खबर लहरिया चित्रकूट चित्रकूट: महिला प्रधान को क्यों किया जा रहा है पुलिस प्रशासन के तरफ से परेशान?

चित्रकूट: महिला प्रधान को क्यों किया जा रहा है पुलिस प्रशासन के तरफ से परेशान?

चित्रकूट: महिला प्रधान को क्यों किया जा रहा है पुलिस प्रशासन के तरफ से परेशान? जिला चित्रकूट ब्लाक मनिकपुर गावं ददरी पुरवा बेलहरी गांव कार के लोगों का कहना है कि हमारे यहां पानी पीने के काफी समस्या है और काफी दिक्कत हो गई हैं जैसे मैं पानी को लेकर महिला प्रधान रजनी उर्फ राज रानी से बात की तो उनका कहना है कि यहां पर कोई पानी की समस्या नहीं है मैं अपनी तरफ से पूरा प्रयास करती हूं मां के यहां पर हर तरह का विकास नगर दूसरी बात बताई कि मैं अपने प्रधान इन पर काम पर डटी रहती हूं मगर जब मैं काम कराती हैं अपने बेटों से काम कर आती हूं तो हमें भरपूर ओके आकर हमें परेशान करती और काम नहीं करने देती कहती है कि तुम गौरी शंकर यादव की डकैत की मां हो और आप लोग काम करोगे तो हमें 20 पर्सेंट कमीशन चाहिए तभी काम होगी मगर जब मैं इस लेकर खबर को वीडियो से बात की तो उनका कहना है कि इसमें वीडियो और प्रधान की जिम्मेदारी है कि विकास कैसे करवाएं बलवंत जी से बात की तो उनका कहना है कि वह प्रधानी का काम करवाना नहीं चाहते इस कारण से वह ऐसे बोल रही मगर पुलिस ऐसे लोगों को परेशान नहीं करती और पुलिस तो लोगों की सुरक्षा करती है देखभाल करती है और जो डकैत का बात है उसके तो हम अपने टीम के तरफ से कोशिश कर रहे हैं इनाम 100000 है अभी तक होगी है वही सुनो प्रधान से रजनी से बात की तो उनका कहना मेरा बेटा 15 साल पहले गरीबी के कारण और दुश्मनी के कारण वह ऐसे कार्यक्रम के अंत में बदमाशी का नजरिया काम करके थक गया था कि जैसे प्राइवेट जीप चलाना सरकारी भर्ती के लिए नौकरी भी गया था फॉर्म डालने और उसको कोई चीज में काम नहीं मिला यहां से बुंदेलखंड में पहले से भी बदमाशों का इलाका था जैसे ददुआ ठोकिया हमारे बच्चे को घर के लिए उसको खुद में अपना खून में बंदूक उठाकर एक लीडर के रूप में चलाने लगा इसलिए उसको गौरी शंकर यादव कहते हैं आंकड़े मगर हमें ना परेशान किया जाए क्योंकि हम गांव के प्रधान है और गांव का काम करना चाहती हैं जो अपराधी है और उसको कुछ भी करो उससे हम से मतलब नहीं कि वह कह चुका है कि मेरे परिवार वाले मेरे तरफ से मर चुके हैं मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है वह पहले भी 4 साल जेल में रहा मगर अब वह छोड़कर बाकी है और अपना कहीं भी हो हमें नहीं पता तो वही कहना है कि हम लोगों को क्यों परेशान किया जाता है शासन-प्रशासन कई बार मांग की उनका कहना है कि तुम्हारे