खबर लहरिया Blog गाँव के दबंग ने किया दलित नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार

गाँव के दबंग ने किया दलित नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार

महोबा जिले के एक गाँव में दबंग व्यक्ति ने दलित नाबालिग़ बच्ची के साथ किया बलात्कार।

                                                              साभार – Feminism In India

महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसाओं का अब पैमाना तय कर पाना भी मुश्किल हो गया है। महोबा जिले के कोतवाली कुलपहाड़ में 18 अक्टूबर को दलित नाबालिग लड़की से बलात्कार का मामला सामने आया। यूँ तो प्रदेश में इस समय महिला शक्ति जैसी बहुत-सी योजनाएं चल रही हैं। इसके बावजूद भी प्रदेश में क्राइम और बलात्कार के मामलों में कोई कमी नहीं देखी गयी है।

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अकेले देखकर उठाया फायदा – पीड़िता की माँ

मामला महोबा जिले के कुलपहाड़ कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का है। दलित नाबालिग बच्ची की उम्र 12 वर्ष है। जानकारी के अनुसार गाँव के दबंग व्यक्ति यानी आरोपी कल्लू द्वारा बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया।

पीड़िता की माँ ने बताया कि वह खेत में काम करने के लिए गयी हुई थी। घर में उसकी बेटी का अकेले होने का फायदा उठाकर आरोपी कल्लू ने उसकी बेटी के साथ ज़बरदस्ती की। जब वह घर आईं तो उन्होंने आरोपी कल्लू का मौकाए वारदात पर देखा लेकिन आरोपी कल्लू परिवार को जान से मारने की धमकी देकर मौके से भाग गया।

चोट का बहाना लगाकर आरोपी का भाई बच्ची को ले जा रहा था अस्पताल

पीड़िता के बाबा बताते हैं कि जब वह दोपहर को अपने घर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि आरोपी कल्लू का भाई उनकी बेटी को लेकर जा रहा था। बच्ची की हालत बहुत गंभीर दिखाई दे रही थी। जब बच्ची के बाबा ने आरोपी कल्लू के भाई से पूछा कि क्या हुआ है तो उसने बताया कि वह गिर गयी थी। उसे बहुत चोट आई थी इसलिए वह उसे अस्पताल लेकर जा रहा है।

पहले वह बच्ची को गाँव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले गए फिर बच्ची को महोबा के लिए रिफर कर दिया गया। जब वह महोबा जिले के अस्पताल में ले गए तो वहां से उन्हें फिर झांसी के लिए रिफ़र कर दिया गया। पीड़िता के पिता कहते हैं की बलात्कार की घटना दोपहर 2 :30 बजे के करीब की है। वह कहते हैं कि वह घर पहुंचे तो उन्होंने देखा की चारपाई खून से भरी हुई थी। उन्हें समझ नहीं आया कि आखिर हुआ क्या है।

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डॉक्टरों ने बताया रेप के बारे में

झांसी अस्पातल में भर्ती कराने के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि मामला बलात्कार का है। जब बच्ची को होश आया तो बच्ची ने पूरी घटना के बारे में बताया। इसके बाद बच्ची के पिता ने मामले को लेकर 20 अक्टूबर को कुलपहाड़ कोतवाली में लिखित दरख़ास्त दी। ( घटना के समय बच्ची के पिता काम से राज्य से बाहर थे। ) इस समय भी बच्ची की हालत में कोई सुधार नहीं है।

आरोपी को भेजा गया जेल

महोबा कोतवाली पुलिस द्वारा तहरीर के आधार पर आरोपी कल्लू के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर उसे गिरफ़्तार कर लिया गया है। पीड़िता का चिकित्सीय परीक्षण कर मामले की जांच की जा रही है। पुलिस ने बताया कि 22 अक्टूबर को आरोपी कल्लू को जेल भेजा गया था। आरोपी पर 376 पोस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज़ किया गया है।

एनसीआरबी की रिपोर्ट

हिंदुस्तान टाइम्स की 15 सितंबर 2021 की प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया कि एनसीआरबी का डाटा कहता है कि उत्तर प्रदेश में साल 2020 में 2,630 नाबलिग बच्चियों के साथ हुए रेप के मामले दर्ज़ किये गए थे।

पुलिस ने बताया कि बच्चों के साथ होने वाले क्राइम और रेप के मामले ज़्यादातर रिश्तेदार और जानने वाले लोगों द्वारा किये गए थे। पुलिस डिपार्टमेंट के सीनियर ऑफिसर कहते हैं कि, “बच्चे सबसे ज़्यादा असुरक्षित अपने खुद के घरों में हैं। एनसीआरबी के डाटा के अनुसार, 3,189 नाबालिग बच्चों का रेप उनके जानने वालों ने किया था। यह कानून व्यवस्था की समस्या नहीं है बल्कि यह सामाजिक समस्या है।”

सरकार ने बताया कि दिसम्बर 2019 तक बलात्कार और पोस्को एक्ट से जुड़े कुल 2.4 लाख मामले ( पूरे देश के) अदालत में लंबित पड़े हुए हैं – इण्डिया टुडे की 5 मार्च 2020 की रिपोर्ट

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देश की अदालतों में लाखों बलात्कार के मामले सालों से लंबित पड़े हुए हैं। उनकी संख्या कम नहीं हो रही बल्कि वक़्त के साथ बढ़ती जा रही है। ऐसे में आम जनता प्रशासन की बातों पर क्यों विश्वास करें जो यह कहती है कि, ‘बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले लोगों को सज़ा मिलेगी’, ‘ उनके लिए सुरक्षित समाज बनाया जाएगा’। ये मामले तो वह हैं जो अदालत की चौखट पर पहुँच अपना नाम दर्ज़ करा पाए हैं। वहीं लाखों घटनाएं आज भी बेनाम है जिन्हें कोई जानता तक नहीं। सरकार का आखिर वह सुरक्षित समाज कहां है ? कहां है महिला हिंसाओं के खिलाफ काम करने वाली योजनाएं? कहां हैं वे नेता और अधिकारी जो महिलाओं की सुरक्षा का वादा करते हैं?

इस खबर की रिपोर्टिंग श्यामकली द्वारा की गयी है। 

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