खबर लहरिया Blog गुन्ता बांध में डूबी किसानों की खेती, 25 साल से नहीं उगा पाए फसल

गुन्ता बांध में डूबी किसानों की खेती, 25 साल से नहीं उगा पाए फसल

Cultivation of farmers immersed in Gunta Dam,

जिला चित्रकूट, ब्लाक रामनगर, गांव बेलरी। यहाँ 25 साल से लगभग सौ किसानो की खेती बांध के पानी में डूबी पड़ी है, जिससे एक भी सीजन में किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं। आरोप है कि पूरा 12 महीना खेतों में पानी भरा रहता है। इसका कारण है 25 साल पहले बना गुन्ता बांध। जिसकी समस्या से लोग उबर नहीं पा रहे हैं।

कामता प्रसाद और हुबलाल का कहना है कि हमारा छह बीघा खेत तीन महीना से पानी में डूबा है। हम लोगों के घर में अनाज नही होता है। बरसात के सीजन में घर तक पानी भर जाता है पर कोई सुनने वाला नही है। हम सब गरीब किसान कई बार लिखित और कर्वी मे धरना प्रदर्शन भी कर चके हैं पर कुछ भी सुनवाई नही होती है।

25 साल से बाढ़ में डूब जाते हैं खेत, पर मुवावजा कभी नही मिला

Cultivation of farmers immersed in Gunta Dam,

बेलरी गाँव के किसान मंगल प्रसाद और सुकरू की तीन बीघा खेती तो नत्थू प्रसाद की दो बीघा, महाबली की चार बीघा और चुनका की भी तीन बीघा जमीन बाँध के पानी में डूबी हुई है। इन किसानों का कहना है कि इस साल दोनों सीजन की फसल नही हो पाई। हम कहाँ तक और कैसे अपना जीवन-यापन करें। 

दुर्गा का कहना है कि जब गाँव पूरा डूब जाता है तो स्कूल में कितने लोग समायें। ज्यादा से ज्यादा दस घर के लोग समा पाते हैं, वहां भी टीचर सिर्फ बच्चों को ही रहने देते हैं। जब से गुन्ता बांध बना तभी से खेत डूबा हुआ है। पर कभी मुआवजा नही मिला। इस बार सोचा था बाजरा बो देते हैं शायद कुछ निकल जाये, पर वह भी डूब गया है। हम गरीब किसानों की कोई नहीं सुनता। या तो हम लोगो को हर वर्ष मुआवजा मिले या तो इसके बदले में कहीं जमीन दिया जाये। ताकि, हम किसानों को इस तरह से समस्या न झेलना पड़े।

किसानी से ही चलता है घर का खर्चा

नत्थू प्रसाद ने बताया कि किसानी करके हम अपने घर का खर्चा चलाते हैं। खेती में जो होता था उसे बेचकर नमक, तेल, साबून खरीदते हैं। इसी खेती से हम अपने बच्चों की पढाई-लिखाई कराते हैं। यहाँ तक की खेती के सहारे ही हम लोग अपने बच्चों की शादी करते हैं। पर खेत में कुछ न होने की वजह से सब शून्य है। सारे रास्ते बंद हो गये हैं।

Cultivation of farmers immersed in Gunta Dam,

जब इस मामले में बेलरी गांव के लेखपाल अरबाज से बात की गई तो उनका कहना है कि वहां पिछली बार ओलावृष्टि का पैसा बांटा गया है। गुन्ता बांध का जब फाटक खोला जाता है तो जिन किसानो के खेत डूब जाते हैं, सर्वे के हिसाब से उनको पैसा भी मिलता है।