खबर लहरिया Blog Covid-19: हद से ज्यादा ‘काढ़ा’ ना लें, सेहत के लिए हो सकता है नुकसानदेह

Covid-19: हद से ज्यादा ‘काढ़ा’ ना लें, सेहत के लिए हो सकता है नुकसानदेह

ज्यादा काढ़ा पीना कई तरह की दवा लेने वालों और गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकता है

कोरोना (Coronavirus) महामारी की शुरुआत से ही भाप लेने की आदत बेइंतहां बढ़ गई, साथ ही काढ़ा पीने जैसे घरेलू नुस्खों की बाढ़ सी आ गई है. हालांकि, अधिक मात्रा में काढ़ा पीने या भाप लेने के चलते लोगों को कई साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ा है. घरेलू नुस्खों से कोविड-19 के इलाज वाली बात को सच मान लेने से भी कई लोगों को गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा है.

TOI की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, काढ़ा ज्यादा पीने से मरीजों में कब्ज जैसी समस्याएं सामने आई हैं. ये समस्या ज्यादा काढ़ा पीने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों या संक्रमण के प्रति ज्यादातर संवेदनशील मरीजों में देखी गई है.

पुणे की ‘हीलिंग हैंड्स’ लैब ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 10 अप्रैल से 20 मई के बीच 481 लोगों में एनल फिशर डायग्नोस किया. इन सभी मरीजों ने बहुत ज्यादा मात्रा में काढ़ा पिया था.

हमने डाक्टरों और न्यूट्रीशनिस्ट्स से बात कर ये समझने की कोशिश की कि काढ़े का सही उपयोग कर, किस तरह साइड इफेक्ट से बचा जा सकता है.

कोरोना संक्रमण में मददगार होता है काढ़ा?

सबसे पहले तो ये समझना जरूरी है कि काढ़ा पीना कोरोना संक्रमण का इलाज नहीं है. एक तय मात्रा में काढ़ा पीने से सिर्फ कोरोना के लक्षणों के दौरान राहत मिल सकती है.

निरोग स्ट्रीट के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ.अभिषेक गुप्ता ने काढ़ा पीने के कई फायदे बताए.

जब कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित होता है तो शरीर के सांस के तंत्र (रेसपिरेट्री सिस्टम) में कई सारे दूषित पदार्थ जमा हो जाते हैं. ये पदार्थ बलगम और खांसी के रूप में सामने आते हैं. शरीर में सर्दी बुखार जैसे लक्षण पैदा होते हैं नतीजतन हम बीमार पड़ जाते हैं. गर्म पानी और आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से युक्त काढ़ा इन पदार्थों के पाचन में मदद करता है और शरीर में ब्लॉक हो चुके कई रास्तों को भी खोलता है. इससे शरीर की ताकत और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वायरल इंफेक्शन कम होने लगता है.

डॉ. अभिषेक गुप्ता, चीफ मेडिकल ऑफिसर, निरोग स्ट्रीट

इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भी काढ़ा पीने की सलाह दी जाती है. हालांकि, मुंबई बेस्ड डायटीशियन और न्यूट्रीशनिस्ट गीता शिनॉय कहती हैं – ”इम्युनिटी बढ़ाने के लिए पर्याप्त नींद लेना और पानी पीना, बैलेंस डाइट, एक्सरसाइज, स्ट्रेस कम करने पर ध्यान देना चाहिए. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा पीना स्थाई और लंबे समय तक काम आने वाला तरीका नहीं है”

यूके के स्कॉटलैंड में NHS में फिजिशियन अविरल वत्स का भी यही मानना है कि काढ़ा पीने से कोरोनावायरस का इलाज नहीं होता.

डॉ. वत्स आगे कहते हैं, ”इम्युनिटी कोई ऑन एंड ऑफ स्विच नहीं है जिसे हम जब चाहें शुरू कर दें. ये हमारे शरीर का काफी जटिल सिस्टम है, जो हमें बाहरी और अंदरूनी बीमारियों से बचाता है. इम्युनिटी कई स्तरों पर काम करती है. ऐसी कोई दवा या विटामिन नहीं है, जो आपकी इम्युनिटी इतनी बढ़ा दे कि वो कोरोना संक्रमण से आपको बचा ले.”

‘ज्यादा मात्रा’ में काढ़ा, मतलब कितना काढ़ा?

निरोगस्ट्रीट में डॉक्टर आंचल महेश्वरी के मुताबिक वयस्कों के लिए 15ml और बच्चों के लिए 10-12ml दिन में दो बार पानी के साथ लेना पर्याप्त है.

