खबर लहरिया Blog चित्रकूट : इंसाफ ज़रूरी है या ‘इज्जत’ का ढोंग ?

चित्रकूट : इंसाफ ज़रूरी है या ‘इज्जत’ का ढोंग ?

महिला का आरोप है कि क्लीनिक में उस समय कोई नहीं था। डॉक्टर ने उसको अंदर बिठाया। उसके बाद उसने उसका मुंह दबा दिया और उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया।

                                                                                                                      महिला के गांव की सांकेतिक फोटो

पीरियड के दर्द से बेहाल रैपुरा थाना क्षेत्र के गांव की एक महिला घर से कुछ दूरी पर खुले प्राइवेट क्लीनिक में इलाज के लिए गई। महिला का आरोप है कि झोलाछाप डॉक्टर द्वारा उसके साथ बलात्कार किया गया है। मामला 6 मई 2023 का है, लेकिन परिवार इंसाफ से ज़्यादा इज्जत उछालने और विपक्षियों के डर के कारण महिला को आगे की कार्यवाही न करने का दबाव बना रहा है।

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न्याय पाने के लिए तड़प रही महिला

महिला ने रोते हुए बताया कि जब उसके साथ घटना हुई थी तो उसने प्रदेश में रह रहे अपने पति को यह सारी बात बताई थी। पति ने उसे आश्वासन दिया की वह आ रहा है। उसके बाद डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही कराएगा। घटना के 2 दिन बाद पति घर आ गया लेकिन परिवार के दबाव के कारण पति ने भी चुप्पी साध ली। अब महिला को घर से निकलने नहीं दे रहे हैं कि वह खुद जाकर अपनी लड़ाई लड़ सके।

जानिए क्या है पूरा मामला

महिला बताती है कि उसकी उम्र 37 साल है। शादी के 10 साल हो गए। पीरियड के समय हमेशा से उसको दर्द होता है। उसके दो लड़के और एक लड़की है। परिवार के भरण-पोषण के लिए पति प्रदेश में नौकरी करता है। महिला का पूरा परिवार हमेशा डॉक्टर पप्पू के यहां ही इलाज के लिए जाता था। इस लिए 6 मई को जब पीरियड का दर्द शुरू हुआ तो वह भी इलाज कराने क्लीनिक पहुंची।

महिला का आरोप है कि क्लीनिक में उस समय कोई नहीं था। डॉक्टर ने उसको अंदर बिठाया। उसके बाद उसने उसका मुंह दबा दिया और उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया। महिला ने यह सारी बातें अपने पति को बताई। उसे अपने पति पर पूरा भरोसा था कि वह अपने पति के साथ मिलकर डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही करेगी, लेकिन अब परिवार और पति भी उसका साथ नहीं दे रहे हैं। डॉक्टर की तरफ से 200000 लेकर समझौता कराने का भी दबाव बनाया जा रहा है। महिला कहती है कि उसके परिवार वाले भी उस पर दबाव बना रहे हैं। कहते हैं कि थाने जाओगी सब जगह शोर होगा हमारी जग हंसाई होगी। तुम्हारे तीन बच्चे हैं, तो लोग शादी विवाह में आनाकानी करेंगे। इसलिए पति भी उन्हीं की बातों में आ गया है और कार्यवाही करने के लिए तैयार नहीं हो रहा है।

महिलाओं को ही क्यों दी जाती है इज्जत की दुहाई?

घर के अंदर हिंसा हो या बाहर, इज्जत की दुहाई सिर्फ महिलाओं को ही दी जाती है। हर बात पर महिलाओं का ही मुंह बंद कराया जाता है। खासकर ऐसे लोग जो दुनिया के सामने महिलाओं के मुद्दे पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। महिलाओं की भलाई की दुहाई देते हैं लेकिन असल जिंदगी में वही महिलाओं के दुश्मन भी होते हैं। घर के पुरुष दुनिया भर की महिलाओं के बारे में तो अच्छा सोचते हैं और बोलते हैं लेकिन बात जब अपने घर की महिलाओं पर आती है तो चुप्पी साध लेते हैं।

इस खबर की रिपोर्टिंग सहोद्रा द्वारा की गयी है। 

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