बांदा : दिव्यांगों को अब ट्राइसाइकिल हाथ से नहीं खींचनी होगी। शासन की ओर से ऐसे दिव्यांग जो 80 फीसद से ज्यादा विकलांग हैं उन्हें अब ई-ट्रासाइकिल मिलेगी। जिले में करीब 10586 दिव्यांग हैं। पहले चरण में 30 दिव्यांगों को ई-ट्राइसाइकिल दिए जाने का लक्ष्य है। 30 आवेदन भी विभाग में आ गए हैं। इनका सत्यापन किया जा रहा है। करीब 42 हजार की ई-ट्राइसाइकिल में 25 हजार रुपये सरकार देगी। शेष राशि दिव्यांग जन को खुद लगानी होगी।
42 हजार रुपये की लागत की मोटर ट्राइसाइकिल
शासन अभी तक दिव्यांगों को हाथ ट्राइसाइकिल व अन्य उपकरण मदद स्वरूप देती रही है। पहली बार में ऐसे दिव्यांगों को लाभ मिलेगा जो 80 फीसद से ज्यादा दिव्यांग हैं। दिव्यांग जन सशक्तीकरण विभाग में बांदा में 10586 दिव्यांग दर्ज हैं। इनमें करीब 150 से ज्यादा ऐसे दिव्यांग है जो 80 फीसद से ज्यादा की अपंगता रखते हैं।
शासन की नई योजना में सिर्फ पैरों से दिव्यांगों को ही चयनित किया जाना है। पहले चरण में प्रत्येक जिले में 30-30 दिव्यांगों को योजना का लाभ दिया जाना है। इसके लिए आवेदन मांगे गए हैं। 30-30 दिव्यांगों ने प्रमाण पत्र के साथ विभाग में आवेदन भी जमा कर दिया है। इनका जिला स्तरीय समिति में शामिल अधिकारी सत्यापन कर रहे हैं। सत्यापन के बाद इन्हें 42 हजार रुपये की लागत की मोटर ट्राइसाइकिल उपलब्ध कराई जाएगी।
जिला दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी ने दी जानकारी
बांदा जिले के जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी बी.के. सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में कुल 10586 दिव्यांगजन हैं। कुल 10400 लोगों को पेंशन मिल रही है जिसमें 2396 महिला दिव्यांग और 8004 पुरुष दिव्यांग है। ई-ट्राइसाइकिल का देने का लक्ष्य कुल 30 है जो कि अब तक 30 आवेदन आ चुके हैं। शासन से दी जा रही ई-ट्राइसाइकिल 80 फीसद या इससे ज्यादा विकलांगता रखने वाले दिव्यांगों को मिल रही है। इससे उन्हें काफी राहत मिलेगी। सत्यापन के बाद ई-ट्राइसाइकिल वितरण की प्रक्रिया जल्दी ही शुरू कर दी जाएगी।