छतरपुर जिले के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज 13 अक्टूबर को बैंड बाजे के साथ जिला कलेक्टर का घेराव किया है। तकरीबन 500 लोग बैंड बाजे के साथ कलेक्टर कार्यालय के चैंबर के बाहर बैठ नारेबाजी करते दिखे।
इन लोगों का कहना है कि टीचर के रिटायर होने के बाद लोगों को कोई सुविधाएं नहीं दी जा रही है, ना ही पैसा दिया जा रहा है। कई-कई जगह पर टीचर नहीं है। उनकी मांग है कि जहां लड़कियां अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही हैं वहां पर टीचर रखी जाए। लोग टीचर के ऊपर हुए अत्याचार के खिलाफ मांग कर रहे हैं।
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कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर उनकी मांगे 15 दिन के अंदर पूरी नहीं की गई तो वह लोग कलेक्टर कार्यालय के सामने हजारों-करोड़ों की तादाद में बैठकर प्रदर्शन करेंगे जिसका जिम्मेदार प्रशासन होगा।
अध्यापकों के अधिकारों और उन्हें होने वाली परेशानियों को लेकर आये दिन धरना प्रदर्शन और आंदोलन होते रहते हैं। जब तक यह आंदोलन बड़ा रुख नहीं लेता तब तक तो सरकार अध्यापकों के अधिकारों की तरफ़ आंखें मूंदे रखती है। जब समस्या दिखने लगती है तो बस आश्वासन देकर अपना पीछा छुड़ा लेती है। अध्यापक जो देश को शिक्षित करने का काम करता है जब उसके अधिकारों का सरकार द्वारा हनन किया जा रहा है तो आम जनता के अधिकार किस तरह से सुरक्षित रहेंगे?
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