हालांकि, डॉ. महेश्वरी आगे ये भी कहती हैं कि काढ़ा आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए. क्योंकि काढ़ा बनाने में जो चीजें इस्तेमाल की जाती हैं, उनका असर क्लाइमेट की अलग-अलग स्थितियों में अलग होता है. डॉ. महेश्वरी आगे बताती हैं, अधिक मात्रा में काढ़ा लेने से उल्टी जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं. वहीं खाने के तुरंत बाद काढ़ा लेने से उबकाई भी आती है.

डॉ. शेनॉय भी इस बात से सहमत हैं कि सामान्य परिस्थितियों में दिन में दो बार काढ़ा लेना पर्याप्त है. उन्होंने कहा, “बुखार, सर्दी, खांसी होने पर काढ़ा कम मात्रा में लेने से लक्षणों को कम करने और राहत देने में मदद मिलती है, लेकिन अधिक मात्रा में लेने से हानिकारक प्रभाव भी सामने आ सकते हैं ”

                                                                                ज्यादा मात्रा में काढ़ा पीना हानिकारक हो सकता है

                                                                                             (फोटो: iStockphoto)

काढ़ा किसे नहीं पीना चाहिए?

डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स की सलाह है कि डायटीशियन से सलाह लेने के बाद ही काढ़ा पीना चाहिए. उदाहरण के तौर पर FIT से बातचीत में डॉ. गुप्ता ने कहा कि अदरक और काली मिर्च का सेवन उन लोगों को नहीं करना चाहिए, जिनके शरीर में गर्मी ज्यादा रहती है. क्योंकि अगर वे काढ़ा पीते हैं तो पेट से जुड़ी समस्याएं और पीरियड्स के दौरान समस्याएं आ सकती हैं.

शिनॉय कहती हैं कि ज्यादा काढ़ा पीना कई तरह की दवाएं लेने वालों और गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकता है.

काढ़े के जो साइड इफेक्ट मैंने अपनी प्रैक्टिस के दौरान देखे हैं, उनमें गैस से जुड़ी समस्याएं और काले मल जैसी दिक्कतें आती हैं. ये सब अल्सर और रक्तस्राव के कारण हो सकता है. काढ़े में ज्यादातर मसाले गर्मी पैदा करने वाले होते हैं. इसलिए जिन लोगों को एसिडिटी या पेट से जुड़ी समस्याएं हैं, उन्हें काढ़े से बचना चाहिए. प्रेगनेंट महिलाएं या जो महिलाएं प्रेगनेंसी की तैयारी कर रही हैं, उनके लिए भी अधिक मात्रा में तुलसी लेना हानिकारक होता है. क्योंकि तुलसी में अल्सर वाला एसिड होता है, जो प्रजनन क्षमता के लिए हानिकारक हो सकता है. इसी तरह अधिक मात्रा में हल्दी का सेवन भी लीवर के लिए हानिकारक हो सकता है.

गीता शिनॉय, डायटीशियन

डॉ. वत्स इस क्षेत्र में पर्याप्त रिसर्च न होने पर जोर देते हैं. ”लोग कहते हैं कि चूंकि काढ़ा प्राकृतिक जड़ी बूटियों से बना है इसलिए इसके कोई नुकसान नहीं होंगे. लेकिन, हम ये नहीं जानते कि वह जड़ी बूटी असल में कितना फायदा पहुंचाती हैं और कितना नुकसान. क्योंकि अब तक इन जड़ी बूटियों के सेवन को लेकर कोई पर्याप्त रिसर्च नहीं हुई है. हर इंसान के शरीर पर काढ़ा पीने का प्रभाव अलग-अलग हो सकता है.”

डॉ. शिनॉय आगे कहती हैं. काढ़ा पीने के बाद जिनके शरीर में साइड इफेक्ट्स सामने आए हैं. उन्हें खाने में काफी ज्यादा मात्रा में पानी शामिल करना चाहिए. इसके अलावा ज्यादातर सब्जियों और फलों का सेवन करना चाहिए. घी, तेल, पैकेज्ड खाना और चाय/कॉफी के सेवन से बचना चाहिए.

काढ़ा कोरोना संक्रमण में राहत दे सकता है. लेकिन, काढ़ा पीने से कोरोना का इलाज नहीं होता. न ही इससे तत्काल इम्युनिटी बढ़ती है. काढ़ा डॉक्टर की सलाह पर एक निर्धारित मात्रा में ही पीना चाहिए.

यह श्रृंखला क्विंट हिंदी और ख़बर लहरिया पार्टनरशिप का अंश है। लेख क्विंट द्वारा लिखा और रिसर्च किया गया है। 

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