खबर लहरिया Blog पन्ना : विद्यालयों में 73 दिनों के लिए किया गया सूखा अनाज वितरण

पन्ना : विद्यालयों में 73 दिनों के लिए किया गया सूखा अनाज वितरण

पन्ना जिले के ब्लॉक अजयगढ़ के विद्यालयों में छात्रों को 73 दिनों तक के लिए सूखा अनाज वितरण किया गया है।

Dried grain distribution in schools

पन्ना जिले के ब्लॉक अजयगढ़ में प्राथमिक और माध्यमिक कक्षा के विद्यार्थियों को सूखा अनाज बांटा गया है। कोरोना की वजह से अधिकतर बच्चे स्कूल नहीं रहे हैं। जिसकी वजह से बीआरसी विभाग द्वारा यह अनाज बच्चों को दिया गया है। यह अनाज 73 दिनों यानी लगभग ढाई महीनो के लिए बच्चों को दिया गया।

जिले में सभी स्कूलों में दिया जा रहा है अनाज – बीआरसी विभाग अधिकारी 

बीआरसी विभाग के अधिकारी मूरत सिंह ने कहा कि बच्चों को सूखा अनाज के रूप में तुअर की दाल और रिफाइंड तेल दिया जा रहा है। इससे पहले बच्चों को गेहूं और चावल दिए जा रहे थे। हर महीने बच्चों के हिसाब से प्राथमिक और माध्यमिक शाला में अलगअलग अनाज दिया जाता था। जब स्कूल खुले हुए थे तो बच्चों को पका हुआ भोजन दिया जाता था। अभी स्कूल खुले नहीं है इसलिए सूखा अनाज दिया जा रहा है। 

प्राथमिक शाला में कक्षा पहली से पांचवी तथा माध्यमिक शाला में छठी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को अनाज दिया जा रहा है। साथ ही जिले के सभी ग्राम पंचायतों के अंदर आने वाले विद्यालयों के बच्चों में सूखा अनाज वितरण करने के लिए कहा गया है। 

बच्चों को दी जाने वाली सामग्री 

Dried grain distribution in schools

कक्षा पहली से पांचवी – 2 किलो तुअर दाल 525 ग्राम रिफाइंड तेल

कक्षा छठी से आठवीं – 3 किलो दाल 775 ग्राम खाने और सब्जी में इस्तेमाल किया जाने वाला तेल। 

प्रधानाचार्य ने कहा- सबको नियम से दिया जाता है आहार 

कुंवरपुर ग्राम पंचायत के प्राथमिक शाला के प्रधानाचार्य केशव प्रसाद के अनुसार विद्यालय में कुल 200 बच्चे हैं। वह कहते हैं कि सभी बच्चों को नियमानुसार अनाज के पैकेट दिए गए हैं। सिर्फ 10 बच्चे बाकी हैं, जिन्हें पैकेट नहीं दिए गए हैं। वो भी सिर्फ इसलिए क्यूंकि वे बच्चें अपने मातापिता के साथ बाहर गए हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब वह बच्चे वापस जाएंगे तो उन्हें सामग्री दे दी जायेगी। 

वह कहते हैं कि अगर वह सामग्री बच्चों के परिवार के किसी सदस्य को देते हैं तो उनके द्वारा उसका इस्तेमाल घर में कर लिया जाता है। जिसके बाद बच्चों द्वारा कहा जाएगा कि उन्हें अनाज नहीं मिला। जिसकी वजह से सूखा अनाज सीधा बच्चों को ही दिया जाता है। वह कहते हैं कि कोरोना की वजह से विद्यालय बंद थे जिसे देखते हुए बच्चों के लिए दाल तेल विभाग द्वारा भेजा गया है। 

जानकारी के लिए बता दें, ,ग्राम पंचायत कुंवरपुर के माध्यमिक शाला के प्रधानचार्य का नाम राम सिंह है। 

छात्र ने कहा,गेहूं और चावल भी मिलना चाहिए 

विद्यालय में छठी कक्षा में पढ़ने वाले अजय अहिरवार का कहना है कि विद्यालय से उन्हें गेहूं और चावल भी मिलना चाहिए। सिर्फ तेल और दाल से तो कुछ नहीं होता। बच्चे के अनुसार, जब वह स्कूल जाता था तब भी कुछ नहीं मिलता था। अब जब मिल रहा है तो आहार पूरा नहीं है। 

बच्चों में सूखा अनाज वितरण करना सही है। लेकिन सिर्फ दाल और तेल को क्या पूर्ण आहार कहा जा सकता है? जैसा की मिड डे मील को कहा जाता है। क्या सिर्फ दाल और तेल से बच्चों को पूर्ण पोषण प्राप्त हो जाएगा?

इस खबर को खबर लहरिया के लिए अनीता शाक्या द्वारा रिपोर्ट किया गया है।