ग्रामीणों ने हमें यह भी बताया कि जिस ठेकेदार के द्वारा पाइपलाइन डलवाने का काम किया गया था, उसने पैसों का काफ़ी ग़बन किया और काम सही तरह से नहीं करवाया, जिसके चलते अब अधिकारियों द्वारा यहाँ दोबारा से खुदाई का काम शुरू करवाया गया है।
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गाँव नरसिंहगढ़ पुरवा में चार साल पहले डली पाइपलाइन में आजतक पानी के सप्लाई की सेवा शुरू नहीं कराई गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि वह लोग कई बार इस बारे में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक विभाग की तरफ़ से कोई सुनवाई नहीं हुई है।
घर-घर पानी पहुंचाने का किया गया था वादा-
ग्रामीणों का कहना है कि उनके गाँव में पानी की बहुत ज़्यादा समस्या है। यह लोग मीलों का सफ़र तय करके आस-पास के गाँवों में मौजूद हंडपम्प या अन्य पानी के स्त्रोतों से पानी लाकर उसका इस्तेमाल करते हैं। लोगों की मानें तो जब चार साल पहले इनके गाँव में पाइपलाइन डाली गई थी, तब इनके मन में उम्मीद जागी थी कि अब गाँव के लोगों को पानी की क़िल्लत से निजात मिलेगा और घर-घर सप्लाई का पानी पहुँचेगा। लेकिन आज इतने साल बाद भी उस पाइपलाइन में पानी की सुविधा नहीं उपलब्ध कराई गई है।
ग्रामीणों ने हमें बताया कि पहले कई बार इन लोगों ने अधिकारियों से यहाँ वॉटर सप्लाई देने की माँग करी, जिसके बाद अधिकारियों द्वारा इस क्षेत्र का सर्वे करवाया गया और यहाँ पाइपलाइन डलवाने के लिए गड्ढे खोदे गए। कुछ ही महीनों में गाँव भर में पाइपलाइन डालने का काम भी ख़त्म हुआ और हर घर में सप्लाई नल भी लगवाए गये, लेकिन जब बात आई यहाँ तक पानी पहुँचाने की तो वापस से सभी कर्मचारियों, अधिकारियों और प्रधान ने चुप्पी साध ली।
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ठेकेदार ने सही से नहीं कराया काम ग्रामीण-
ग्रामीणों ने हमें यह भी बताया कि जिस ठेकेदार के द्वारा पाइपलाइन डलवाने का काम किया गया था, उसने पैसों का काफ़ी ग़बन किया और काम सही तरह से नहीं करवाया, जिसके चलते अब अधिकारियों द्वारा यहाँ दोबारा से खुदाई का काम शुरू करवाया गया है।
दोबारा हो रही इस खुदाई से भी ग्रामीण संतुष्ट नहीं नज़र आ रहे हैं। यहाँ रह रहे लोगों की मानें तो जिस तरह हर साल सड़कों की खुदाई होकर पक्की सड़क बनवाई जाती है और महीने भर में ही सड़क पर वापस से गड्ढे हो जाते हैं। उसी प्रकार इस पाइलाइन की स्थिति हो चुकी है। इस बार भी खुदाई तो हो रही है लेकिन यह काम करेगी या नहीं यह कोई नहीं जानता।
पतले पाइप होने के चलते नहीं पहुंची पानी की सुविधा-
नगर पालिका सीएमएचओ अरोड़ा भदौरिया का कहना है कि इस गाँव में पानी सप्लाई के लिए जो पहले पाइप डाले गए थे, वो काफ़ी पतले थे, जिसके चलते उसमें से पानी जा नहीं पा रहा था। और इसीलिए विभाग की तरफ़ से अब उन पुराने पाइपों को निकाला जा रहा है और उसकी जगह बड़े एवं मोटे पाइप डलवाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि पाइपलाइन डलवाने का काम काफ़ी तेज़ी से चल रहा है और एक महीने के अंदर ही घर-घर में सप्लाई का पानी पहुँचने लगेगा।
उन्होंने हमें यह भी बताया कि पहले ठेकेदारों ने काम अच्छा नहीं किया था इसलिए उन ठेकेदारों को इस बार काम नहीं दिया गया है। इस बार समय-समय पर वो खुद स्वयं जा कर गाँव में काम का मुआयना करते हैं और जो भी कमी होती है उसे पूरा करते हैं।फ़िलहाल छतरपुर जिले में पांच जगहों में पाइपलाइन डलवाने का काम चल रहा है और कई जगह पर पानी सप्लाई भी हो गया है।
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बुंदलेखंड के अलग-अलग हिस्सों पानी की किल्लत आज भी है सबसे बड़ी मुसीबत-
उधर ललितपुर ज़िले के गाँव जरूआपुरा में भी एक साल पहले पाइपलाइन डाली गई थी, लेकिन कुछ महीनों पहले हमारी रिपोर्टिंग के दौरान यह निकल कर आया कि इस गाँव में भी पाइपलाइन दाल जाने के बावजूद भी लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों ने बताया कि उनके गाँव में सिर्फ एक-दो हैंडपंप ही सुचारू रूप से चलते हैं, और उनसे भी आधे-एक घंटे लगातार पानी निकालने के बाद पानी आना बंद हो जाता है। ऐसे में इन ग्रामीणों को इस पाइपलाइन से उम्मीदें तो बहुत थीं पर उन सभी उम्मीदों पर अब पानी फिर चुका है।
आपको बता दें कि इन दो गावों के अलावा बुंदेलखंड के चित्रकूट, बांदा, महोबा आदि के गावों में भी आए दिन पानी की समस्या सामने आती रहती है। लेकिन दुःख की बात तो यह है कि पानी जैसी मूलभूत ज़रूरत लोगों तक पहुंचाने के लिए विभाग और प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। लोगों के एक बार नहीं बल्कि बार-बार शिकायत दर्ज कराने और इनकी मांगों की सुनवाई करने भी कोई आगे नहीं आता। गरीबों और ग्रामीण इलाकों में हर सुख-सुविधा पहुंचाने के लिए चलाई जा रहीं सरकारी योजनाएं भी अब तो ठप्प होती दिख रही हैं। पर हाँ, जब चुनाव का समय आता है तब वही सरकार इन ग्रामीणों से लंबे-चौड़े वादे कर इनका दिल जीत लेती है। ऐसे में क्या यह ज़रूरी नहीं कि समय आने पर लोगों की भी ज़रूरतों को पूरा किया जाना चाहिए?
इस खबर की रिपोर्टिंग अलीमा द्वारा की गयी है।
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