जिला बांदा ब्लाक नरैनी और चित्रकूट मे सभी बैंको का हाल एक जैसी है बैंक के बगल मे जनसेवा केन्द्र मे खुले आम कमिशन लिया जाता है एक हजार मे दस रूपये कमिशन लिया जाता है
नरैनी मैं स्टेट बैंक मैं एटीएम में पैसे नहीं होते हैं और बगल में जन सेवा केंद्र होता है तो उसमें पैसे होता है इस तरह से बैंक में कहीं सर्वर डाउन कहीं कुछ पब्लिक लाइन में लगी रहती है लेकिन लेकिन जन सेवा केंद्र में पैसे रहते हैं और हमेशा सरवर जलता हैटीकमगढ़: बत्ती गुल, ढिबरी के सहारे बोर्ड परीक्षा
एटीएम से यदि पैसा निकालते हैं तो 10,000 का ₹100 लेते हैं इस तरह से बैंक में पब्लिक लाइन लगाए रहती है मजबूरी में जन सेवा केंद्र से पैसा निकालना होता है एक तरह से तो अच्छा है जल्दी से पैसा निकल आता है लेकिन किसान मजदूर आदमी होते हुए दिन भर का मजदूरी न नस कान करते हैं
और ऊपर से पैसे निकालने का अलग से पैसा लेते हैं इस तरह से लोग का कितना पैसा लग जाता है इस तरह से नियम में नहीं होना चाहिए की जन सेवा केंद्र से लोगों में से पैसा लिया जाए एक तरह से व्यवस्था तो अच्छी है लेकिन जो पैसा लिया जाता है सरकार को रोक लगाना चाहिए इस तरह से गरीब मजदूर इंसान से पैसा ना लिया जाए या तो बैंक में पूरी व्यवस्था होनी चाहिए एटीएम का पैसा ना चुकाना चाहिए लगभग दसों जन सेवा केंद्र खोले हुए हैं
लोग दूर से आते हैं किराया लगाते हैं और जनसेवा में पैसे निकलवाने का कमीशन भी कटता है पहले से लोगों से पैसे ले लिया जाता है खाता से फिर पैसा निकालते हैं जन सेवा केंद्र के कहना है कि जब बैंक में सरवर नहीं होता
कभी-कभार एटीएम का पैसा खत्म हो जाता है तो लोग आते हैं पैसा निकलवाने उनको पहले से बोल दिया जाता है 1000 का ₹10 कमीशन लगेगा तभी पैसे निकालते हैं
जब से जनसेवा खुला है तब से चार्ज लिया जाता है स्टेट बैंक के बैंक मैनेजर का कहना है की जो अगल-बगल जनसेवा केंद्र खुले हुए हैं वह प्राइवेट हैं उनसे हमारा कोई मतलब नहीं है स्टेट बैंक का एक जनसेवा केंद्र खुला हुआ है नरैनी चौराहा में उसमें कोई कमीशन नहीं लिया जाता है लोगों का निशुल्क पैसा का लेन-देन होता है
बैंक की तरफ से सिर्फ एक ही जन सेवा केंद्र है और जो अगल-बगल हैं वह प्राइवेट है यह अपना बांदा से संपर्क हैं इसलिए इनके लिए हम कुछ नहीं कह सकते एटीएम का पैसा कभी नहीं खत्म होता है हमेशा पैसा एटीएम में रहता है