जनपद रामपुर तहसील मिलक में कुम्हार परिवार हो रहे बेरोजगार। पहले लाकडाउन ने फिर चाइनीस लाइटों ने इनके कारोबार को कम कर दिया है। अब मार्केट में चाइनीज़ मिट्टी के बर्तन आने के कारण इन लोगों का कारोबार पूरी तरह से बंद होने की कगार पर है जबकि चाइनीज़ मिट्टी के बने बर्तन सेहत के लिए काफी हानिकारक है। इस चाइनीज़ माल की वजह से कुम्हार परिवार पूरी तरह से बेरोजगार होने की कगार पर हैं।
जबकि कुम्हार हमारे समाज का एक बहुत ही महत्वपूर्ण होता है जो मिट्टी के बर्तन बनाने का कार्य करता है। वह कई तरह के ऐसे आकर्षक बर्तन एवं आवश्यक वस्तुएं बनाता है जो हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण होती है जिनका उपयोग करके हम अपने कार्यों को और सरल बना पाते हैं।
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आज के समय में हम देखते हैं कि लोग आधुनिकता की ओर तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और कई तरह के आधुनिक तथा चाइनीज़ मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करते हैं जो कि सेहत के लिए बहुत ही नुकसानदेह साबित हो रहा है। लेकिन समाज में चाइनीज़ बर्तनों व माल को धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है।
जो लोग आज भी आधुनिकता के पीछे नहीं भागते हैं उन परिवारों में ज्यादातर कुम्हार के बनाए गए हैं। मिट्टी के बर्तन मूर्तियां एवं खिलौनों का उपयोग किया जाता है। मिट्टी से बनाए गए बर्तनों , दिया , खिलौनों आदि को बनाने के लिए काफी मेहनत करना पड़ती है कुम्हार सुबह ही मिट्टी लेने के लिए जाता है और कठिन परिश्रम करके वह बर्तन बनाने योग्य मिट्टी लेता है और बहुत दूर से मिट्टी अपने घर तक लाता है।
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लेकिन समय बदलने से अब यह मिट्टी खोद के नहीं बल्कि खरीद के लाई जाती है तथा मिट्टी के बर्तनों को सेंकने के लिए भी ईधन कुम्हार खरीद के लाते हैं कुम्हार मिट्टी से बर्तनों , खिलौने , व मूर्तियां बनाने के लिए काफी मेहनत करता है जबकि इन लोगों का कहना है कि इस पुश्तैनी काम से अब इनके घरेलू खर्चा भी पूरे नहीं हो पा रहे हैं कभी कभी तो ऐसा भी दिन निकलता है जब इन लोगों की एक रुपए की आमदनी भी नहीं होती।
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