खबर लहरिया क्राइम बांदा : बढ़ते महिला उत्पीड़न को लेकर विकलांग पार्टी ने किया प्रदर्शन

बांदा : बढ़ते महिला उत्पीड़न को लेकर विकलांग पार्टी ने किया प्रदर्शन

यूपी के जिला बांदा में राष्ट्रीय विकलांग पार्टी ने महिला उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं पर चिंता ज़ाहिर करते हुए 28 नवंबर शनिवार को अशोकलाट, कचहरी के मंडल मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की शुरुआत विकास भवन से बाइक रैली के साथ कि गयी और डीएम ऑफिस पर खत्म की गई। बांदा यूनिट के विकलांग पार्टी के जिला अध्यक्ष राज बहादुर के नेतृत्व में डिप्टी कलेक्टर महेंद्र कुमार को ज्ञापन दिया गया, जिसमें मुख्यमंत्री का भी संबोधन था। हालांकि, ज्ञापन जिला अधिकारी आनंद शर्मा द्वारा लिया जाना था क्योंकि वह अनुपस्थित थे जिसकी वजह से ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर द्वारा लिया गया।

ज्ञापन में की गयी इन चीजों की मांग

Disabled party demonstrated against increasing female harassment

????ज्ञापन में कहा गया कि प्रदेश में जो महिला उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही हैं,उसमें दिव्यांग बहनबेटियां भी अछूती नहीं है। इसलिए इन घटनाओं को रोकने के लिए गली मोहल्लों में सामाजिक न्याय कमेटी का गठन किया जाना चाहिए। 

????दिव्यांग महिलाओं को ज़्यादा तवज्जों  दिया जाए।

????महिला उत्पीड़न की शिकायतों को प्राथमिकता देते हुए उनकी रिपोर्ट दर्ज़ की जाए। 

????मुकदमे का फैसला 90 दिन में करने का कानून बनाया जाए।

????गरीब दिव्यांग महिलाओं के उत्पीड़न में पैरवी के लिए आर्थिक मदद के रूप में 5 लाख रुपये दिए जाएं।

????रिपोर्ट दर्ज़ ना करने वाले पुलिसकर्मियों को उनके पदों से  बर्ख़ास्त किया जाए।

प्रदर्शन में यह लोग रहें शामिल

Disabled party demonstrated against increasing female harassment

प्रदर्शन में बुंदेलखंड प्रभारी श्यामबाबू त्रिपाठी, मंडल अध्यक्ष कमल शिवहरे, जिलाध्यक्ष राजबहादुर कुशवाहा सहित अन्य लोग जैसे संतोष कुमार अकेला, आशीष गुप्ता, हजरत अली, अर्जुन सिंह पटेल, अमित निगम, कैश बाबू, कल्लू प्रजापति, गेंदालाल, संतराम, अनवर खां आदि शामिल रहे।

यूपी में बढ़ते महिला हिंसा के आंकड़े

स्क्रॉल इन की 11 अक्टूबर 2020 की रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले चार सालों में यूपी में महिलाओं के साथ होती घटनाओं में 66.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हर दिन 164 की औसत से यूपी में महिलाओं के साथ हिंसा की जाती है।

एनसीआरबी की 2019 की रिपोर्ट में बताया गया कि छोटी लड़कियों के प्रति होने वाली हिंसा में भी यूपी का क्राइम रेट सबसे ज़्यादा है। 7,444 मामलें 2019 में पोस्को एक्ट के तहत सामने आए थें। यहां तक की इस साल 2020 में यूपी को महिलाओं के रहने के लिए सबसे असुरक्षित राज्य भी घोषित कर दिया गया है।

ज्ञापन के मामले में जिला अधिकारी द्वारा लोगों को यह आश्वासन दिया गया  कि उनके ज्ञापन को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दिया जाएगा। लेकिन सवाल यही है कि अगर ज्ञापन मुख्यमंत्री तक पहुंच भी जाता है तो लोगों द्वारा की हुई मांगे कब तक पूरी की जाएंगी? राज्य में हर दिन महिलाओं के साथ कोई ना कोई घटना होती ही रहती है। क्या ज्ञापन की मांग से इनमें कमी आएगी?