतवर्ष की महानता है। ये हमारे लोकतंत्र की ही शक्ति है कि उसमें एक गरीब घर में पैदा हुई बेटी, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी, भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है।”
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राष्ट्रपति पद तक पहुंचना व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं – राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है। ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। मेरे इस निर्वाचन में, पुरानी लीग से हटकर नए रास्तों पर चलने वाले भारत के आज के युवाओं का साहस भी शामिल है। ऐसे प्रगतिशील भारत का नेतृत्व करते हुए आज मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हूँ।
राष्ट्रपति मुर्मू को दी गई 21 तोपों की सलामी
बता दें, राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्राई सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। साथ ही इस दौरान उन्हें 21 तोपों की सलामी भी दी गई।
#WATCH President Droupadi Murmu inspects her first Guard of Honour after taking the oath, at Rashtrapati Bhavan in Delhi pic.twitter.com/T47qfSWHBu
— ANI (@ANI) July 25, 2022
पूर्व राष्ट्रपति भवन से हुए विदा
पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन से विदाई ली। इस दौरान उन्हें ट्राई सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया।
#WATCH दिल्ली: राष्ट्रपति भवन में पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को ट्राई सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। pic.twitter.com/9SznohYkL4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 25, 2022
राष्ट्रपति पद का शपथ लेने के बाद द्रौपदी मुर्मू ने महिलाओं के उत्थान और युवाओं को पूरा सहयोग देने की बात की।
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